सरकार के लिए 'संजीवनी' बन रहा जुर्माना
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लोगों पर नौ दिन में मास्क न लगाने पर हुई कार्रवाई 13.04 लाख रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले गए 600 रुपये है आक्सीजन का बड़ा सिलेंडर फिल करने की कीमत 2173 बड़े सिलेंडर में जुर्माना की राशि से भरवाया जा सकता है ऑक्सीजन 380 रुपये में रिफिल होता है छोटा आक्सीजन सिलेंडर 3431 छोटे सिलेंडर रिफिल कराए जा सकते हैं जुर्माने की राशि से सख्ती के बाद भी मास्क लगाकर घर से निकलने से परहेज कर रही पब्लिक पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई के आंकड़े देते हैं पब्लिक की लापरवाही की गवाहीकोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का मतलब है खुद की जान खतरे में डालना। परिवार के बाकी सदस्यों के बीच ऐसा खतरा लेकर पहुंचना जो पूरे परिवार पर भारी पड़ जाए। यह तथ्य पूरी दुनिया मानने लगी है कि मास्क लगाना ही कोरोना का संक्रमण रोकने का सबसे बड़ा हथियार है। इसके बाद भी हजारों लोग ऐसे हैं जो इसकी परवाह तक नहीं कर रहे। बगैर मास्क घूम रहे लोगों से नौ दिन में जुर्माने के रूप में 13 लाख से अधिक रुपये वसूल किये गये हैं। जुर्माने के तौर पर वसूल किये गये पांच सौ रुपये तक की राशि से इतना एमाउंट जमा हो गया है कि आक्सीजन के लिए तड़प रहे सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा सके। करीब ढाई सौ लोगों का अंतिम संस्कार किया जा सके।
कार्रवाई के दूसरे पहलू पर करें गौरकोरोना कॉल में मास्क और सोशल डिस्टेंस को लेकर जिले भर की पुलिस एक्टिव है। शहर से लेकर गांव तक नो-मास्क में मिले लोगों के चालान किए जा रहे हैं। ऐसे लोगों से जुर्माने के रूप में पुलिस रुपये भी वसूल रही है। एक से नौ मई तक पुलिस की चेकिंग में 3,507 लोग बगैर मास्क के मिले। जबकि पुलिस बार-बार बगैर मास्क न निकलने की अपील कर रही है। खैर, इन लोगों से नो-मास्क के तहत नौ दिनों में 13 लाख 4000 हजार रुपये बतौर जुर्माना वसूला गया। यह तो कोरोना संक्रमण कॉल के लॉक डाउन में एक पहलू है। इसका दूसरा पहलू भी है। दूसरा पहलू यह है कि जिले में वसूले गए इन रुपयों से ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे सैकड़ों लोगों को सरकार राहत दे सकती है। इसे थोड़ा बारीकी से समझने की जरूरत है। दरअसल एक बड़े सिलेंडर में ऑक्सीजन भरवाने का रेट करीब 600 रुपये बताया जाता है। यदि इस रेट पर ध्यान दें तो नौ दिनों में जुर्माने के रूप में वसूले गए रुपयों से सरकार लगभग 2173 सिलेंडर में ऑक्सीजन भरवा सकती है। प्रति मरीज को एक ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत करीब सात दिनों तक पड़ती है। इस तरह जिले के लोगों से वसूले गए 13 लाख 4000 जुर्माने की रकम से 300 लोगों को सरकार पर्याप्त ऑक्सीजन का प्रबंध कर सकती है।
छोटे सिलेंडरों का भी हो सकता है प्रबंध एक छोटे सिलेंडर में में ऑक्सीजन भरवाने का रेट करीब 380 रुपये बताए जाते हैं। इस तरह नौ दिनों में वसूले गए 13 लाख 4000 इन रुपयों से 3431 सिलेंडर में ऑक्सीजन फिल कराया जा सकता है। मतलब यह कि वसूले गए इन रुपयों से सरकार सैकड़ों लोगों को छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर का भी प्रबंध कर सकती है। किस दिन कितने लोगों से वसूले जुर्माना डेट नो-मास्क व्यक्ति जुर्माना 01 मई 380 93700 02 मई 139 8410003 मई 70 50000
04 मई 227 127000 05 मई 621 188750 06 मई 635 216200 07 मई 514 271900 08 मई 492 204050 09 मई 429 182600 -------------------------- 09 दिन 3,507 1,304,000 260 लोगों का हो सकता है अंतिम संस्कारअकेले नौ दिनों में वसूले गए नो-मास्क पर जुर्माने की रकम से केवल ऑक्सीजन के प्रबंधन ही नहीं हो सकते। यदि सरकार चाहे तो इन रुपयों से 260 ऐसे लोगों का अंतिम संस्कार करवा सकती है, जिनकी कोरोना से डेथ हुई और कोई उनका अंतिम संस्कार करने वाला नहीं है। क्योंकि नौ दिनों में पुलिस द्वारा 13 लाख 4000 रुपये का जुर्माना वसूला गया है। एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार का रेट 4000 रुपये निर्धारित किए गए हैं। यदि यह रेट 5000 भी मान लें तो जुर्माने की रकम से सरकार जिले में मरने वाले 260 लोगों का अंतिम संस्कार इन रुपयों से करवा सकती है।