पीडीए की निगरानी वाली जमीन की हो गयी प्लाटिंग
उम्र कैद की सजा होने पर जेल गया था मालिक, छूटकर आया तो अफसरों से लगायी गुहार
पीडीए ने जारी की नोटिस, दर्जनो घरों पर लटकी ध्वस्तीकरण की तलवार अपराध साबित हो गया तो कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुना दी। कोर्ट के आदेश पर जेल चला गया तो सीलिंग डिपार्टमेंट ने जमीन देखरेख के लिए प्रयागराज विकास प्राधिकरण को सौंप दी। जमीन का मालिक जेल से छूटकर बाहर आया तो पता चला कि उसकी जमीन पर इमारतें खड़ी हो गयी हैं। उसने ऑफिसर्स के चक्कर लगाने शुरू कर दिये। इसकी जानकारी पीडीए को हुई तो अफसर सन्नाटे में आ गये। आनन-फानन में एक दर्जन से अधिक घरों पर जमीन खाली करने की नोटिस चस्पा हो गयी है। इससे हड़कंप मचा हुआ है। करेली एरिया का है मामलाप्रकरण करेली एरिया के वशीहाबाद का है। एक्चुअली रसूलपुर तुलसीपुर के रहने वाले युसुफ खान के बेटे मुन्ने खां को आपराधिक मामले में उम्र कैद की सजा सुनायी गयी थी। उसके नाम वशीहाबाद एरिया में करीब 12 बीघा जमीन थी। मुन्ने के जेल जाने के बाद प्रशासन ने उसकी जमीन का बड़ा हिस्सा सीलिंग में डाल दिया। सीलिंग में गई जमीन देखरेख के लिए प्रयागराज विकास प्राधिकरण को सुपुर्द कर दी गई। इसकी फाइल भी पीडीए को भेज दी गयी।
जेल से छूटकर आया तो पीट लिया माथा
उधर, सजा पूरी करके मुन्ने खां जेल से छूटे और अपनी जमीन का हाल जानने पहुंचे तो माथा पीट लिया। पता चला कि उसकी जमीन पर बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी हो चुकी हैं। पड़ताल करने पर पता चला कि सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से कागजात में हेराफेरी करके करोड़ों का गोरखधंधा किया गया। जमीन को प्लाटिंग करके बेच दिया गया। यह देखकर मुन्ने खां ने अफसरों के चक्कर लगाना शुरू कर दिया। यहां किसी ने उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया तो उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली। इसके बाद पीडीए अफसरों की भी नींद टूटी और वे एक्शन मोड में आ गये। अब पीडीए ने इसरार, नदीम, फहीम, रजिया, महबूब, सुल्तान, बद्री, निषाद अंजुम, शफातउल्ला, इरफान आदि को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जारी हो चुकी है नोटिसपीडीए ने करीब एक दर्जन मकान मालिकों और प्लाट मालिकों को ध्वस्तीकरण का नोटिस थमा दिया है। नोटिस मिलने के बाद लोगों के होश उड़ गए हैं। पीडीए के अफसरों ने ध्वस्तीकरण के लिए फोर्स मांगी है। उधर, ध्वस्तीकरण का लेटर मिलने के बाद खलबली मच गई है। जमीन खरीदकर मकान बनवा चुके लोग परेशान हैं। उनकी लाखों की गाढ़ी कमाई डूबने के कगार पर पहुंच गयी है। मकान गिरने की नौबत आ जाने पर उन्होंने पीडीए का चक्कर लगाना शुरू कर दिया है लेकिन इसका कोई साल्यूशन उन्हें नहीं मिला है। पीडीए ने अपनी तरफ से हाथ खड़े कर दिये हैं। अफसरों का कहना है कि कब्जा अवैध है और इसे खाली कराया जाना जरूरी है। इसके लिए पीडीए ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
फिलहाल नोटिस जारी करके सभी से जवाब मांगा गया है। अभी तक जो तथ्य सामने आये हैं उसके मुताबिक अवैध कब्जा है। सभी को दो दिन का मौका दिया गया है कि वे अपनी बात रख सकें। इसके बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। जमीन खाली कराने के समय कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए फोर्स की डिमांड भेज दी गयी है। आलोक पांडेय जोनल ऑफिसर, पीडीए