- गुरुवार को नदियों के पानी में आने लगी कमी

- टोंस का बहाव कम होने से छतनाग में भी जलस्तर में गिरावट

- दो से तीन दिन तक नहीं आएगा बांध का पानी, तेजी से कम होगा जलस्तर

प्रयागराज- पांच दिन तक बाढ़ झेलने के बाद आखिरकार गुरुवार को लोगों ने राहत की सांस ली। सुबह से ही नदियों का पानी घटने लगा था। इसके बाद शाम तक गिरावट का ट्रेंड बढ़ता चला गया। मार्निग में जहां यमुना में बढ़त जारी थी वहीं गंगा में जलस्तर का कम होना शुरू हो गया था। शाम होते-होते दोनों नदियों में गिरावट का स्तर बढ़ने लगा था। अधिकारियों का कहना था कि अगर अगले दो से तीन दिन तक पीछे से बांध का पानी नही छोड़ा गया तो लोगों के अपने घर जाने के आसार बनने लगेंगे।

86 मीटर के नीचे आ गई गंगा

गुरुवार की सुबह गंगा का जलस्तर 86 मीटर से अधिक था। उस समय फाफामऊ में जलस्तर स्थिर हो चुका था। इसके बाद शाम होते-होते 85.93 मीटर पर आ गया। इसी तरह यमुना में भी सुबह आठ बजे से लेकर शाम चार बजे तक महज दो सेमी की गिरावट दर्ज की गई है। अधिकारियों का कहना है कि टोंस नदी के बहाव में कमी होने की वजह से छतनाग में भी जलस्तर में काफी गिरावट दर्ज की गई है। यहां शाम को 4 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से पानी कम हो रहा था।

पानी छोड़े जाने की सूचना नहीं

सिचाई विभाग बाढ़ प्रखंड से मिली सूचना के अनुसार गुरुवार शाम तक गंगा बैराज या हमीरपुर से पानी छोड़े जाने की जानकारी नहीं मिली थी। ऐसे में जलस्तर के घटने में तेजी आ सकती है। अगर कहीं से पानी छोड़ा भी जाता है तो उसे प्रयागराज पहुंचने में दो से तीन दिन का समय लग जाएगा। ऐसे में तब तक जलस्तर काफी नीचे जा सकता है। पहाड़ों से लेकर एमपी तक इस समय बारिश थमी हुई है और पानी का बहाव भी कम हुआ है। जिसका असर प्रयागराज में देखने को मिल रहा है।

पल-पल बदली पानी की चाल

टाइम गंगा (प्लसस/माइनसस) यमुना (प्लस/माइनस) छतनाग (प्लस/माइनस)

सुबह 8 बजे स्थिर स्थिर .5 सेमी प्रति घंटे बढ़त

सुबह 10 बजे दो सेमी प्रति घटे उतार .5 सेमी प्रति घंटे बढ़त एक सेमी प्रति घंटे उतार

सुबह 12 बजे दो सेमी प्रति घंटे उतार स्थिर 3सेमी प्रति घंटे उतार

दोपहर 2 बजे दो सेमी प्रति घंटे उतार .5 सेमी प्रति घंटे उतार 3 सेमी प्रति घंटे उतार

शाम 4 बजे दो सेमी प्रति घंटे उतार 3.5 सेमी प्रति घंटे उतार एक सेमी प्रति घंटे उतार

बस बारिश न हो

अधिकारियों का कहना है कि अगर बारिश हुई तो स्थिति नाजुक हो जाएगी। क्योंकि स्लूज गेट अभी भी बंद है और ऐसे में पानी शहर के निचले इलाकों में जमा हो रहा है। उधर, बारिश की वजह से नदियों में भी उफान आने लगता है और जलस्तर बढ़ जाता है। इसलिए अगर अगले कुछ दिनों तक बारिश नहीं हुई तो लोग राहत की सांस ले सकते हैं।

यह अच्छी सूचना है कि हमीरपुर या पहाड़ों से पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। इससे यहां का जलस्तर तेजी से कम हो रहा है। बारिश भी थम गई है। यह दोनों कंडीशन बाढ़ को कम करने के लिए काफी है। कुछ दिन यही हाल रहा तो लोग अपने घर लौट सकेंगे।

ब्रजेश कुमार, एक्सईएन, सिचाई विभाग बाढ़ प्रखंड प्रयागराज

Posted By: Inextlive