वेकुरोनियम ब्रोमाइड इंजेक्शन के मिसयूज पर सरकार को रोक लगानी चाहिए. यह दवा धीरे धीरे अस्पताल कर्मियों के सुसाइड का कारण बनती जा रही है. ऐसे लगभग आधा दर्जन मामले सामने आ चुके हैं. यह कहना है कि एक्यूरा क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल के डायरेक्टर एवं क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ शेखर चौधरी का. उनका कहना है कि दवाओं के विषय के जानकार लोग इस दवा का मिसयूज कर रहे हैं.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। वेकुरोनियम ब्रोमाइड इंजेक्शन आपरेशन के समय मरीज को बेहोश करने के लिए दिया जाता है। इस इंजेक्शन की आपरेशन के समय मरीज को बेहोश करने के लिए अमूमन 5 से 6 एमजी डोज दी जाती है। यह इंजेक्शन लगने के 2 से 3 मिनट बाद ही अपना काम शुरू कर देता है। इस इंजेक्शन के लगने के बाद मरीज की पैरालिसिस हो जाती है और समस्त मांस पेशी काम करना बंद कर देती हैं। उसके बाद फेफडे भी चलना बंद हो जाते है। यदि उस समय मरीज को वेंटिलेटर पर लेकर आक्सीजन नहीं दी जाए तो 10 से 15 मिनट में मौत हो जाती है।

युवक ने ली इंजेक्शन की डोज
गुरुवार को जिस युवक ने एक होटल में सुसाइड की थी। उसने इसी दवा की डोज ली थी। वह अस्पताल का कर्मचारी भी था। और अस्पताल के ऑपरेशन कक्ष तक आसानी से आ जा सकता था। इस वजह से उसको इसके इस दवा के विषय में पूरी जानकारी थी और उसने इसका इस्तेमाल किया जिससे कि उसकी मृत्यु हो गई। डॉ। चौधरी के मुताबिक सरकार को पालिसी बनाकर इस दवा के उपयोग पर गाइडलाइन जारी कर कठोरता से उसका पालन कराना चाहिए।

Posted By: Inextlive