पहली डोज लगवाकर गायब हो गये पांच लाख लाभार्थी!
प्रयागराज (ब्यूरो)। दूसरी डोज लगवाने वाले कितनी लापरवाही बरत रहे हैं इसकी कहानी खुद आंकड़े बता रहे हैं। जिले मेें अब तक 36.23 लाख लोगों का कोरोना वैक्सीनेशन हो चुका है और इसमें 27.46 लाख ऐसे हैं जिन्हें पहली डोज लगी है। वहीं 8.76 लाख ऐसे हैं जिनको दूसरी डोज लगी है। यह पहली और दूसरी डोज के बीच तीन गुने से अधिक का अंतर है। यह चिंता का कारण भी है क्योंकि दोनों डोज कम्प्लीट नही होने पर कोरोना का खतरा बढ़ सकता है।
बाजार में उमड़ रही भीड़
एक्सपट्र्स का कहना है कि कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाना बेहद जरूरी है, क्येंकि यह बूस्टर का काम करती है। इसके लगने वाले कोरोना के मुकाबले इम्युनिटी 80 फीसदी तक बढ़ जाती है। जबकि पहली डोज में इम्युनिटी का ग्राफ काफी कम होता है। यही कारण है कि लोगों को दोनों डोज लगवाने की अपील की जा रही है।
लगभग चार लाख हैं पेंडिंग
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस समय लगभग चार लाख लोग ऐसे हैं जिनकी पहली डोज लग चुकी है लेकिन दूसरी डोज के लिए वह सेंटर पर नही आएं हैं। 84 दिन पूरा होने के बाद उनके पास पोर्टल से आटोमेटिक रिमाइंडर मैसेज भी गया होगा। बावजूद इसके यह लोग सेंटर पर नही आ रहे हैं।
सख्ती होने पर पहुंच रहे
एमएलएन मेडिकल कॉलेज के वैक्सीनेशन सेंटर के इंचार्ज डॉ। उत्सव सिंह कहते हैं कि अक्टूबर के मिडिल से सेंटर पर 80 फीसदी ऐसे लोग रोजाना आ रहे हैं जिनको दूसरी डोज लगवानी है। अभी तक यह लोग टाल मटोल कर रहे थे। लेकिन जब सरकार ने सख्ती की तो यह लोग सेंटर पर पहुंचने लगे हैं। खासकर यात्रा करने और नौकरी आदि में वैक्सीनेशन पासपोर्ट की मांग होने लगी है। धीरे धीरे गवर्नमेंट इसे कम्पल्सरी कर सकती है। ऐसे में लोग दूसरी डोज लगवाने के प्रति जिम्मेदारी दिखाने लगे हैं।
वैक्सीनेशन टारगेट जिले का
2746911
को अब तक लगी पहली डोज
876431
को अब तक लगी दूसरी डोज
3623342
जिले में हुआ कुल वैक्सीनेशन
04
लाख लोगों की पेंडिंग है सेकंड डोज सेकंड डोज के लिए अब लोग आने लगे हैं। जो लोग बाकी बचे हैं उनसे आने की अपील की जा रही है। दूसरी डोज नही लगवाने से लोग कोरोना की चपेट में आसानी से आ जाएंगे और फिर वह दूसरों के भी संक्रमित कर सकते हैं।
डॉ। तीरथ लाल
एसीएमओ व वैक्सीनेशन प्रभारी