सितंबर के अंतिम सप्ताह में जारी हो जाएगा सर्किल रेट अनंतिम मूल्यांकन सूची कभी भी हो सकती है जारी नवरात्र में बैनामा कराने में देना पड़ सकता है 25 फीसदी तक अधिक चार्ज नवरात्र में जमीन या मकान की रजिस्ट्री कराने की सोच रहे हैं तो यह खबर भी पढ़ लीजिए. दरअसल सर्किल रेट सितंबर के अंतिम सप्ताह में जारी होगा. और इसके बाद नवरात्र लग जाएंगे. ऐसे में हजारों लोग ऐसे हैं जो नौ दिनो के भीतर रजिस्ट्री कराते हैं. लेकिन सर्किल रेट बढऩे सेे जमीनों के दाम 25 फीसदी तक बढ़ जाएंगे. ऐसे में बैनामा में अधिक स्टांप ड्यूटी भरनी पड़ सकती है.


प्रयागराज (ब्यूरो)। सर्किल रेट की प्रस्तावित मूल्यांकन सूची बनाने वाली कमेटी की पहली बैठक हो चुकी है। अब डीएम संजय कुमार खत्री की हरी झंडी दिए जाने के बाद कभी भी यह सूची जारी हो सकती है। इसके बाद आपत्ति और सुझाव के लिए दस दिन का समय दिया जाएगा। इसके 15 दिन बाद सर्किल रेट जारी कर दिया जाएगा। यह सब पूरा होने में सितंबर एक तिहाई हिस्सा बीत जाएगा। जबकि इस साल नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू होकर 4 अक्टूबर को समाप्त होगा।सर्किल रेट से महंगी हैं जमीनें


शहर के बाहरी एरिया फाफामऊ, नैनी और झलवा में तेजी से प्लाटिंग हो रही है। प्रशासन की इसी एरिया पर नजर है। यहां पर 15 से 25 फीसदी तक सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि शहर के बीचों-बीच भी जमीनों का दाम बहुत अधिक है। इनका लेन देन सर्किल रेट से दो-तीन गुने रेट पर किया जाता है। यही कारण है कि शासन व प्रशासन चाहता है कि इस लेन देन के आसपास ही सरकारी सर्किल रेट भी हो।रोड किनारे की जमीन छिपाना अब होगा मुश्किल

इस बार सर्किल रेट में सबसे बड़ा बदलाव भी होने जा रहा है। अब सूची में सड़क किनारे का गाटा संख्या भी शामिल किया जाएगा। अभी तक यह नही हो रहा था। इसकी वजह से किसान जमीन मालिक जमीन छिपाकर लाखों-करोड़ों रुपए कमा लेते थे और इससे सरकार को बड़ा नुकसान होता था। लेकिन अब इस गाटा संख्या को सर्किल रेट में शामिल कर अधिक स्टांप ड्यूटी वसूली जाएगी।दो साल बाद बढऩे जा रहे हैं दामइसके पहले 2019-20 में प्रशासन ने प्रयागराज में सर्किल रेट में 12 से 20 फीसदी तक बढ़ोतरी की थी। फिर दो साल कोरोना के चलते सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया। रजिस्ट्री की संख्या भी कम रही है। लेकिन अब सरकार चाहती है कि इस नुकसान की भरपाई की जाए और 25 फीसदी तक सर्किल रेट बढ़ा दिया जाए। इसके लिए प्रस्तावित मूल्यांकन सूची भी तैयार हो गई है। सबसे ज्यादा दबाव झलवा, फाफामऊ और नैनी पर दिया जा रहा है। यहां पर तेजी से प्लाटिंग हो रही है और लोग बसने की कोशिश कर रहे हैं। लगभग झूंसी का भी यही हाल है। वही शहर के भीतर महंगे दामों पर प्रापटी की खरीद फरोख्त चल रही है।

Posted By: Inextlive