शहर के पॉश इलाकों तक में पहुंच गया बाढ़ का पानीलोगों का घरों से पलायन जारीसंगमनगरी में गंगा-यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. शुक्रवार की दोपहर 12 बजे फाफामऊ में जलस्तर खतरे के निशान 84.734 मी. को पार कर 84.78 पर पहुंच गया. जिससे कई सम्पर्क मार्ग भी डूब गये हैं. हजारों घरों में पानी भरने से लोगों का पलायन जारी है. यमुना का पानी पूरी उफान पर है गंगा का पानी लाल निशान पार है. जिला प्रशासन की मुश्किलें और बढ़ गई है. बाढ़ चौकी और राहत शिविर और बढ़ाए जा रहे है. आला अफसरों ने बाढ़ की चपेट में आ रहे लोगों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है. यह बाढ़ का पानी शहर के पॉश इलाकों तक जा पहुंचा है.

प्रयागराज (ब्यूरो)। सुरक्षित स्थान की ओर जा रहे लोग
12 बजे तक जलस्तर छतनाग 84.09 मी। एवं नैनी 84.68 मी। पर रहा।
चार बजे की रिपोर्ट में फाफामऊ 84.91 मी, छतनाग 84.18 मी। एवं नैनी 84.81 मी। पर पहुंच गया।
इस समय लोगों को 2013 की बाढ़ का मंजर याद आने लगा है। सबसे भयंकर बाढ़ 1978 की रही है।

डीएम ने बक्शी बांध का किया निरीक्षण
जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री तीन बजे के लगभग बक्शी बांध पहुंच कर बाढ़ का निरीक्षण किया और सम्बंधित अधिकारियों को बाढ़ से निपटने के निर्देश दिए। बाढ़ की चपेट में शहर के करेली, छोटा, बघाड़ा, तेलियरगंज के शंकरघाट, रसूलाबाद, राजापुर, म्योराबाद इलाका सबसे ज्यादा प्रभावित है। जहां घरों के अंदर तक पानी घुस गया है। लोग पहली मंजिल छोड़ ऊपर के हिस्से में रहने को मजबूर है। वहीं किराए पर रहकर पढऩे वाले छात्र कमरा खाली कर सुरक्षित राहत शिविर में पहुंच रहे है।

तीन दिन तक ऐसी ही रहेगी स्थिति

कंट्रोल रूम की रिपोर्ट के मुताबिक फाफामऊ में प्रति दो घंटे पर 7 सेमी., छतनाग में 3 सेमी। एवं नैनी में 6 सेमी। बढऩे की रफ्तार जारी है। इसके अलावा अभी तीन दिनों तक जलस्तर में बढ़ोत्तरी की बात कही जा रही है। बस्तियों में बुधवार से ही बाढ़ का पानी घुसने लगा था। अब इसका दायरा फैलता जा रहा है, लोग विस्थापित होते जा रहे हैं। गुरूवार की रात तक लगभग एक दर्जन मुहल्लों के हजारों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया।

1978 की बाढ़ में उच्चतम जलस्तर फाफामऊ में 87.980 मी, छतनाग में 88.030 मी। एवं नैनी में 87.990 मीटर पर रहा है
2013 की बाढ़ में उच्चतम जलस्तर फाफामऊ में 86.820 मी, छतनाग में 8.040 मी। एवं नैनी में 86.600 मीटर पर रहा है।

Posted By: Inextlive