पुलिस की चाल को दो माह से मात दे रहे चार इनामी
प्रयागराज ब्यूरो ।अधिवक्ता उमेश पाल की हत्या हुए आज दो महीने से अधिक का वक्त बीत गया। इस घटना के वांछित चार आरोपित पुलिस के लिए चैलेंज बन गए हैं। इनमें पांच-पांच लाख के इनामी शातिर बमबाज गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान के साथ 50 हजार रुपये की इनामी शाइस्ता परवीन भी शामिल है। इन आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर चारों तरफ हाथ पांव मारने वाली पुलिस के कदम अब थक से गए हैं। पुलिस के नेटवर्क व क्षमता के लिए सवाल बन चुके हैं। घटना के बाद से आज तक इनकी गिरफ्तारी तो दूर लोकेशन तक को पुलिस नहीं ट्रेस कर पा रही है। यह चारों वांछितों के सामने पुलिस की हर चाल नाकाम साबित हो रही है। उन्हें छिपाने में महती भूमिका अदा कर रहे लोगों का भी ठिकाना पुलिस नहीं खोज पा रही है। ऐसी स्थिति अब लोगों के बीच पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि पुलिस इनके अड्डों की जानकारी जुटाने के इरादे से अतीक के अधिवक्ता रहे खान सौलत हनीफ को कस्टडी रिमांड पर लेगी। इसके लिए पुलिस की तरफ से तैयारी की जा चुकी है। पुलिस की मंशा के अनुरूप यदि कोर्ट से आदेश मिला तो पुलिस उसे कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है। उमेश पाल अपहरण केस में खान सौलत हनीफ नैनी सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। पुलिस का मानना है कि पूछताछ में खान सौलत हनीफ से वांछित अभियुक्तों के ठिकानों का राज मालूम चल सकता है।
पुलिस के नेटवर्क पर अब उठ रहा सवाल
पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड में लिए गए अतीक अहमद व अशरफ की काल्विन हॉस्पिटल गेट के अंदर परिसर में 15 अप्रैल की तीन शूटरों ने हत्या कर दी थी। उमेश पाल मर्डर केस में अब पांच-पांच लाख के इनामी गुड्डू मुस्लिम, अरमान व साबिर वांछित चल रहे हैं। इनके साथ 50 हजार रुपये की इनामी अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन भी पुलिस को शिद्दत से तलाश है। यह चारों वांछित आरोपित पुलिस के लिए चैलेंज बन गए हैं। उमेश पाल की हत्या को हुए आज दो महीने से अधिक का वक्त बीच गया। आज तक पुलिस इस चर्चित मर्डर केस में इन चारों में से किसी एक भी गिरफ्तारी तो दूर लोकेशन तक ट्रेस नहीं कर पा रही है। बताते चलें कि सुलेमसराय जयंतीपुर में 24 फरवरी को उमेश पाल व उसके गनर संदीप निषाद एवं राघवेंद्र को गोलियों से भून दिया गया था। शूटरों के जरिए इस वारदात को दिनदहाड़े अंजाम दिया गया था। इस घटना में चलाई गई गोलियों की आवाज सूबे की सदन तक गूंज गई थी। सरकार एक्शन में आई तो पुलिस भी मशीन की तरह कार्रवाई में जुट गई। उमेश पाल की पत्नी के जरिए धूमनगंज थाने में केस दर्ज कराया गया था। मामले में अतीक अहमद व उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन एवं अशरफ और बेटों एवं मो। मुलाम, एवं गुड्डू मुस्लिम सहित साथी नामजद किए गए थे। घटना के वक्त का वायरल वीडियो के फुटेज से अतीक कई आरोपित प्रकाश में आए थे।
अतीक के राजदारों में एक है हनीफ
एसटीएफ के द्वारा झांसी में हुई मुठभेड़ के दौरान 13 अप्रैल को असद एवं गुलाम मारे गए थे।
कोर्ट के द्वारा 28 मार्च को उमेश पाल अपहरण कांड में अतीक अहमद व अधिवक्ता खान सौलत हनीफ सहित तीन लोगों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
अतीक की हत्या हो चुकी है। खान सौलत हनीफ व दिनेश अब भी नैनी सेंट्रल जेल में सजा काट रहे हैं।
पुलिस का मानना है कि खान सौलत हनीफ अतीक के खास राजदारों में एक रहा है। वह चारों किन किन ठिकानों पर शरण ले सकते हैं?
उसे अच्छी तरह से मालूम होगा। यही पता लगाने के लिए पुलिस खान सौलत हनीफ को कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी में है। इसके लिए कोर्ट में पुलिस जल्द ही अर्जी दी जा सकती है।
यदि खान सौलत हनीफ की कस्टडी रिमांड का आदेश मिलता तो पुलिस उससे इन चारों के अतिरिक्त अशरफ की बीवी जैनब और उसकी बहन आयशा नूरी के ठिकानों की भी पूछताछ की जाएगी।
सूत्रों की मानें तो उमेश पाल मर्डर केस के विवेचक व धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश कुमार मौर्य द्वारा सोमवार को कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी दी जा सकती है।