- इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र कैंपस में नियमित कक्षाएं शुरू करने की कर रहे हैं मांग

- ऑफलाइन क्लासेस की मांग कर रहे स्टूडेंट्स ने उठाई मांग, कुलपति को भेजा पत्र

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PRAYAGRAJ: कोरोना महामारी का असर पहले के मुकाबले काफी कम हो गया है। यही कारण है कि सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से सभी प्रकार के रेस्टोरेंट, जिम आदि को भी खोलने की इजाजत दे दी गई। इतना ही नहीं, पिछले दिनों से सरकार की ओर से सिनेमा हॉल भी पूरी कैपिसिटी के साथ खोलने की इजाजत मिल गई है। ऐसे में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स कैंपस में आफलाइन क्लासेस के संचालन को शुरू करने की मांग करने लगे हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि कुलपति स्टूडेंट्स के हित में ऑफलाइन क्लासेस शुरू करने की व्यवस्था करें। जिससे फाइनल एग्जाम के पहले स्टूडेंट्स अपनी तैयारी बेहतर तैयारी कर सकें। इसको लेकर स्टूडेंट्स ने मंगलवार को कुलपति को पत्र भी भेजा है।

माघ मेले का आयोजन, उधर, यूनिवर्सिटी खोलने से परहेज

आफलाइन क्लासेस के संचालन की मांग कर रहे संयुक्त संघर्ष समिति के स्टूडेंट्स ने कहा कि देश के सबसे बड़े मेले का आयोजन भी कोरोना महामारी के दौर में हो रहा है। जिसमें लाखों की संख्या में लोग आ रहे हैं। ऐसे में यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स की ऑफलाइन क्लासेस के संचालन से किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। छात्र नेता चौधरी संदीप यादव व दुर्गेश प्रताप सिंह ने कहा कि आज की परिस्थिति में भारत सरकार एवं राज्य सरकार के निर्देश से सभी प्रकार से जिम, रेस्टोरेंट सहित पांच राज्यों में शिक्षण संस्थान सहित दिल्ली यूनिवर्सिटी व कई अन्य सेंट्रल यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के हित में खुल गए है। ऐसे में कुलपति को विशेष ध्यान आकíषत कराना है कि भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक मेले का आयोजन भी विश्वविद्यालय से कुछ दूरी पर है। जिसमें 3 लाख 45 हजार टेंट लगे हैं और लाखों लोग मेले में आ रहे हैं। अगर एक टेंट में एक आदमी रहे तो वहां 3 लाख 45 हजार लोग लगातार मेले में मौजूद हैं। ऐसे में 36 हजार स्टूडेंट्स की यूनिवर्सिटी खोलने से कैसा परहेज। यूनिवर्सिटी में तत्काल ऑफलाइन क्लासेस के संचालन की व्यवस्था होनी चाहिए। इस दौरान छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन 196वें दिन भी जारी रही। इस मौके पर छात्र नेता जिया कोनैन रिजवी, राहुल पटेल, मो। मुबाशीर हारून, नवनीत यादव, आनंद सांसद, मसूद अंसारी, आलोक त्रिपाठी, सत्यम कुशवाहा आदि मौजद रहे।

वर्जन

- जब सिनेमा हाल पूरी कैपिसिटी के साथ खुल रहे हैं। तो यूनिवर्सिटी खोलने में कौन सी समस्या है। कुलपति को छात्र हित में निर्णय लेना चाहिए।

दीपक पटेल

-ऑनलाइन क्लासेस चलने से छात्रों के प्रायोगिक परीक्षण नहीं हो पा रहा है। जिससे कि आने वाले समय में छात्रों के डिग्री पर भी सवाल उठेगा।

नवनीत यादव

- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रों को ऑफलाइन क्लासेस से वंचित रखना कहीं न कहीं उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

राहुल पटेल

- देश व प्रदेश के विभिन्न शिक्षण संस्थान खोले जा रहे हैं। ऐसे में शैक्षणिक संस्थान को बंद करना, कहीं न कहीं छात्रों के भविष्य के साथ सही नहीं है।

अजय यादव सम्राट

एलएलएम प्रथम वर्ष

Posted By: Inextlive