एडवोकेट जनरल ऑफिस की बिल्डिंग में सोमवार को हुई आग लगने के घटना के बाद यहां आग से निबटने के उपायों की पोल खुल गयी. माना जा रहा है कि अग्निशमन यंत्र सक्रिय होते तो शायद इतना नुकसान न होता. ग्राउंड फ्लोर से लेकर नवीं मंजिल तक इन यंत्रों ने फायर फाइटर को धोखा दिया.


प्रयागराज (ब्यूरो)। फायर ब्रिगेड स्टेशन सिविल लाइंस की फाइल बताती है कि आंबेडकर भवन में नौवीं मंजिल तक अग्निशमन यंत्र सक्रिय नहीं हैं। इनमें डाउन कमर, हौज बाक्स, हौज पाइप, स्प्रिंकलर सेट, स्माग डिटेक्टर, फायर बकेट और टैंक के पास फायर पंप भी लगे होते हैं। इन्हें समय-समय पर चलाकर सक्रिय रखना जरूरी है। फायर ब्रिगेड की टीम इसके लिए जाती भी रही है लेकिन यंत्र कई जगह खराब मिले। भवन के प्रशासक को पत्र भेजे गए, जिसमें आग्रह किया गया कि इन्हें ठीक करा लें। रविवार को भोर में आग लगी, फायर फाइटर पहुंचे तो अग्निशमन यंत्र निष्क्रिय मिले। इस कारण दमकल अधिक संख्या में बुलाने की जरूरत पड़ी और आग पर काबू पाने में घंटों लग गए।

अग्निशमन यंत्र इतने भी खराब नहीं थे। कहीं-कहीं उनका उपयोग हुआ। रही बात पत्राचार की तो वह रूटीन में होते रहते हैं।डा। आरके पांडेयमुख्य अग्निशमन अधिकारी

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