घटना के बाद प्रदेश सरकार ने किया था गठन पहले तीन सदस्यीय था आयोग प्रयागराज में कर रहा है जांच


प्रयागराज ब्यूरो । पांचों सदस्यों ने प्रयागराज पहुंचकर धूमनगंज थाने और काल्विन अस्पताल में की गहन जांच, बयान लिए प्रयागराज में 15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हुई हत्या की घटना की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग को अब पांच सदस्यीय कर दिया गया है। अब दो पूर्व चीफ जस्टिस भी इसमें शामिल किए गए हैं। इनमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दिलीप बाबा साहेब भोसले और झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह शामिल हैं। पूर्व चीफ जस्टिस भोसले की अगुवाई में शुक्रवार को आयोग ने प्रयागराज में धूमनगंज थाने के हवालात से लेकर घटनास्थल काल्विन अस्पताल तक गहन जांच की। इससे पहले 20 अप्रैल को तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग के सदस्यों ने जांच की थी।पुलिसकर्मियों का दर्ज किया बयान


पांच सदस्यीय आयोग ने अतीक और अशरफ को थाने से लेकर अस्पताल पहुंचाने और वहां जीप से उतरने के बाद गोलियां बरसाकर हत्या किए जाने की घटना के दौरान मौजूद रहे थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मियों का बयान लिया। अस्पताल के गेट से घटनास्थल तक की दूरी मापी गई। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) की टीम ने टीएसटी मशीन से घटनास्थल से सभी कोनों की दूरी की मैपिंग की। इससे जांच में मदद मिलेगी। आयोग ने पहले धूमनगंज थाने जाकर उस हवालात को देखा जहां अतीक और अशरफ को रखा गया था। इसके बाद थाने से अस्पताल तक उस रूट से पहुंचे, जिस रास्ते से अतीक-अशरफ को ले जाया गया था। काल्विन अस्पताल के गेट पर 15 अप्रैल को हुई घटना के क्राइम सीन के बारे में जानकारी ली। धूमनगंज थाने की जीप अस्पताल के गेट पर रुकी। थाना प्रभारी राजेश कुमार मौर्या ने बताया कि कैसे जीप से अतीक और अशरफ को उतारा गया। कुछ कदम पैदल आगे जाने के बाद गेट के पास मीडिया कर्मियों की भीड़ में शामिल शूटरों मोहित उर्फ सनी, लवलेश तिवारी व अरुण कुमार मौर्य ने अतीक और अशरफ पर गोलियां बरसा दी थीं। एसआईटी ने भी दिया ब्यौराघटनाक्रम की जांच करने वाली एसआइटी (विशेष जांच दल) के अधिकारियों अपर पुलिस आयुक्त अपराध सतीशचंद्र, एसीपी सत्येंद्र तिवारी और इंस्पेक्टर ओमप्रकाश से भी ब्योरा लिया। आयोग ने अतीक-अशरफ को उठाकर अंदर इमरजेंसी वार्ड में ले जाने का भी पूरा सीन जाना। वार्ड में जाकर डाक्टरों से जानकारी ली। फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल के बारे में बारीक विवरण दिया।

सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग हैं याचिका


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अतीक व अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हत्या की घटना के बाद उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया था। गृह विभाग ने कमीशन आफ इनक्वायरी एक्ट-1952 के तहत इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी (द्वितीय) की अगुवाई में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। आयोग में पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह व पूर्व न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी सदस्य बनाए गए। आयोग को दो माह में जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपनी है। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से अब तक हुई पुलिस मुठभेड़ तथा विशेषकर अतीक व अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हत्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दाखिल की गई हैं, इसी माह सुनवाई होनी है। राज्य सरकार अपना पक्ष पूरी मजबूती से रखने की तैयारी कर चुकी है और सुप्रीम कोर्ट में कैविएट अर्जी दाखिल की गई है।

Posted By: Inextlive