चोरी गया मोबाइल लेने पुलिस लाइंस पहुंची महिला ने लगाया घूस मांगने का आरोपपुलिस बरामद किये थे चोरी व छिनैती के 80 मोबाइल प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ही महिला ने उड़ाये अफसरों के होश पुलिस लाइंस में मौजूद पुलिसवालों के चेहरे खिले हुए थे. गुड वर्क बताने के लिए प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे एसपी क्राइम सतीश चंद्र. मौका था चोरी और छिनैती के मोबाइल बरामद होने का खुलासा करना. पुलिस ने उन्हें भी बुलाया था जिनके साथ छिनैती हुई थी या जिनका मोबाइल चोरी हुआ था. सब कुछ पुलिस के फेवर में था. गलती बस इतनी हो गयी कि पुलिस ने अपनी बात को और प्रभावशाली बनाने के लिए एक महिला को मीडिया के सामने कर दिया जो अपना मोबाइल लेने आयी थी. इस महिला ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि उसे बुलाने के लिए कॉल करने वाले पुलिसवाले ने पांच हजार रुपये लेकर आने को कहा था. यह रुपये उसने मांगने वाले व्यक्ति को दे भी दिया गया है.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। यह सुनते ही एसपी क्राइम सन्नाटे में आ गये। तत्काल महिला को पुलिसवाले की पहचान कराने में लगा दिया गया। खोजबीन हुई तो पता चला कि वह गायब हो चुका है। उसे पुलिस विभाग के ही एक अधिकारी का ड्राइवर बताया गया है। उसे महिला अधिकारी ने प्राइवेट तौर पर रखा हुआ है। इस पर एसपी क्राइम ने सफाई दी कि जिसने भी ऐसा किया है उसे बख्शा नहीं जाएगा। उसे पकड़ा जायेगा। कार्रवाई की जाएगी और महिला से वसूले गये पैसे भी वापस करवाये जाएंगे।
चेक करके ही खरीदें सेकंड हैंड मोबाइल
सस्ते के चक्कर में सेकंड हैंड मोबाइल खरीदने जा रहे हैं थोड़ा रुकिए। पहले मोबाइल के बारे में अच्छी तरह पड़ताल करिए। यदि मोबाइल वैध रसीद और कागजात हों, तभी उसे खरीदिए। क्योंकि यह मोबाइल चोरी और छिनैती का भी हो सकता है। चोरी का मोबाइल आप खरीद कर मुसीबत में भी फंस सकते हैं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला शनिवार को सामने आया है। जिले भर में लोगों के द्वारा खरीदे गए ऐसे 80 मोबाइल बरामद किए गए हैं। सर्विलांस टीम द्वारा थोक के भाव में बरामद किए गए मोबाइल की कीमत लाखों में है। यह बरामदगी घटना के बाद लोगों द्वारा की गई शिकायत के आधार पर की गई। मिले हुए मोबाइल को खोज कर पुलिस द्वारा शिकायत करने वाले सही ओनर को सौंपा गया। महीनों से चोरी हुए व छीने गए मोबाइल को पाकर पीडि़तों का चेहरा खिल उठा।

सर्विलांस सेल की मेहनत लाई रंग
जिले में मोबाइल की चोरी और छिनैती की घटनाएं पिछले दिनों काफी हुई हैं। चुनाव के दौरान नेताओं की सभाओं में पहुंचे तमाम लोगों के भी मोबाइल गायब हो गए थे। अचानक बढ़ी मोबाइल छिनैती की घटना को देख चुनाव में व्यस्त पुलिस हरकत में आ गई। एसपी क्राइम ने शिकायतों की जांच सर्विलांस सेल को सौंप दी। सर्विलांस सेल टीम द्वारा एक-एक मोबाइल के ईएमआई नंबर से ट्रेस करने में जुट गई। करीब एक महीने की कड़ी मेहनत के जरिए टीम के द्वारा 80 मोबाइल ट्रेस किए गए। लोकेशन के आधार पर पुलिस चोरी व छिनैती के इस मोबाइल को यूज कर रहे लोगों तक जा पहुंची। पुलिस द्वारा जब पूछताछ की गई तो मालूम चला कि पकड़े गए लोग किसी दूसरे से सस्ते में सेकंड हैंड मोबाइल खरीदे थे। मोबाइल चोरी या छिनैती का है, उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी। खरीदने से पहले उन लोगों इस इसके बारे में पता लगाना भी मुनासिब नहीं समझा। वह लोग जिनसे मोबाइल खरीदे थे पुलिस उन तक भी पहुंची। मगर, पता यह चला कि वह भी किसी से सस्ते के फेर में सेकंड हैंड समझकर मोबाइल खरीदे ही थे। बहरहाल, पुलिस सहानुभूति दिखाते हुए मोबाइल को यूज कर रहे लोगों को छोड़कर मोबाइल जब्त कर ली। इसके बाद बरामद सभी 80 मोबाइल के मालिकों यानी घटना के शिकार लोगों को कॉल करके बुलाया गया। पुलिस लाइंस में पहुंचे लोगों को उनके मोबाइल पुलिस द्वारा वापस कर दिए गए। हाथ से जा चुके महंगे मोबाइल को पाकर सभी पीडि़तों के चेहरे पर मुस्कान थिरक पड़ी।

