बंजारों के वेश में लुटेरों का गैंग
प्रयागराज (ब्यूरो)।यमुनापार एसओजी और मेजा पुलिस की इस सफलता का एसपी यमुनापार ने खुलासा किया। बताया कि गिरफ्तार किए गए लुटेरों में गंगा सिंह निवासी इसापुर थाना निगोही, फत्ते सिंह मिल्किया, राज कुमार निवासी इशापुर थाना निगोही, कल्ला व भूरा निवासी इशापुर थाना निगोही, शम्भू उर्फ नेपाल निवासी बलरामपुर थाना निगोही, सेवा सिंह निवासी बलरामपुर थाना निगोही, चेतराम निवासी बलराम पुर थाना निगोही, मनीष उर्फ गिरीष निवासी बलराम पुर थाना निगोही जिला शाहजहांपुर शामिल हैं। इनके पास से पुलिस को 21.817 किलो चांदी व 95 ग्राम सोने की ज्वैलरी बरामद की गई है। इसकी मार्केट कीमत करीब 18 लाख रुपये बताई गई। गहन तलाशी दो मोबाइल और 2780 रुपये भी पुलिस को मिले हैं। पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि बरामद सोने व चांदी के जेवरात को वह बिहार के गया जिले व बिहार शरीफ रेलवे स्टेशन के पास से पिछले सप्ताह लूटकर यहां बेचने आए थे। इन सभी की गिरफ्तारी मेजा एरिया के पनासा पुल के पास से की गई। यह सभी यहां डेरा डालकर रह रहे थे। इनकी संदिग्ध हरकतों की खबर मिलने के बाद एसडीओ यमुनापार व थाना पुलिस एक्टिव हुई थी।
बादशाही मण्डी में बेचते थे ज्वैलरी
एसपी यमुनापार ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अंतराज्यीय गैंग के गुर्गों से चोरी और लूट का सोना शहर का सर्राफा व्यापारी विक्रम गुप्ता उर्फ कल्लू पुत्र स्व। नवीन गुप्ता खरीदा करता था। वह सिटी के कोतवाली एरिया स्थिति बादशाही मण्डी का रहने वाला है। कहा गया है कि पूछताछ में गैंग के गुर्गों द्वारा इसका नाम प्रकाश में लाया गया। लुटेरों ने बताया कि लूट में मिले सोने व चांदी के जेवरात खरीद कर विक्रम गलाया करता था। इसके बाद उसे बेच कर मिलने वाली रकम का आधा लेकर बाकी रुपये दे दिया करता था।
इस तरह देते हैं वारदात को अंजाम
गैंग के गुर्गों से पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में इनके वारदात के तरीकों का भी पता चला
पुलिस के मुताबिक यह कभी भी एक जगह नहीं रहते, ग्रामीण एरिया में बस्ती के आसपास बाग या मैदान में डेरा डालते हैं
जबकि शहरी एरिया में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड या मोहल्ले के आसपास खाली पड़े मैदानों में डेरा डालकर रहते हैं
दिन भर कुछ भीख मांगते हैं तो कुछ गांव व कस्बों में कबाड़ बीनने का ढोंग करके घूमते रहते हैं
इस बीच इनकी नजर उस घर की रेकी करती है जिसमें इन्हें वारदात को अंजाम देना होता है
यह उस घर को टारगेट करते हैं जिसमें पुरुषों की संख्या कम और परिवार की माली हालत ठीक होती है
इसके बाद रात में सभी गुर्गे एक साथ निकलते हैं और वारदात को अंजाम देने के बाद वापस आ जाते हैं
पहले घर में चोरी का प्रयास करते हैं, किसी के जाग जाने पर मारपीट कर भी लूट करने के बाद भाग जाते हैं
जिस एरिया में वारदात के वक्त मारपीट या किसी की मौत इनके जरिए हो जाती है वहां से यह रातों रात डेरा लेकर भाग जाते हैं
यह गैंग काफी खतरनाक है। घूम-घूमकर इनके जरिए वारदात को अंजाम दिया जाता है। टीम को यह एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। शहर हो या गांव लोगों चाहिए कि ऐसे लोग आसपास एरिया दिखाई दें और हरकतें संदिग्ध हो तो तत्काल सूचना पुलिस को दें और नजर बनाए रखें।
- सौरभ दीक्षित, एसपी यमुनापार