साइबर शातिर जानी-मानी कंपनियों के नाम पर डुप्लीकेट वेबसाइट बनाकर खाने का दे रहे ऑफर

बुकिंग लेने के बाद ऑफर का भेजा जाता है एप लिंक, बिना सोचे समझे पब्लिक डाल दे रही यूपीआई पिन

जिले में ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ठग नए-नए तरीके इजाद करके वारदात को अंजाम दे रहे हैं। पब्लिक के खातों से साइबर शातिर आराम से बैठे मेहनत के पैसे को चुटकी में उड़ा रहे हैं। उनमें से एक घटना ऐसी है, जिसमें जानीमानी कंपनियों के नाम से डुप्लीकेट वेबसाइट बनाकर खाने पर एक साथ दूसरा फ्री का लालच देकर मोटी रकम उड़ा दे रहे हैं। ज्यादातर केसेस में एक जैसी ही गलती पाई गई है। एक हल्की सी चूक से आप धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं।

पांच महीने में 19 केस आए सामने

ऑनलाइन ऑर्डर करके घर बैठे खाने-पीने व अन्य सामान मांगवाने का ट्रेंड कोरोना काल के समय से तेजी से बढ़ा है। साइबर शातिर इसी तकनीक का इस्तेमाल करके लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। जिले के अंदर सिर्फ सागर रत्‍‌ना रेस्टोरेंट की वेबसाइट के जरिये ऑफर का लालच देकर पांच महीने के भीतर 19 से ज्यादा पब्लिक को अपना शिकार बनाया है। यानी कि हर महीने चार व्यक्ति इस जाल में फंसे हैं। जिन्होंने एक थाली के साथ दूसरी थाली फ्री में पाने के लालच में मोटी रकम गवां दी। इनमें से एक भी मामले में साइबर पुलिस ने कोई भी पैसा वापस नहीं करवाया है।

सभी ने एक जैसी की थी गलती

दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने साइबर सेल के अधिकारियों से इस बाबत जानकारी जुटाना शुरू किया तो चौंकाने वाली बातें सामने आई। सभी ने ऑफर पाने के लिए भेजे गए एक एप लिंक पर क्लिक कर दिया था। क्लिक करते ही यूपीआई पिन मांगा गया। पिन डालते ही खाते से पैसा उड़ गया। इस पर साइबर सेल अधिकारी ने बताया कि लेनदेन करते समय एक बात का खास ध्यान रखें कि आपसे यूपीआई पिन डालने के लिए सिर्फ तब ही कहा जाएगा। जब आपको पैसे भेजने हों। यदि आपको कहीं से पैसा मिले या फिर ऑफर उसके लिए आपसे यूपीआई पिन अगर कोई मांगता है तो सिर्फ फ्रॉड कंडीशन पर।

एग्जाम्पल वन

सिविल लाइंस के सरस्वती अपार्टमेंट निवासी जिज्ञासा प्रसाद ने पुलिस से शिकायत की है कि वह सागर रत्ना रेस्टोरेंट से ऑनलाइन खाने का फोन करके आर्डर किया था। इसके बाद एक एप पर क्लिक करने पर उसके खाते से 10900 रुपये कट गये। क्लिक करने के दौरान यूपीआई पिन का यूज किया गया था।

एग्जाम्पल टू

जार्जटाउन निवासी विवेक कुमार ने थाने में तहरीर देकर शिकायत कि है कि उसने ऑनलाइन सागर रत्‍‌ना रेस्टोरेंट वेबसाइट पर जाकर थाली बुक कराया। एक थाली के साथ दूसरी थाली का ऑफर देते हुये एक एप लिंक भेजा गया। भेजे गए लिंक पर क्लिक करते ही पिन मांगा जल्दीबाजी उन्होंने पिन डाल दिया। कुछ देर बाद खाते से 9099 रुपये कट गया। चेक करने पर पता चला यूपीआई पिन डाल दिया था।

एग्जाम्पल थ्री

कर्नलगंज निवासी पार्वती ने थाने में तहरीर देकर ऑनलाइन फ्रॉड होने की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने भी इसी रेस्टोरेंट की वेबसाइट पर पचास प्रतिशत खाने पर ऑफर देखकर एक एप पर क्लिक किया तो खाते से 5800 रुपये कट गए। ऑफर के प्रोसेस के दौरान पिन मांगा गया था। उसमें भी यूपीआई नंबर डाला गया था।

एग्जाम्पल फोर

सुलेम सरास निवासी पंकज कुमार ने तहरीर देकर साइबर सेल को बताया था कि दो बार में उनके खाते से 17 हजार रुपये कट गए। यह तब हुआ जब उन्होंने सागर रत्‍‌ना रेस्टोरेंट पर खाने का ऑफर देखकर बुक करवाया था। ऑफर पाने के लिए एप लिंक भेजा गया था। उस दौरान यूपीआई पिन मांगा गया। पिन डालते ही पैसा कट गया। ऑनलाइन शिकायत पर रिफंड करने के लिए फिर लिंक भेजा गया। उस समय फिर से यूपीआई पिन मांगा और डाल दिये। इसी तरह से दो बार में कट गया।

यह सावधानी जरूर बरतें

आपको लेनदेन में कोई दिक्कत आ रही है और आपको ग्राहक सेवा से संपर्क करना है, तो केवल पेमेंट एप्लीकेशन का ही इस्तेमाल करें

इंटरनेट पर दिए गए ऐसे फोन नंबर पर कॉल ना करें जिसकी पुष्टि नहीं हुई हो।

आपका यूपीआई पिन एटीएम पिन की तरह ही होता है

इसलिए इसे किसी के साथ साझा ना करें

ऐसा करने पर जालसाज उसका गलत इस्तेमाल कर आपको ठग सकते हैं

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क्या है यूपीआई ?

यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक अंतर बैंक फंड ट्रांसफर की सुविधा है, जिसके जरिए स्मार्टफोन पर फोन नंबर और वर्चुअल आईडी की मदद से पेमेंट की जा सकती है। यह इंटरनेट बैंक फंड ट्रांसफर के मकैनिज्म पर आधारित है।

ऑफर के चक्कर में पब्लिक बिना सोचे समझे यूपीआई पिन तक डाल दे रही है। कोशिश करें कि बैंक में रजिस्टर्ड नंबर सोशल साइट पर डालने से बचें। डुप्लीकेट वेबसाइट बनाने वालों के बारे में टीमें लगी है।

आशुतोष मिश्रा

एसपी क्राइम प्रयागराज

Posted By: Inextlive