चिल्ड्रेन अस्पताल में क्षमता से डेढ़ गुना मरीजों को किया गया है भर्ती

सबसे ज्यादा आ रहे हैं बुखार से पीडि़त, परिजन हलकान

वायरल बुखार ने पांव पसार लिया है। घर-घर लोग बीमार पड़ रहे हैं। बच्चे भी इसकी चपेट में तेजी से आ रहे हैं। चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के हालात तो चिंताजनक हो गए हैं। यहां क्षमता से डेढ़ गुना अधिक बुखार से पीडि़त मरीजों को भर्ती किया गया है। इसकी वजह से एक बेड पर तीन मरीजों को मजबूरी में भर्ती किया जा रहा है। इससे बच्चों में संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सीजनली बीमारियों के मरीजों की संख्या अधिक होने से ऐसा करना पड़ रहा है। उन्हें वापस भी नहीं किया जा सकता है।

लगातार बढ़ रहे मरीज

हॉस्पिटल की क्षमता 120 बेड की है और इस समय यहां पर 170 से अधिक मरीजों को भर्ती किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा मरीज बुखार के हैं। सीजनल बुखार का प्रकोप इतना अधिक हो गया है हर तीसरा बच्चा से इससे जूझ रहा है। परिजनों का कहना है कि शुरुआत मे हल्का फीवर आया लेकिन अचानक से इसकी तीव्रता बढ़ गई है। लंबे समय तक बुखार नही उतरा तो बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।

डराने वाला है इमरजेंसी वार्ड का नजारा

अस्पताल के 20 बेड के इमरजेंसी वार्ड का नजारा इस समय दिल दहला देने वाला है। यहां प्रत्येक बेड पर दो से तीन बच्चों को भर्ती किया गया है। जबकि इससे बच्चों में आपस में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। जानकारी के मुताबिक बच्चे इतने सीरियस हालत में आ रहे हैं कि उन्हें तत्काल इमरजेंसी में रखना पड़ रहा है। दो से तीन दिन में उनकी तबियत नार्मल होने के बाद दूसरे वार्ड में भेजा जाता है। कई बच्चे सुधबुध खोकर बेहोशी की हालत में अस्पताल पहुंच रहे हैं।

ओपीडी में भी बढ़ रही भीड़

इस समय चिल्ड्रेन अस्पताल की ओपीडी की संख्या भी दोगुनी हो गई है। वर्तमान में प्रतिदिन 400 तक ओपीडी में मरीजों की संख्या पहुंच रही है। इनमें 50 फीसदी से अधिक मामले बुखार के हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में टाइफाइड, पीलिया, मलेरिया, हेपेटाइटिस आदि के लक्षण दिख रहे हैं। इनकी जांच में इन बीमारियों की पुष्टि भी हो रही है। अधिकतर बच्चों में बुखार की समस्या सबसे ज्यादा दिख रही है।

बाहर से खरीदनी पड़ रही दवा

उधर, परिजनों का कहना है कि इलाज के दौरान उनसे बाहर से भी कुछ दवाएं मंगाई जा रही हैं। हालांकि अधिकतम दवाएं अंदर से उपलब्ध कराई जाती हैं। परिजनों की माने तो एक बेड पर तीन बच्चे भर्ती करने से काफी दिक्कत हो रही है। बच्चे के साथ कम से कम एक परिजन को रहना पड़ता है। जिससे वार्ड की समस्या बढ़ जाती है।

बच्चे को डबल निमोनिया हुआ है। तेज बुखार आने के चलते कुछ दिन पहले भर्ती कराना पड़ा था। अब उसे आराम मिल गया है।

रामबाबू यादव

बच्चे को तेज बुखार आ रहा था। आनन फानन में यहां लेकर आए हैं। जांच में पता चला कि खून की कमी हो गई है।

मिथिलेश

हमारा बच्चा दो माह का है। उसे तेज बुखार आ रहा था। जांच में बताया निमोनिया हुआ है। अब उसका इलाज चल रहा है।

मो। हामिद रजा

वार्ड में भर्ती कई बच्चों को बुखार की शिकायत है। मेरे बच्चे को भी फीवर आ रहा था। उसे इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है।

मंजू देवी

Posted By: Inextlive