मच्छरों से अब लड़ेगी गम्बूजिया मछली
प्रयागराज ब्यूरो । बदायूं से मंगाए गए चार लाख गम्बूजिया बच्चों को तालाब व नालों में छोडऩे का काम शुरू
क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: शहर में बढ़ते डेंगू और मलेरिया के मच्छरों तेजी से बीमारी फैला रहे हैं। इन मच्छरों के प्रकोप से निपटने का रास्ता नगर निगम में खोज लिया है। नगर निगम अब इन मच्छरों से लडऩे के लिए गम्बूजिया मछली को मैदान में उतार दिया है। शहर के तालाबों और नालों में इन मछलियों को छोड़ा गया है। नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यह मछली मच्छरों के लार्वा को बढऩे ही नहीं देगी। क्योंकि यह मछरों के लार्वा को खाकर ही जीवित रहती है। प्रथम चरण में चार लाख गम्बूजिया मछली के बच्चे बदायूं से मंगाए गए हैं।
डेंगू संग मलेरिया मच्छर भी होंगे कम
शहर में तालाब और नालों की सफाई ठीक से नहीं हुई है। ऐसी स्थिति में यहां मच्छरों की बाढ़ सी आ गई है। रात तो दूर दिन में भी मच्छरों के काटने से लोग परेशान व बीमार हो रहे हैं। मच्छर जनित मलेरिया के रोगियों की हॉस्पिटलों में जहां तहां भीड़ है। इन मच्छरों के कारण डेंगू का भी खतरा बढ़ गया है। शहर में नाली और नाला व तालाबों की सफाई करके मच्छरों को कम करने की जिम्मेदारी नगर निगम की ही है। नालों की सफाई पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद स्थितियां ठीक नहीं है। मच्छरों की संख्या में कोई गिरावट नहीं आ रही। ऐसी स्थिति में डेंगू संग मलेरिया के फैलने का खतरा बढ़ गया है। यह देखते हुए नगर निगम ने चार लाख गम्बूजिया मछली बच्चों को मंगा लिया है। इसे शुक्रवार से शहर के तालाबों व नालों में छोडऩे का काम शुरू हो गया है। बताते हैं कि यह मछली मच्छरों के लार्वा को ही नष्ट कर देती हैं। क्योंकि मच्छरों के लार्वा का खाकर ही यह मछलियां जिंदा रहती हैं। कहना है कि लार्वा ही नहीं होगा तो मच्छरों की संख्या अपने आप खत्म हो जाएगी।
अरविंद राय, अपर नगर आयुक्त