अटकी है 2011 के छह मंडल और 2013 के 599 पदों की भर्ती

लटकी भर्तियों को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के प्रति प्रतियोगियों व प्रधानाचार्य पद के आवेदकों में गुस्सा बढ़ने लगा है। विद्यालय आवंटन की मांग को लेकर टीजीटी 2016 के सामाजिक विज्ञान कला वर्ग के चयनित छह दिन से सत्याग्रह कर रहे हैं तो प्रधानाचार्य पद की भर्ती के लिए आवेदन करने वालों ने भी अब हुंकार भरी है। चयन बोर्ड को चेतावनी दी है कि एक सप्ताह के भीतर साक्षात्कार की तिथि घोषित नहीं की गई दो वह कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर बैठेंगे।

दस साल से लटकी है प्रिंसिपल भर्ती

प्रदेश में अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य पद पर भर्ती 10 वर्षो से लटकी है। इसके चलते प्रधानाचार्य विहीन विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। प्रधानाचार्य भर्ती के प्रति चयन बोर्ड के उदासीन रवैये पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने आक्रोश जाहिर किया है। सोमवार को महासंघ के माध्यमिक संवर्ग के प्रदेश मंत्री डा। संतोष शुक्ल की अगुवाई में अल्लापुर में हुई बैठक में 2011 के छह मंडलों के प्रधानाचार्य भर्ती का परिणाम न घोषित करने पर नाराजगी जताई गई। प्रदेश मंत्री ने कहा कि 2013 के प्रधानाचार्य के 599 पदों का विज्ञापन दिसंबर 2013 में जारी हुआ। आठ वर्ष में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड साक्षात्कार नहीं करा सका।

हाई कोर्ट के आदेश की भी अवमानना

चयन बोर्ड ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका पर दाखिल हलफनामे में चार नवंबर 2020 को कहा था कि साक्षात्कार एवं चयन मई 2021 तक पूरा करा लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। बैठक में डा। आरके मिश्र, डा। पवन, डा। अभिषेक मिश्र ने कहा कि स्थाई प्रधानाचार्य न होने से से विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। डा। गार्गी, डा। संतोष पांडेय, डा। सुभाष शर्मा, डा योगेंद्र सिंह आदि बैठक में शामिल हुए।

Posted By: Inextlive