पटाखों से बढ़ा पाल्यूशन, छाई धुंध
प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर में दिवाली पर पांच दिन तक लगातार पटाखे जलाए गए हैं। यह क्रम धनतेरस से शुरू होकर भैयादूज तक चला है। आसमान में रंग बिरंगी आतिशबाजी ने दिल तो सबका जीता लेकर इससे निकलने वाला धुआं कही नही गया। शनिवार को यह धुंआ, धुंध के रूप में नजर आया। शाम को हल्की धुंध से सूरज की रौशनी कम हो गई। इसके साथ ही मौसम में भी हल्की तल्खी रही। उमस बढ़ जाने से लोगों को पसीना बहाना पड़ा। फिर नंबर एक पर पहुंचा सिविल लाइंस एरिया
दिवाली की शाम नगर निगम व सिविल लाइंस एरिया पाल्यूशन के मामले पर नंबर एक पर रहा। पटाखों के धुएं के चलते यहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 पर पहुंच गया। यह बेहद खराब स्थिति मानी गई। एक्सपट्र्स ने बताया कि इस परिस्थिति में सांस लेना मुश्किल होने लगता है। खासकर जो लोग सांस के रोगी हैं उनको घर से बाहर नही निकलना चाहिए। हो सके मास्क का यूज करें। निर्धारित मानक 100 से साढ़े तीन गुना पहुंचे एयर क्वालिटी चिंता का कारण बन सकती है। वहीं पाल्यूशन के मामले में दूसरे नंबर पर झूंसी रहा। यहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 320 और तेलियरगंज में 285 रहा। यह दोनों परस्थितियां सेहत के लिहाज से अच्छी नही मानी जाती हैं।
इन गैसों का बढ़ गया प्रभावअंधाधुंध पटाखों के धुएं से हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर कई गुना बढ़ गया है। इसके अलावा नाइट्रोजन, कार्बन, सल्फर, नाइट्स हाइड्राक्साइड जैसे घातक गैसों का स्तर भी बढ़ा हुआ है। इनका स्वास्थ्य पर विपरीत असर होता है। इससे सांस लेने में दिक्कत होती है। चेस्ट फिजीशियन डॉ। आशुतोष गुप्ता कहते हैं कि पीएम 10 में कई हानिकारक तत्व होते हैं। पटाखों के धुएं के साथ तेज धमाके से उडऩे वाली धूल के कण हवा में जितनी अधिक मात्रा में बढ़ेगी, पाल्यूशन लेवल उतना अधिक होता जाएगा।हमारी संस्था की ओर से लगातार पाल्यूशन लेवल के स्तर पर नजर रखी जा रही है। हम लोगों को पर्यावरण संतुलन के प्रति जागरूक भी करते रहते हैं। लोगों ने पटाखे जलाएं हैं उसकी वजह से धुंध का स्तर बढ़ गया है। रवि कुमार, संस्था क्लाइमेट एजेंडा
धुंध का दो से तीन दिन तक सामना करना पड़ सकता है। साथ ही मौसम में हल्की गर्मी भी बनी हुई है। इस बार पहाड़ों पर अभी बर्फबारी शुरू नहीं हुई है। इन सब कारणों की वजह से ठंड कम पड़ रही है। पटाखों का असर भी पर्यावरण पर हुआ है।शैलेंद्र राय, मौसम विज्ञानी, इलाहाबाद विवि