फ्लाइट हुई कैंसिल, राजधानी की स्पीड पर ब्रेक
प्रयागराज (ब्यूरो)। कोहरे से प्रयागराज में आवागमन व्यवस्था चरमरा गई है। मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों का बुरा हाल है। हवा से बात करने वाली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों का भी टाइमिंग गड़बड़ हो गया है। राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनें भी पांच से छह घंटा विलंब से चल रही है। वहीं एक बार फिर सोमवार को एयरपोर्ट से सभी फ्लाइट कैंसिल रही। जिसका नतीजा रहा कि प्रयागराज से कोई भी यात्री बाई एयर नहीं जा सका। जबकि स्टेशनों पर यात्री टे्रनों के इंतजार में ठंड से ठिठुरते रहे।
अचानक कैंसिल हुई फ्लाइटप्रयागराज से इंडिगो एयर लाइंस दिल्ली, लखनऊ, पुणे, देहरादून, भोपाल, मुंबई समेत आठ शहरों के लिए फ्लाइट सेवा उपलब्ध कराती है। सोमवार को सुबह से ही मौसम में सुधार नहीं हुआ। जिसका नतीजा रहा कि दिल्ली से आने वाली फ्लाइट नहीं आई। इसके बाद किसी अन्य शहर से आने और जाने वाली फ्लाइट भी कैंसिल कर देनी पड़ी।
6 घंटा विलंब से रही 12435 राजधानी।
7 घंटा विलंब से रही 12310 राजधानी।
5 घंटा विलंब से रही 12302 राजधानी।
3 घंटा विलंब से रही 12423 राजधानी।
6 घंटा विलंब से रही 12314 राजधानी।
19 विलंब से चल रही महाबोधी।
दस घंटा लेट रही प्रयागराज
अपने टाइमिंग के लिए चर्चित प्रयागराज एक्सप्रेस ट्रेन सोमवार को दस घंटा विलंब से प्रयागराज जंक्शन पहुंची। इस ट्रेन के जंक्शन पर पहुंचने का समय सुबह सात बजे है। जबकि ये ट्रेन शाम को साढ़े पांच बजे प्रयागराज जंक्शन पहुंची। वहीं प्रयागराज एक्सप्रेस सोमवार को साढ़े नौ घंटा विलंब से नई दिल्ली स्टेशन पहुंची।
वंदे भारत ट्रेन भी विलंब से चल रही है। नई दिल्ली से बनारस के लिए रवाना हुई वंदे भारत पंद्रह घंटा विलंब से बनारस स्टेशन पहुंची। वहीं बनारस से नई दिल्ली जाने वाली वंदे भारत छह घंटा विलंब से चली। ठंड पर आस्था भारी, नई टूटी कतार
मकर संक्रांति पर ठंड जोरदार रही, मगर आस्था भारी पड़ी। प्रयागराज जंक्शन पर मेलार्थियों के आने का क्रम दोपहर दो बजे तक टूटा नहीं। सिविल लाइंस साइड निकासी द्वार पर भोर से दोपहर दो बजे तक मेलार्थियों की भारी भीड़ निकलती रही। जिस पर एसीपी सिविल लाइंस श्वेताभ पांडेय और इंस्पेक्टर बृजेश सिंह अपनी टीम के साथ निकासी द्वार पर सुबह से दोपहर तक मौजूद रहे।
बसों का इंतजार करते रहे मेलार्थी
सिविल लाइंस बस अड््डे पर बसें खचाखच भर कर आई और गईं। दोपहर बाद सिविल लाइंस बस स्टैण्ड पर वापसी की भीड़ जमा होने लगी तो बसों को हर दस मिनट पर रवाना किया जाता रहा। इसके बाद भी भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही थी। दरअसल हुआ यूं कि आते वक्त हजारों की संख्या में लोग ट्रेनों से आए, मगर भीड़ से बचने के लिए लोग वापसी के लिए बस स्टैण्ड पहुंच गए। जिससे बस स्टेशन पर भारी भीड़ रही।