श्रीहाटकेश्वरधाम मंदिर में मना स्थापना दिवस
- पूरे वैदिक विधि विधान से हुआ पूजन, कोरोना से मुक्ति की हुई कामना
श्रीहाटकेश्वर नाथ मंदिर में रविवार को 125वां स्थापना दिवस बेहद सादगी से मनाया गया। इस अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्रीहाटकेश्वर नाथ महादेव का पूजन करते हुए कोरोना महामारी से मुक्ति व जनकल्याण की कामना की गई। मंदिर प्रबंधन ट्रस्ट के महामंत्री धीरज नागर ने बताया कि जीरो रोड स्थित उक्त मंदिर की आधारशिला 1895 में गुजरात से आए नागर ब्राह्मणों ने रखी थी। मंदिर में नर्मदेश्वर महादेव लिंग स्थापित हैं। हाटकेश्वरनाथ मंदिर में पूजन-अर्चन से जुड़ी रोचक परंपराएं आज भी कायम हैं। मंदिर में आने वाले श्रद्धालु आज भी पूरी आस्था के साथ परम्पराओं का निर्वहन कर रहे है। पैंट-शर्ट व कुर्ता पायजामा पहन कर पूजन है वíजतमहामंत्री धीरज नागर ने बताया कि मंदिर में पुरुषों को पैंट-शर्ट व कुर्ता-पायजामा पहनकर में पूजन करना वíजत है। यहीं कारण है कि आज भी इस परम्परा का निर्वहन किया जा रहा है। साथ ही अन्न से बने प्रसाद का भोग भी नहीं लगाया जाता, सिर्फ फल का प्रसाद अíपत होता है। विकास नागर बताते हैं कि हाटकेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने से भक्तों को शिव-पार्वती का आशीर्वाद मिलता है, उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ ही उनके घर व परिवार में सुख-शांति का वास होता है। मंदिर में शिव अर्घा के सामने भगवान नंदी जी विराजमान हैं। नंदी जी के बगल श्रीगणेश, माता पार्वती, श्री काíतकेय और सूर्य भगवान की मूíतयां स्थापित की गई है। उन्होंने बताया प्रत्येक वर्ष आज के दिन कई आयोजन होते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए कोई बड़ा आयोजन नहीं किया गया।