अधिवक्ता उमेश पाल अपहरण कांड के मामले में फैसला आने के दूसरे दिन बुधवार को उसके घर पर सख्त पहरा रहा. उमेश पाल के परिवार की सुरक्षा के मद्देनजर फोर्स तैनात रही.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। अपहरण कांड में अतीक सहित तीन लोगों को सजा होने के बाद पुलिस सुरक्षा को लेकर और भी अलर्ट है। अब परिवार को सुरक्षा प्रशासन कितने दिनों तक देगा? यह आने वाला वक्त ही बताएगा।

मंगलवार को दिखे ज्यादा जवान
बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस के गवाह रहे उमेश पाल का 2006 में अपहरण हो गया था। एक साल बाद 2007 में उसके जरिए प्रकरण में केस दर्ज कराया गया था। इस मामले में अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ समेत कुल 11 लोग आरोपित थे। एक आरोपित की विवेचना के दौरान ही मौत हो गई है। मंगलवार को इसी मामले में एमपी एमएलए कोर्ट के द्वारा फैसला सुनाया गया। आरोपित अतीक अहमद और दिनेश पासी एवं खान शौलत हनीफ को सश्रम आजीवन करावास की सजा सुनाई गई। इसके बाद पुलिस उमेश पाल के परिवार की सुरक्षा को लेकर और भी सतर्क हो गई। फैसले के दूसरे दिन भी उमेश पाल के घर पर पुलिस के जवान सुरक्षा में मुस्तैद रहे। बताते चलें कि 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद से ही उसके घर पर फोर्स तैनात की गई थी। बीच में सुरक्षा कर्मियों की संख्या कम कर दी गई थी। लोग बताते हैं कि मंगलवार को उसके घर पर सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ी हुई नजर आई।

Posted By: Inextlive