मिट्टी के पुराने टीले की छात्राओं से खोदाई करवा कर सेफ्टी टैंक के गड्ढे को पाटने का काम कराया जा रहा था. अचानक टीला के ढह जाने से फाफामऊ गोहरी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की पांच छात्राएं मलबे में दब गईं. यह देख काम कर रहीं अन्य छात्राओं में चीख-पुकार मच गई. उनकी आवाज सुनते ही विद्यालय के जिम्मेदार और ग्रामीण भाग कर मौके पर पहुंचे. काफी प्रयास के बाद ग्रामीणों द्वारा छात्राओं को मलबे से बाहर निकाला गया.

रविवार सुबह हुई इस घटना से अफसरों के होश फाख्ता हो गए। पुलिस और प्रशासनिक अफसर टीम के साथ मौके पर पहुंचे। मलबे से बाहर निकाली गईं छात्राओं को पब्लिक के सहयोग से बेली और एसआरएन हॉस्पिटल ले जाया गया। डॉक्टरों द्वारा तीन छात्राओं की हालत गंभीर बताई गई। मौके पहुंचे छात्राओं के परिजनों व ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। विद्यालय की वार्डेन पर छात्राओं से जबर काम कराने का आरोप लगाते हुए सभी नारेबाजी शुरू कर दिए। एसडीएम और सोरांव सीओ ने किसी तरह सभी को शांत कराया। हालांकि ग्रामीणों के आरोप को खारिज करते हुए अफसरों ने कहा कि छात्राएं टीले पर खेल रहीं थीं। अचानक टीला के ढह जाने से यह घटना हुई है।

छात्राओं से कराया जा रहा था काम
फाफामऊ गोहरी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय परिसर में सेफ्टी कैंट के लिए एक गड्ढा खोदा गया था। निकली हुई मिट्टी का ढेर परिसर में ही लगा हुआ था। काफी पुराना मिट्टी का यह ढेर एक टीले के रूप में कनवर्ट हो गया था। बताते हैं कि रविवार सुबह मिट्टी के इस पुराने टीले को छात्राओं से खोदाई कराकर सेफ्टी टैंक को पाटने का काम कराया जा रहा था। मिट्टी को खोदते वक्त अचानक टीला ढह गया और मलबे में छात्रा वर्षा (15), रागिनी (14) निवासिनी बेचू का पूरा गोहरी, अंकिता (12) निवासिनी लूसनपुर सोरांव, दीक्षा व साक्षी शामिल दब गईं। यह देख काम कर रहीं अन्य छात्राएं खीच पड़ीं। उनकी आवाज सुनकर पहुंचे विद्यालय के जिम्मेदारों में अफरातफरी मच गई।

ग्रामीणों ने मशक्कत के बाद बाहर निकाला
चीख-पुकार सुन पहुंचे ग्रामीण छात्राओं को निकालने में जुट गए। कड़ी मशक्कत के बाद गांव के लोग छात्राओं को मलबे से बाहर निकालने में कामयाब हो गए। हॉस्पिटल में दीक्षा और साक्षी को इलाज बाद विद्यालय भेज दिया गया। जबकि रागिनी, अंकिता और वर्षा की हालत गंभीर देख बेली हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। यहां से छात्रा अंकिता को डॉक्टरों ने एसआरएन हॉस्पिटल रेफर कर दिया। विद्यालय पहुंचे छात्राओं के परिजन व ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया।
जबरन काम कराने का आरोप
लोगों द्वारा वार्डेन आरती ङ्क्षसह पर छात्राओं से जबरन काम कराने का आरोप लगाया गया। लोग कहते हैं कि पब्लिक के गुस्से को देखते हुए वार्डेन विद्यालय से भाग खड़ी हुई। मौके पर पहुंचे एसडीएम सोरांव ज्योति मौर्य, बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी, खंड शिक्षा अधिकारी सोरांव वरुण मिश्रा, सीओ सोरांव, थानाध्यक्ष फाफामऊ अनिल वर्मा, लेखपाल संघ अध्यक्ष राजकुमार सागर सहित अन्य ने किसी तरह लोगों को शांत कराया। दोषियों पर कार्रवाई के आश्वासन बाद लोगों का गुस्सा ठंड़ा हुआ।

हॉस्पिटल पहुंचे डीएम पूछे तबीयत
फाफामऊ गोहरी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय हुई घटना से डरी सहमीं सुबक रहीं छात्राएं पोलखोल कर रख दीं। वारदात के बाद वायरल एक वीडियो में छात्राएं कह रही हैं कि वार्डेन द्वारा काम कराया जाता है। सितंबर महीने से अब तक कुछ कक्षाएं ही चली हैं। कक्षा छह से आठ तक की यहां कुल 100 छात्राएं हैं। खबर मिलने के बाद मौके पर पहुंचे डीएम संजय खत्री ने घटना की जानकारी ली। इसके बाद वह एसआरएन और बेली हॉस्पिटल पहुंच कर छात्राओं का हालचाल जाने।

छात्राएं विद्यालय परिसर स्थित पुराने टीले से मिट्टी निकाल कर खेलने के लिए सुरंग बना रही थीं। खुरपी से खोदाई करते समय टीले की मिट्टी ढह गई। जिससे यह घटना हुई। सभी खतरे से बाहर हैं। मामले की जांच के बाद जो दोषी मिलेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रवीण कुमार तिवारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी

Posted By: Inextlive