अपनी ही जान के दुश्मन बने चार लोग
प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर के कर्नलगंज स्थित न्यू कटरा आरबीटीआई परिसर में शनिवार रात रेखा बाल्मीकि (28) ने फांसी लगा लिया। परिजनों की नजर पड़ी तो उसकी मौत हो चुकी थी। खबर मिलने पर पुलिस पहुंची और छानबीन की। कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। पूछताछ में पुलिस को मालूम चला कि वह चार बहनों में तीसरे नंबर पर थी। उसकी दो बहनों की शादी हो चुकी है। मां व एक और बहन के साथ वह यहां रहती थी। परिजन उसके द्वारा की गई सुसाइड का कारण नहीं बता सके। नैनी के अरैल गांव में प्रतियोगी छात्र प्रदुम्न दीक्षित (22) ने किराए के कमरे में रविवार सुबह
फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। वह मीरजापुर जिले के मडिय़ाहूं निवासी दयाशंकर दीक्षित के पांच बेटों में छोटा था। छानबीन के बाद पुलिस ने बताया कि वह अरैल गांव में एक भाजपा नेता के यहां किराए पर रहकर कोचिंग करता था। बात करने के लिए जब परिजन उसे कई दफा कॉल किए और फोन नहीं उठा। इस पर वह बादशाहपुर निवासी भांजे विष्णु पाठक को पता लगाने के लिए अरैल भेजे। विष्णु पहुंचा तो दरवाजा अंदर से बंद था। किसी तरह कमरे में देखा गया तो उसकी बॉडी लटक रही थी। मालूम चलते ही मकान मालिक भी पहुंचा और खबर पुलिस को दिया। तीसरी घटना मऊआइमा एरिया के पूराकाजी गांव में रविवार भोर हुई। बताते हैं कि गांव निवसी व्यापारी सुभाष की पत्नी रीना उर्फ निब्बी (30) ने भी सुसाइड कर लिया। शनिवार रात बेटे के साथ सुभाष रिश्तेदारी में निमंत्रण गया था। बिन्नी के सुसाइड की वजह पुलिस द्वारा पारिवारिक कलह बताई बताई गई। सुभाष को उस पर शक किया करता था। यही कारण है कि निमंत्रण जाते वक्त बाहर से दरवाजा बंद कर गया था। सुसाइड की चौथी वारदात कोरांव एरिया के शहीद नगर मोहल्ले में सामने आई। यहां इलाके के कपासी खुर्द निवासी संदीप उर्फ दीपू (26) पुत्र कालूराम सोनी ने सुसाइड किया। संदीप तीन भाई दो बहनों में बड़ा था। वह मां संतोष देवी समेत पूरे परिवार से अलग शहीद नगर में परिवार संग रहता था। सुसाइड का कारण परिवार वाले नहीं बता पा रहे। मगर, माना जा रहा है कि वह पारिवारिक स्थिति से काफी परेशान होकर मौत को गले लगाया।
लक्षण समझें और अपनों को बचाएं
सुसाइड कोई यूं ही अचानक नहीं करता, ऐसी बातें उसके दिमाग में कुछ दिन पहले से चल रही होती हैं
दिमाग में सुसाइड की बात आने से व्यक्ति के हाव भाव व व्यवहार चेंज हो जाते हैं, व्यक्ति एकांत पसंद करने लगता है
अचानक से कोई गुमशुम और सबसे दूरी बनाने की कोशिश करने लगे तो परिवार व दोस्तों को सतर्क हो जाना चाहिए
ऐसी स्थिति में परिजनों व दोस्तों को चाहिए कि वे उसे समय दें और उसकी समस्या जानने की कोशिश करें
यदि वह व्यक्ति कुछ कहे तो उसकी बात का तत्काल विरोध न करें बल्कि उसे समझें और समझाने की कोशिश करें
ऐसे में व्यक्ति का माइंड सेटअप चेंज होता है और सुसाइड जैसी बात से हटकर भी वह सोचने लगता है
गुमशुम व एकांत में रहने एवं लोगों व दोस्तों से दूरी बनाने जैसी हरकतें सुसाइड के एक लक्ष्मण ही होते हैं
यह लक्षण किसी व्यक्ति तब आते हैं जब उसे लगता है कि उसकी समस्या का हल नहीं और बात उसे कोई नहीं समझेगा
डॉ। राकेश पासवान, मनोचिकित्सक