पहले भी सामूहिक हत्याओं से तड़पा है गंगापार
प्रयागराज (ब्यूरो)। कातिल बड़ों संग बच्चों को भी मौत के घाट उतारे हैं। पिछले वर्षों की घटनाओं पर ही गौर करें तो छह परिवारों में सामूहिक हत्याएं हो चुकी हैं। इनमें करीब 25 से अधिक लोगों को कातिलों ने मौत के घाट उतारा है। खेवराजपुर गांव में पांच लोगों की हुई सामूहिक हत्या से लोगों के जेहन में पुरानी घटनाएं भी ताजा हो गईं।
16 अप्रैल 2022 नवाबगंज में पांच लोगों की हत्या25 अक्टूबर 2021 गोहरी में चार लोगों की सामूहिक हत्या
05 जनवरी 2020 में सोरांव के यूसुफपुर में पांच लोगों की हत्या
02 जुलाई 2020 को होलागढ़ में चार लोगों की हत्या
07 सितंबर 2018 में सोरांव में ही चार लोगों की हत्या
19 मार्च 2018 में नवाबगंज में हुई तीन लोगों की सामूहिक हत्या
नवाबगंज खागलपुर कांड
खागलपुर में एक ही परिवार के चार लोगों की घर में धारदार हथियार से हत्या हुई थी। जबकि मुखिया की बॉडी फांसी के फंदे से लटक रही थी। मृतकों में राहुल तिवारी, पत्नी प्रीति, बेटी माही, पीहू व कूहू शामिल है
गोहरी सामूहिक हत्याकांड
शहर से सटे गोहरी में एक ही परिवार के चार लोगों की सामूहिक हत्या 25 अक्टूबर 2021 में हुई थी। इस घटना में पुलिस रेप से इंकार कर रही थी। कुछ दिन बार पुलिस ने रेप की बात को स्वीकार किया था। पवन सरोज सहित तीन लोग पकड़े गए थे। मगर सुबूत के अभाव में वह भी छोड़ दिए गए थे। घटना का नाटकीय खुलासा हुआ सवाल उठे तो प्रकरण ठंडे बस्ते में चला गया।
सोरांव के यूसुफपुर गांव में पांच जनवरी 2020 में विजय शंकर तिवारी, उसकी पत्नी सोनी और सोनू, मासूम बच्चे कान्हा एवं कुंज की धारदार हथियार से सामूहिक हत्या हुई थी। पुलिस बिहार गैंग के छह मार गैंग पर हत्या का ठीकरा फोड़कर फाइन को बंद कर दिया था। होलागढ़ शुकुलपुर कांड
होलागढ़ के बरई हरखपुर गांव के मजरा शुकुलपुर मजरा निवासी विमलेश पांडेय, बेटे प्रिंस, बेटी श्रेया व शीबू की धारदार हथियार से हत्या, कातिलों ने विमलेश की पत्नी ऊषा पर भी हमला किया था। हालांकि घायल के बावजूद वह बच गई थी। यह घटना भी छेमार गैंग पर ही खोला गया था।
बिगहियां सामूहिक हत्याकांड
सोरांव के बिगहियां में सात सितंबर 2018 को चार लोगों की सामूहिक हत्या हुई थी। मारे गए लोगों में सरकारी कर्मचारी कमलेश देवी, उसकी बेटी, दामाद प्रताप नारायण सहित नाती विराट शामिल था। प्रकरण में महीने भर बाद पुलिस पट्टीदार और रिश्तेदार को हत्या में आरोपित बनाकर जेल भेजा था। पुलिस के इस खुलासे पर भी सवाल उठे थे।
नवाबगंज के शहावपुर उर्फ पसियापुर गांव में भी 19 मार्च 2018 को तीन लोगों की सामूहिक हत्या हुई थी। मारे गए लोगों सुशीला देवी उसके बेटे सुनील व अनिल शामिल हैं। इन तीनों को भी कातिलों ने नृशंस तरीके से मौत के घाट उतारा था। पुलिस इस हत्या में एक को गिरफ्तार करके अपनी पीठ थपथपाई थी।