करा लें मैरिज रजिस्ट्रेशन नहीं तो बिगड़ जाएंगे नौ काम
प्रयागराज ब्यूरो । शादी के बाद यदि आप मैरिज रजिस्टे्रशन नहीं कराए तो आज इस खबर को गौर से पढि़ए। क्योंकि इस खबर में हम आप को जो बताने जा रहे हैं, उसे जानकर आप की आंखें खुल जाएंगी। यदि आप के पास मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नहीं है तो बने बनाए एक दो नहीं पूरे नौ काम रुक जाएंगे। पत्नी के साथ विदेश में बसना तो दूर जाने का भी सपना छोड़ दें। क्योंकि देश ही नहीं विदेश तक में कई ऐसे काम हैं, जहां पर आप को मैरिज सर्टिफिकेट देना ही होगा। बदलते इस दौर में यदि पत्नी आधार कार्ड में पिता की जगह पति व अपना सरनेम नहीं चेंज करना चाहती, तब तो मैरिज सर्टिफिकेट और भी जरूरी हो जाता है। यह सर्टिफिकेट सिर्फ यहीं तक काम नहीं नहीं आता। किसी भी सरकारी कार्य को करते समय खुद को पति व पत्नी साबित करने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट एक मजबूत आधार और साक्ष्य का काम करता है।
जानिए क्यों जरूरी है मैरिज सर्टिफिकेट
आज से दो साल पहले तक मैरिज रजिस्ट्रेशन कराने के मामले में लोग काफी उदासीन हुआ करते थे। इस दो वर्षों से मैरिज रजिस्ट्रेशन कराने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसके पीछे नए जमाने के दंपत्तियों में बढ़ते विवाद और बीमा व सम्पत्तियां व विदेशी सफर मुख्य कारण बताए जा रहे हैं। एक्सपर्ट अधिवक्ता कहते हैं कि मैरिज सर्टिफिकेट एक ऐसा डाक्यूमेंट है जिसे पति या पत्नी इंकार नहीं सकते। कहते हैं यह सर्टिफिकेट महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से भी काफी अहम है। शादी के तुरंत बाद कोई आधार पर पति का नाम एड नहीं कराता। वर्षों तक महिलाओं का आधार मायके व पिता के नाम से चलता रहता है। ऐसे में यदि पति की मौत हो जाती है तो महिला के सामने खुद को उस व्यक्ति की पत्नी साबित करना मुश्किल हो जाएगा। शादियों की फोटो व वीडियो आदि की सत्यता को भी विपक्षी कोर्ट में चैलेंज कर सकते हैं। वह कह सकते हैं कि सारी चीजें फेक व मिक्स करके फंसाने के लिए बनाई गई है। ऐसी कंडीशन में मैरिज सर्टिफिकेट उस महिला के लिए खुद को पत्नी साबित करने का मजबूत अकाट्य साक्ष्य के रूप में काम आता है।
2023 में अब तक 472 रजिस्ट्रेशन हुए हैं
2022 में 280 रजिस्ट्रेशन हुए
2020 में 80 भी नहीं पहुंची थी रजिस्ट्रेशन की संख्या
शादी के तुरंत बाद कराएं रजिस्ट्रेशन
अधिवक्ता कहते हैं कि इस दौर में शादी के तुरंत बाद दंपत्तियों को मैरिज रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए। इस बात पर लड़की व लड़के के परिवार वालों को भी गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। मैरिज रजिस्ट्रेशन को शादी के बाद होने वाले रस्म का पार्ट माना चाना चाहिए। शादी के तुरंत बाद हजार पांच सौ रुपये में मैरिज रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र मिल जाते हैं। इसके बाद जितने वर्ष बीतेंगे मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए जाने पर लेट पेमेंट भी करना पड़ेगा। यह रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अधिवक्ता से संपर्क करें। इसके बाद अधिवक्ता खुद सारी प्रोसीडिंग पूरी करके कुछ घंटों में ही रजिस्ट्रेशन करा देते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद सारा कुछ ऑनलाइन फीड हो जाता है। जिसकी डिटेलिंग केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तक के पास होती है।
शादी के बाद यदि आप ज्वाइंट बैंक अकाउंट खोलना चाहते हैं तो मैरिज सर्टिफिकेट लगाना होगा।
पासपोर्ट के लिए अप्लाई करते समय भी मैरिज सर्टिफिकेट देना अनिवार्य बताया गया है।
बीमा कराना चाहते हैं तो उसमें भी मैरिज सर्टिफिकेट लगाना होगा। नहीं तो पति या पत्नी की मौत के बाद क्लियरेंस में दिक्कत हो सकती है।
यदि दम्पति ट्रैवल बीजा या किसी देश में स्थाई निवास के लिए आवेदन करते हैं तो उसमें भी मैरिज सर्टिफिकेट लगाना होगा।
अगर महिला शादी के बाद आधार कार्ड में सरनेम नहीं बदलना चाहती तो ऐसे में मैरिज सर्टिफिकेट महत्वपूर्ण हो जाता है।
मैरिज सर्टिफिकेट के बिना कई ऐसी सरकारी योजनाएं हैं जिसके लाभ से दंपत्ति वंचित रह सकते हैं।
किसी भी नेशनल बैंक से लोन लेने के लिए भी शादी का सर्टिफिकेट मांगा जाता है, बगैर इसके लोन में पेच फंस सकता है।
यदि दंपति में कोई विवाद जैसी स्थिति हो और पति भाग जाय तो कानूनी जंग में मैरिज सर्टिफिकेट आवश्यक है।
तलाक की अर्जी लगाने के लिए भी मैरिज सर्टिफिकेट बतौर साक्ष्य काम आता है। सिंगल मदर या तलाकशुदा महिलाओं को नौकरी में रिजर्वेशन लेने के लिए तलाक का डाक्यूमेंट देना होता है।
मैरिज सर्टिफिकेट को देश ही नहीं विदेश में भी मान्य होता है, इस सर्टिफिकेट से सरकारी विभागों में पति व पत्नी की स्वीकार्यता प्रदान की जाएगी।
वक्त के साथ मैरिज रजिस्ट्रेशन को लेकर लोगों में अवेयरनेस बढ़ा है। इस वर्ष मैरिज रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या में ग्रोथ हुई है। यह प्रमाण पत्र एक दो नहीं नौ कार्यों में काफी काम आता है।
कुलदीप सिंह, सब रजिस्ट्रार सदर
पति व पत्नी होने का मैरिज रजिस्ट्रेशन एक पुख्ता प्रमाण है। यह प्रमाण पत्र सिर्फ देश ही नहीं विदेश तक में काम करता है। विवाद की कंडीशन में यह प्रमाण पत्र कई मायनों में विवाहिता के पक्ष को मजबूती प्रदान करता है।
राघवेंद्र पांडेय, अधिवक्ता जनपद न्यायालय