कोविड के बाद से बढ़ गई घटनाएं युवाओं के मामले अधिक हेल्थ सप्लीमेंट और कोरोना बना है बड़ा कारण हार्ट अटैक पडऩे के बाद तीन घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचाने पर बच सकती है जान

प्रयागराज ब्यूरो । प्यार में धोखा देने वाला दिन अब जीवन के लिए भी धोखेबाज हो चला है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब बिना किसी पूर्व लक्षण के अचानक लोगों को हार्ट अटैक पडऩे से जान पर बन आई। कोरोना काल के बाद ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं। प्रयागराज में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। इसको लेकर मेडिकल साइंस खुद चिंतित है। डॉक्टर्स का कहना है कि लोगों को अब बिना किसी कारण छह माह में एक बार हार्ट की जांच करा लेनी चाहिए।


इनको माना जा रहा है बड़ा कारण
बिना किसी पूर्व लक्षण हार्ट प्राब्लम होने के मामले में डॉक्टर्स दो कारणों को बड़ा मान रहे हैं। उनका कहना है कि युवा आजकल हेल्थ सप्लीमेंट का अधिक यूज कर रहे हैं। इनमें कई लोकल ब्रांड भी शामिल हैं जिनमें अननेचुरल प्रोडक्ट मिलाए जाते हैं। यह हार्ट पर खराब असर डालते हैं। इसी तरह कोरोना के दौरान बहुत से लोग संक्रमित हुए थे। उनका खून संक्रमण के चलते मोटा हो गया था। यह भी एक बड़ा कारण बना हुआ है। यही वजह से लोगों को अचानक हार्ट अटैक की समस्या हो रही है।
रोजाना पांच नए मामले दे रहे दस्तक
एमएलएन मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलाजी विभाग में वर्तमान में हार्ट अटैक के रोजाना पांच नए मामले आ रहे हैं। इनमें से जो मामले अटैक पडऩे के तीन घंटे के भीतर अस्पताल पहुंच गए हैं उनका सर्वाइवल बढ़ गया। हालांकि दिल से जुड़ी तमाम बीमारियों के मरीजों के अस्पताल पहुंचने की संख्या रोजाना 15 से 20 बनी हुई है। इसके अलावा शहर के कुछ प्राइवेट अस्पतालों में भी हार्ट अटैक के मामले रोजाना पहुंच रहे हैं। इनमें से तीस फीसदी लखनऊ एसजीपीजीआई रेफर किए जा रहे हैं।
सोसायटी के लिए चिंता का विषय
इस समय दिल की बीमारी के मामले में सबसे चिंता का विषय युवाओं में तेजी से बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले हैं। खासकर चालीस साल से कम उम्र के युवाओं में दिल से जुड़ी समस्याओं का बढऩा है। डॉक्टर्स का कहना है कि यह स्मोकिंग और एल्कोहल का सेवन भी बढ़ा है। यह बात युवाओं के हार्ट अटैक के मामलों में फीड बैक में सामने आई है। अधिक नशा करने और अनियमित लाइफ स्टाइल फालो करने से कम उम्र में भी दिल का दौरा पड़ सकता है।
अचानक हार्ट अटैक वाले एग्जाम्पल

वन- बेनीगंज के रहने वाले संदीप तिवारी दो माह पहले खाना खा रहे थे तभी अचानक सीने में दर्द उठा। वह गैस की समस्या समझकर बेड पर लेट गए। दवा भी खाई। लेकिन राहत नही मिली। शाम को उन्होंने ईसीजी कराई तो उसमें हार्ट अटैक की पुष्टि हो गई। अस्पताल में उनका इलाज हुआ। लेकिन एक सप्ताह बाद दो और अटैक पडऩे से उनकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि पूर्व में उन्हें कोई लक्षण नही आए थे।
टू- मुट्ठीगंज के रहने वाले लकड़ी व्यापारी दीपेश गुप्ता अपनी बेटी का बीटेक में एडमिशन कराने बंग्लुरु गए थे। ट्रेन से वापस लौट रहे थे तभी बेचैनी सी महसूस हुई और सांस लेेनें में दिक्कत महसूस हुई। सीने में दर्द होने पर वह किसी प्रकार प्रयागराज तक आए। यहां आने पर एंजियोग्राफी कराई तो हार्ट अटैक की पुष्टि हुई। डॉक्टर ने तत्काल एंजियोप्लास्टी कर उनकी जान बचाई। उनको भी पूर्व में कोई लक्षण नही आया था।
थ्री- करछना के रहने वाले इमरान एक दवा कंपनी में काम करते हैं। डेढ़ माह पहले अचानक उनके सीने में दर्द हुआ। जांच में पता चला कि उन्हें हार्ट अटैक पड़ा है। उन्होंने बताया कि कभी उन्हें कोई ऐसा लक्षण नही दिखा। हालांकि वह जिम जाते हैं और फूड सप्लीमेंट भी लेते हैं। उनका इलाज चल रहा है और डॉक्टरो ंने उन्हें बहुत अधिक मूवमेंट करने से फिलहाल मना किया है।
इन लक्षणों से होशियार
सीने में सीने में दर्द या भारीपन
पसीना आना
कंधे में दर्द
जबड़े में दर्द
चलने फिरने में सांस फूलना और घबराहट
उल्टी या मितली आना
यह जांच कराने से चलता है पता
ट्राप टी टेस्ट
ईसीजी
ब्लड प्रेशर टेस्ट
शुगर टेस्ट
फैक्ट फाइल
मेडिकल कॉलेज में रोजाना भर्ती होने वाले हार्ट के मरीजों की संख्या- 20
हार्ट अटैक के मामले- 5
हार्ट अटैक के बाद गोल्डन आवर्स- 3 घंटे


फूड सप्लीमेंट और कोरोना एक बड़ा कारण बनकर सामने आया है। यही कारण है कि अचानक लोगों को हार्ट अटैक की शिकायत हो रही है। सबसे चिंता की बात 40 साल से कम उम्र के केसेज का सामने आना है।
डॉ। पीयूष सक्सेना, एचओडी, मेडिसिन विभाग एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज
वर्तमान सिनेरियों में लक्षण का इंतजार मत करें। निश्चित समय के भीतर अपने हार्ट से जुड़े टेस्ट कराते रहें। ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल की जांच कराना भी फायदेमंद साबित हो सकता है। इससे आने वाले खतरे का अंदाजा हो जाएगा।
डॉ। मो। शाहिद, कार्डियोलाजिस्ट, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज

Posted By: Inextlive