मैं पिछले वर्ष 17 दिसंबर को एक काम से फाफामऊ आया था। चार पहिया गाड़ी का शीशा खुला था सीट पर मोबाइल रखकर पास में पानी पीने चला गया। लौटा तो मोबाइल गायब था। शिकायत तुरंत मैने पुलिस से की थी। प्रयागराज पुलिस की मेहनत से मेरा मोबाइल मुझे मिल गया। हालांकि मैं उम्मीद छोड़ रखा था।
सूरज सोनी, मानधाता पतापगढ़

मेरे पिता जी प्रयागराज पुलिस विभाग में हैं। हम सभी पुलिस लाइंस में ही रहते हैं। पिछले महीने मेरा मोबाइल गायब हुआ तो हमने शिकायत की थी। पुलिस की मेहनत का नतीजा है कि मेरा मोबाइल फिर मिल गया। मैं पुलिस को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। मेरी जानिश में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोगों के गायब मोबाइल बरामद किए गए हैं।
गौरव मिश्रा, पुलिस लाइंस

मैं एक समाजसेविका हूं। 26 नवंबर को एक नेता की सभा में नैनी गई थी। वहां मेरा मोबाइल भीड़ में गायब हो गया था। घर पहुंची तो इस बात की जानकारी हुई। तब ऑनलाइन शिकायत पुलिस से करी थी। पुलिस की जितनी तारीफ करूं वह कम है। टीम की मेहनत का ही परिणाम है कि मेरा गायब हुआ मोबाइल फिर मिल गया।
निशा गोदनानी, सिविल लाइंस

मूलरूप से मेरा घर हरदोई जिले में है, मगर यहां रामबाग में रहकर तैयारी करती हूं। बाइक सवार मेरा मोबाइल छीन कर रामबाग से ही भाग गए थे। हमने थाने में शिकायत करी थी। आज मेरा छीना हुआ मोबाइल मिल गया। पुलिस का मैं आभार व्यक्त करती हूं। प्रयागराज पुलिस मेहनत नहीं करती तो आज भी मोबाइल नहीं मिलता।
शैलजा सिंह, रामबाग

गांव में बेचे गए थे अधिकांश मोबाइल
एसपी क्राइम ने कहा कि इस काम को उनके जरिए सर्विलांस प्रभारी को सौंपा गया था। उन्होंने मोबाइल सर्च करने के काम में कांटेबल प्रवीण कुमार मिश्र, बलवंत यादव, सुधांशु शेखर राय, राजेश यादव, महिला कांस्टेबल पुत्तन अग्निहोत्री, सौरभ उत्तम, अंकित मिश्रा, सुधीर कुमार सहित कुल दस जवानों को लगाया था। टीम द्वारा करीब एक महीने तक सारे मोबाइल को सर्च करने में मेहनत किया गया। लोगों के चोरी व छिनैती हुए ज्यादातर मोबाइल ग्रामीण क्षेत्रों से बरामद किए गए हैं। इसके पीछे एक बड़ी वजह है। गांव के लोग सस्ते के चक्कर में चोरी व छिनैती के मोबाइल को सेकंड हैंड समझ कर ज्यादा खरीदते हैं। यही वजह है कि ज्यादा बरामदगी भी ग्रामीण क्षेत्रों से हुई है।

सर्विलांस टीम द्वारा सराहनीय कार्य किया गया है। बरामद किए गए सभी मोबाइल महंगे हैं। जिनके पास से मोबाइल मिले हैं उन्हें चेतावनी देकर छोड़ा गया है। हालांकि पहली बार कौन और किससे इस मोबाइल को खरीदा था। उनका पता लगाया जा रहा है।
सतीशचंद्र, एसपी क्राइम

Posted By: Inextlive