कारखाने पर लगा तला, बेकरी हुई ठप
प्रयागराज (ब्यूरो)। अटाला की गलियों में बेकरी प्रोडक्ट बिस्किट, ब्रेड, पाव रोटी, टोस्ट, नमकीन आदि बनाने का काम बड़े पैमाने पर होता है। इसके अलावा सेवई और सूतफेनी की भी कई कारखाने यहां मौजूद है। यह सभी मोमिनपुर, मैदान, इमली तले, इस्लामपुर, इस्लाम पार्क की गलियों में संचालित होती हैं। साथ ही बक्सा, आलमारी और फर्नीचर के कारखाने भी यहां बड़ी संख्या में हैं।
यहां होता है माल सप्लाई
यह सभी चीजें शहर के कसारी मसारी, बेनीगंज, कालिंदीपुरम, खुल्दाबाद, लूकरगंज, चौक, सिविल लाइंस तक सप्लाई होती हैं।
यहां पर इस समय सबसे ज्यादा बेकरी वाले सामानों की क्राइसिस चल रही है।
दुकानदारों का कहना है कि शहर में दो जगह सबसे ज्यादा ऐसे सामान तैयार होते हैं, जिनमें अटाला के अलावा गढ़ी सराय शामिल है।
अटाला बंद होने से पूरी डिमांड गढ़ी सराय से पूरी हो रही है। इसलिए सामान या तो नहीं आता या देरी से आता है।
भाग गए कारीगर, लगा ताला
बेकरी संचालक रमीज कहते हैं कि बवाल वाले दिन के बाद से सभी कारीगर पुलिस की कार्रवाई से डरकर अपने गांव भाग गए हैं। जब तक माहौल सामान्य नहीं हो जाता, तब तक नही आएंगे। सेवई कारखाने के कर्मचारी अब्दुल का भी यही कहना है। उनकी मानें तो जब तक कारीगर नही आ जाएंगे, तब तक कारखाना शुरू नही हो सकेगा।
नूरुल्ला रोड से गोल पार्क के बीच यहां नानवेज की काफी दुकानें लगती हैं। इनमें मुर्गे, बकरे, मछली समेत तमाम तरीके के गोश्त से बनी डिश मुहैया हो जाती हैं। इसके अलावा बिरयानी और लस्सी-मलाई भी खूब बिकती है। इन दुकानों पर देर रात तक स्वाद के शौकीनों का जमावड़ा होता है। शुक्रवार के बाद से इन दुकानों पर ताला लगा है। पत्थरबाजों की हरकत से इनके पेट पर भी लात पड़ गई है। डीएम-एसएसपी के बढ़ाया हौसला
हालांकि पुलिस प्रश्साान भी चाहता है कि जो निर्दोष हैं उनका धंधा पानी फिर से शुरू हो जाए। यही कारण रहा कि बुधवार को डीएम संजय खत्री और एसएसपी अजय कुमार ने यहां के लोगों और दुकानदारों से बातचीत की। इसके बाद आधा दर्जन दुकानें खुल गईं। इनमें हार्डवेयर, बक्सा, फर्नीचर, मोबाइल आदि की दुकानें शाामिल थीं। दुकानदारों का कहना था कि बैरीकेडिंग हटेगी तभी ग्राहकों का आना शुरू होगा।