कितनों को दें जवाब, गला दे रहा 'जवाब'
इंक्वायरी काउंटर पर ट्रेन के आने-जाने की टाइमिंग के साथ प्लेटफार्म नंबर लिखकर आराम फरमा रहे कर्मचारी
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के रियलिटी चेक में प्राइवेट व सरकारी इंक्वायरी काउंटर की हकीकत आई सामनेPRAYAGRAJ: डिजिटल इंडिया के दौर में रेलवे की जानकारी अब तकनीकी रूप से मिल जाती है। जिसके कारण बहुत कम ही लोग पूछताछ के लिए इंक्वायरी काउंटर पर जाते हैं। जो जाते भी हैं उनको सही से जवाब नहीं मिल पाता है। जबकि यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे स्टेशन पर इंक्वायरी काउंटर बनाया जाता है। इसी परेशानी को देखते ज्यादातर रेलवे के इंक्वायरी काउंटर को प्राइवेट हाथों में सौंपा गया। लोगों द्वारा बार-बार मिल रही शिकायत के बाद बुधवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने सिटी के अंदर बने तीन रेलवे स्टेशन के इंक्वायरी काउंटर का रियलिटी चेक किया। लगभग लोगों का एक ही जवाब था कितनों को दिनभर में जवाब दिया जाये। गला दर्द होने लगता है।
तीन में से एक है प्राइवेट हाथ मेंरेलवे स्टेशन के इंक्वायरी काउंटर पर अक्सर देखने को मिल जाता है। वहां मौजूद कर्मचारी या तो सो रहा होता है या फिर मुंह में पान व गुटखा भरा बैठा रहता है। कुछ भी पूछने पर बोर्ड पर लिखे ट्रेन का नाम, टाइमिंग व प्लेटफार्म नंबर की तरह इशारा करता है। बता दें कि प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज संगम, प्रयागराज रामबाग स्टेशन में से प्रयागराज रामबाग इंक्वायरी काउंटर प्राइवेट कंपनी के हाथों में है।
केस वन रामबाग रेलवे स्टेशन इंक्वायरी काउंटर रिपोर्टर - खिड़की बंद थी। आवाज देने पर कुछ देर वाइट कलर का बोर्ड हटा तो कुर्सी पर बैठा एक व्यक्ति दिखा कर्मचारी - इशारे में बोले रिपोर्टर - दिल्ली के लिए कोई ट्रेन है क्या कर्मचारी - वाइट कलर के बोर्ड पर कुछ ट्रेनों की लिखी हुई डिटेल्स पर उंगली से इशारा किया रिपोर्टर - इसके अलावा कोई दूसरी ट्रेन तो नहीं है कर्मचारी - खिड़की बंद कर गायब हो गया केस टू प्रयागराज जंक्शन इंक्वायरी काउंटर पर था सन्नाटा रिपोर्टर - काउंटर पर कोई है क्या, काफी देर तक आवाज देने पर भी कोई नहीं दिखा। कुछ दूरी पर एक रेलवे कर्मचारी यूनिफार्म पहने खड़ा दिखाई पड़ा। रिपोर्टर - कोई काउंटर पर नहीं क्या? कर्मचारी - अभी तो थे शायद कहीं गए होंगे रिपोर्टर - ट्रेन की जानकारी लेनी है कर्मचारी - बोर्ड पर लिखा है देख लीजिएरिपोर्टर - जिस ट्रेन के बारे में जो पूछना चाह रहा हूं वह नहीं लिखा है
कर्मचारी - तब तो वेट करें उनके आने का, कुछ देर बाद एक व्यक्ति बैठा दिखा लेकिन खिड़की से काफी दूर था रिपोर्टर - भाई साहब जानकारी चाहिए थोड़ा सुन लीजिए, उधर से आवाज आई कितनों को दिनभर पास आकर जवाब दिया जाये केस थ्री प्रयागराज संगम इंक्वायरी काउंटर वहां कुछ लोगों की भीड़ लगी थी, लेकिन बोर्ड पर लिखा देखकर चले जा रहे थे रिपोर्टर - बिहार तरफ जाने वाली कोई ट्रेन है क्या, काफी देर इशारे में बात करता रहा, कुछ देर बाद जवाब मिला। कर्मचारी - जो भी ट्रेन है उनकी डिटेल्स बोर्ड पर है रिपोर्टर - पढ़ नहीं पाते हैं कर्मचारी - थूकने के बाद धीरे से आवाज में जवाब दिया, ऐसी प्रॉब्लम अक्सर लोग यहां बताते हैं।