स्मार्ट सिटी की फिटनेस पर कचरे का हमला
प्रयागराज (ब्यूरो)।राजापुर अम्बेडकर पार्क चौकी से थोड़ा आगे स्थित है। लोगों की माने तो पहले यह पार्क छोटे हनुमान मंदिर से लेकर आगे नाले तक काफी बड़ा था। कब्जे की वजह से इस पार्क का क्षेत्रफल सिकुड़कर मीन के एक टुकड़े में कनवर्ट हो गया है। आसपास के कुछ लोग अब यहां घरों से निकला कूड़ा करकट फेका करते हैं। इस पार्क से सटा हुआ एक कब्रिस्तान भी है। इस कब्रिस्तान की बाउंड्री थी जो बारिश में खुद ढह गई। इस बद से बदतर हालात वाले पार्क में स्मार्ट सिटी द्वारा ओपन जिम के कई स्टूमेंट गाड़ कर छोड़ दिए गए हैं। सरकार का मकसद तो यह था कि लोग इन सामानों से सुबह शाम एक्सरसाइज करके सेहत संवारेंगे। मगर, यह ओपन जिम और पार्क कूड़े का ढेर बन चुका है। कूड़ा फेकने वालों की आंख में इस कदर पट्टी बंधी हुई है कि उन्हें ओपन जिम और लगाए गए लाखों कीमती सामान तक नहीं दिखाई देते। पार्क के इस ओपन जिम में लगाया गया बोर्ड सरकार की मंशा व योजना और पैसे तीनों को बर्बाद किए जाने की चुगली कर रहा है। बोर्ड पर लिखा हुआ नगर निगम इस बात की तस्दीक करता है कि इस स्थिति और हालात का जिम्मेदार इसी विभाग के अफसर और कर्मचारी व नेता ही हैं। गंदगी के चलते यहां कोई सेहत बनाने तो दूर इस ओर देखना तक मुनासिब नहीं समझता। चंद जो लोग साफ सफाई करवाना भी चाहते हैं अब वह झगड़े और विरोध से बचने के लिए मुंह फैर बैठे हैं।
ओपन पार्क के नाम पर लगाए गए सारे उपकरण के आसपास भी कूड़ादान बना हुआ है। यदि पार्क दुरुस्त हो जाय और ओपन जिम के पास पास साफ सफाई रहे तो स्थानीय सभी लोगों को इसका लाभ मिलेगा। पब्लिक क्या बोले, अधिकारी व कर्मचारी भी तो सब देख रहे हैं क्या?
एस प्रसाद, राजापुर यहां अखाड़े में कुश्ती और दंगल हुआ करता था। अब कहां, पार्क ही नहीं रहा आप पहलवान और अखाड़े की बात कर रहे हैं। खुद भी तो देख रहे हैं क्या स्थिति है। एक दो दफा कुछ लोग पार्क के सुदृढीकरण की बात उठाए थे। कुछ हुआ तो नहीं उन्हें विवाद ऊपर से झेलना पड़ा।
राजेंद्र कुमार, राजापुर
अफसरों की उपेक्षा के चलते इसका अस्तित्व ही मिट गया। एक वक्त था जब इस पार्क की अपनी एक अलग साख थी।
पार्क बनवाए नहीं ऊपर से लाकर ओपन जिम बना गए। अब इस पर खर्च सरकारी पैसे की यह बर्बादी नहीं तो और क्या है? गली-गली घूम रहे सरकारी कर्मचारी क्या यह सब नहीं देखते होंगे। सब को सब कुछ मालूम है।
प्यारे लाल, राजापुर