.हेडिंगपोप के प्रतिनिधि समेत छह धर्माध्यक्ष हुए शामिल सेंट जोसेफ स्कूल में हुआ आयोजन

प्रयागराज ब्यूरो । प्रभु यीशु मसीह की पवित्रता, उनके क्रियाशील रहने की अनुभूति कराने को इलाहाबाद डायोसिस के नए बिशप फादर लुईस मैस्करेहांस को विधि विधान से जिम्मेदारी सौंपी गई। सेंट जोसेफ कैथेड्रल चर्च परिसर में गुरुवार को उन्हें डायोसिस के 11वें बिशप (धर्माध्यक्ष) की शपथ दिलाई गई। धर्मध्यक्षीय अभिषेक मुंबई से आए धर्माध्यक्ष ओस्वाल्ड काडर्निल ग्रेसियस ने कराया। मसीही समाज के सामने रोम के पोप फ्र ांसिस का संदेश पढ़ा गया। फादर लुईस ने सुगंधित वातावरण में मसीही समुदाय को प्रभु यीशु की राह में चलने की प्रेरणा देने का संकल्प लिया।
तीन हजार लोग बने साक्षी
फादर लुईस को इलाहाबाद डायोसिस के धर्मप्रांत की जिम्मेदारी देने के लिए सेंट जोसेफ कैथेड्रल में पद ग्रहण कराया गया। समारोह में कैथोलिक मसीही समाज के हजारों लोगों के बीच रोमन कैथोलिक के सर्वोपरि महाधर्मगुरु पोप के इंडो-नेपाल के प्रतिनिधि लियोपाल्डो जिरेली, आगरा महाधर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष राफी मंजली, लखनऊ के बिशप जेराल्ड जान मतिएस समेत छह धर्माध्यक्ष, विभिन्न राज्यों से करीब 200 पुरोहित, धर्म बहनों समेत देशभर से तीन हजार मेहमानों का समागम हुआ। शुरुआत में फादर लियो सिक्वेरा ने इलाहाबाद धर्मप्रांत का संक्षिप्त इतिहास बताया। फादर लुईस मैस्केरेहांस की शिक्षा व उनके व्यक्तित्व की जानकारी दी। नाजरेथ अस्पताल से आयी नर्सों ने प्रार्थना की। फादर केके एंथनी ने ईश्वरीय प्रजा के सामने नए बिशप की उम्मीदवारी प्रस्तुत की। बाइबिल पाठ के बाद ओस्वाल काडर्निल ग्रेसियस ने इलाहाबाद धर्मप्रांत के नए बिशप को बधाई दी। मसीही विधि विधान से फादर लुईस मैस्करेहांस के सिर पर बाइबिल रखकर, उन्हें क्राइस्ट से अभिषिक्त कर, धर्मध्यक्षीय अंगूठी, किरीट और धर्मध्यक्षीय दंड देकर धर्माध्यक्ष के आसन पर बैठाया गया। बिशप का पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि जनसेवा के लिए समर्पित भाव से काम करेंगे।

पहली बार आए पोप के प्रतिनिधि
रोमन कैथोलिक के सर्वोपरि पोप फ्र ांसिस के प्रतिनिधि के रूप में लियोपाल्डो जिरेली इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल हुए। ऐसे आयोजन में प्रयागराज में पोप के प्रतिनिधि का पहली बार आगमन हुआ है। बिशप फादर लुईस मैस्करेहांस के अंतर्गत 13 जिले आएंगे। प्रयागराज के अलावा कौशांबी, प्रतापगढ़, अमेठी, सुल्तानपुर, आंबेडकरनगर, फैजाबाद, फतेहपुर, रायबरेली, कानपुर नगर, कानपुर देहात, मीरजापुर और सोनभद्र के डायोसिस के समस्त चर्च, स्कूल-कालेज व सोसाइटी के कार्य इनके निर्देश पर होंगे।

ढाई साल से खाली था पद
आगरा महाधर्मप्रांत के बिशप राफी मंजली ने कहाकि इलाहाबाद धर्मप्रांत की धर्मपीठ ढाई साल से खाली थी। प्रभु से निरंतर प्रार्थना की जा रही थी कि इस पीठ को एक भला चरवाहा (बिशप) मिल जाए। मसीही समाज इसका बेसब्री से इंतजार कर रहा था। ईश्वर पर अटल विश्वास था और प्रभु कृपा से वह इच्छा पूरी हुई। कहाकि धर्मध्यक्ष प्रभु यीशु का प्रतीक है। वह स्वयं पवित्र होता है और प्रभु यीशु मसीह की पवित्रता का सभी को एहसास कराता है।

कर्नाटक के हैं मूल निवासी
बिशप लुईस मूलरूप से कर्नाटक के केल्मबेट के निवासी हैं। इनका जन्म 29 सितंबर 1959 को हुआ है। साईमन मैस्करेहांस व ब्रिजीत मैस्करेहांस के छह पुत्र एवं तीन बेटियों में यह पांचवें स्थान पर आते हैं। दक्षिण कन्नड़ जनपद से ही हाईस्कूल तक पढ़ाई की। इसके बाद इलाहाबाद धर्मप्रांत के पुरोहित बनने के लिए लखनऊ आ गए। प्रयागराज में दर्शनशास्त्र व ईशशास्त्र में पुरोहित की पढ़ाई की। एमए व बीएड किया। उन्होंने अपने जीवन का बड़ा भाग जनसेवा में लगाया है।

Posted By: Inextlive