वीकेंड पर भी मिले मार्केट खोलने की इजाजत
- सरकार के नियमों से परेशान हैं रेस्टोरेंट और होटल मालिक
- टाइमिंग चेंज किए जाने की हो रही है मांग, प्रभावित है सेल प्रयागराज- रेस्टोरेंट और होटल संचालक परेशान हैं। कोरोना का प्रकोप कम हो गया लेकिन नियमों का दबाव कम होने का नाम नही ले रहा है। सरकार ने रात नौ बजे तक मार्केट खोलने की परमिशन दी है और साथ ही सैटरडे और संडे को बंदी का ऐलान किया है। ऐसे में सबसे ज्यादा मार इस सेक्टर को पड़ रही है। संचालकों का कहना है कि जब वीकेंड में बिक्री का समय आता है तब उनके रेस्टोरेंट में ताला लग जाता है। इससे उनका काफी नुकसान होता है। गवर्नमेंट ने सैटरडे और संडे के लॉक डाउन में व्यापारियों को ढील देनी होगी। नौ बजे के बाद होती है भीड़रेस्टोरेंट संचालकों का कहना है कि नौ बजे रेस्टोरेंट बंद करने की टाइमिंग दी गई है। लेकिन यह वही समय है जब लोग अपने घरों से निकलकर इंज्वायॅ करने या खाना खाने निकलते हैं। इसलिए गवर्नमंट को कम से कम एक घंटे का समय बढ़ाना चाहिए। जिससे रेस्टोरेंट संचालक अपनी बिक्री को बढ़ा सकें। बदले में रेस्टोरेंट कोविड से बचाव के नियमों का पूरा पालन करने को तैयार है।
दो दिन खोलने की परमिशन दीजिएसैटरडे और संडे को वीकेंड पर सरकार ने लॉक डाउन घोषित कर रखा है। इस दौरान शहर के तमाम रेस्टोरेंट बंद रहते हैं। इसको लेकर भी संचालक परेशान है। उनका कहना है कि लास्ट ईयर भी गवर्नमेंट ने सबसे बाद रेस्टोरेंट खोलने की परमिशन दी थी। जिससे हमारा काफी नुकसान हुआ था। इस बार भी सैटरडे और संडे बंदी होने से हमारी बिक्री काफी प्रभ्ज्ञावित हो रही है। वीकेंड पर लोग घर से बाहर निकलते हैं। तब वह होटल और रेस्टोरेंट में फूडिंग का मजा भी लेते हैं। लेकिन अभी ढील नही देने से बिक्री कम है और इससे स्टाफ की सैलरी निकालना भी मुश्किल हो रहा है।
सभी के लिए बराबर हो नियमरेस्टोरेंट संचालकों का कहना है कि आखिर ठेलों पर बिकने वाले चाट और समोसे को खाने से कोरोना नही फैलता है क्या। इनको पुलिस बंद कराने नही जाती। यह लोग रात दस बजे तक आसानी से बिक्री करते हैं। इनके भीड भी बहुत होती है। लेकिन जो रेस्टोरेंट कोरोना से बचाव के साथ काम कर रहे हैं उनको बंद करा दिया जा रहा है। संचालकों का कहना है कि सरकार गिरते व्यापार को देखते हुए सभी के साथ समान व्यवहार करें और समय में थोड़ी राहत देना शुरू करें।
मेरी मांग है कि रोजाना की टाइमिंग को नौ के बजाय दस कर दिया जाना चाहिए। जिससे बिक्री का ग्राफ बढ़ जाए और रेस्टोरेंट को भी दूसरे व्यापार की तरह फायदा प्राप्त हो।
प्रांजल पांडेय, एंजल फूड डिस्टिक्ट सिविल लाइंस सोमवार से लेकर शुक्रवार तक कोरोना का डर कम है और वीकेंड पर अचानक संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह तर्क समझ से परे है। गवर्नमेंट को सैटरडे और संडे को रेस्टोरेंट को खोलने की परमिशन देनी चाहिए। रजनीश कुमार अग्रवाल कस्बा रेस्टोरेंट सिविल लाइंस गवर्नमेंट को टाइमिंग में थोड़ा रिलैक्स देना होगा। जिससे कम से कम फूडिंग का बिजनेस तो आगे बढ़े। अभी तो ह म लोग नुकसान का सामना कर रहे हैं। राजीव रंजन अग्रवाल, होटल नवीन कांटीनेंटल लोगों को थोड़ा डिफरेंट फील की तलाश है। वह घूमना फिरना चाहते हें। टेस्ट चेंज करने के लिए वह वीकेंड पर इंज्वॉय करना चाहते हैं। हम लोग नियमों का पालन कर रहे हैं और अब सरकार भी ढील दे। शाश्वत अग्रवाल, होटल कान्हा रेजीडेंसी