किसानों को नहीं मिल रहे सब्जी के भाव
- मंडी में औने-पौने दाम में सब्जी खरीदकर दुकानदार कमा रहे मोटा मुनाफा
- गली-मुहल्लों में ठेले वाले दोगुने दाम से अधिक पर बेच रहे सब्जी मेहनत कर खेतों में सब्जी उगाने वाले किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहे। वहीं मंडी में औने-पौने दाम में सब्जी खरीदकर दुकानदार मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। स्थिति यह है कि किसान मुंडेरा मंडी में ही सुबह से ही सब्जी बेचने के लिए दूरदराज से आ रहे हैं। लेकिन उन्हें यहां मनमाफिक भाव नहीं मिल पा रहा है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में किसानों ने बताया कि भाव न मिलने के कारण वह बहुत परेशान हैं। सब्जी के इतने दाम भी नहीं मिलते की लागत भी निकल सके। वहीं सुबह 9 बजे के बाद पुलिस द्वारा कार्रवाई किए जाने का डर सताता है, इसीलिए औने-पौने दाम में ही सब्जी बेचकर चले जाते हैं। केस 01मजबूरी में आना पड़ता है मंडी
मंडी सचिव रेनू वर्मा की मानें तो यह फार्मूला मंगलवार से लागू करने करने की कोशिश की जा रही है। इस पर चर्चा चल रही है। पिछले कोरोना काल में इस फार्मूले को लागू किया गया था। यहां तक की रेट लिस्ट को सोशल मीडिया से लेकर तमाम जगहों पर भी जारी किया जाता था। यह रेट लिस्ट प्रशासनिक अधिकारियों तक भेजा जाता था। रोजाना बिकने वाले सब्जियों की रेट की डिस्प्ले मंडी के गेट पर लगाया जाएगा। ताकि लोगों को पता चल सके कि मंडी के अंदर किस सब्जी का क्या भाव चल रहे हैं। रेनू वर्मा, सचिव, मुंडेरा मंडीमकनपुर ग्राम गांजा के किसान कुलदीप सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते एक सप्ताह में तो 84 घंटे का लाक डाउन ही लगा हुआ है। वहीं सुबह के समय कम समय के भीतर मॉल बेचना काफी मुश्किल हो जाता है। कुछ ही घंटे बाद मंडी में पुलिस कार्रवाई के लिए घूमने लगती है। जिसके चलते कम दाम में ही सब्जियों को बेचकर भागना पड़ता है। इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। वहीं यदि सब्जी तोड़े नहीं तो वे खेत में ही सड़ जाएंगी। मजबूरी में सब्जी तोड़कर बाजार लाना पड़ता हैं।
मनमानी दाम पर बेच रहे ठेले वाले केस 02 - असरावल कला के किसान संजय यादव ने बताया कि कम भाव मिलने से खेतों से सब्जियों की तुड़ाई व आने-जाने का खर्च नहीं निकल पा रहा है। कोरोना कफ्र्यू के दौरान लोगों ने घर से निकलना बंद कर दिया। नहीं तो सब्जियाें को मंडी के अंदर ही लगाने पर कुछ ही घंटों में बिक जाती थी। इसका फायदा ठेले पर घूमकर सब्जी बेचने वाले उठा रहे हैं। फेरीवाले मंडी से खरीदी गई सब्जी व बाजार में की जाने वाली बिक्री के दाम में काफी अंतर पर बेच रहे हैं। मंडी में जहां यह लौकी को चार से पांच रुपये प्रति किग्रा खरीद रहे हैं। वहीं खुले में इसके दाम 20 से 30 रुपये लिए जा रहे हैं। इसी प्रकार अन्य सब्जियों के रेट में भी दोगुने के अंतर से बेच रहे हैं। केस 03 - फोटो शादियां कैंसिल होने से भी असरमूरतगंज कौशांबी के किसान राघवेंद्र कुमार ने बताया कि इन दिनों शादी समारोह में कम संख्या और कई शादियां कैंसिल होने से सब्जियों की खपत कम हो गई है। वहीं होटल- रेस्टोरेंट में भी कम संख्या में लोगों के पहुंचने से सब्जियों की डिमांड कम हो गई है। बताया कि इन दिनों मंडी में किसानों से खीरा 5 से 6 रुपए किलो में खरीदा जा रहा है। ककड़ी 3 से 4 रुपए किलो खरीदी जा रही है। टिंडे की बात करें तो यह भी अभी किसानों को फसल का दाम नहीं दे रहा है। 5 से 6 रुपए किलो में खरीदा जा रहा है। इसके अलावा टमाटर के भी यही हाल है। किसानों से पास से 7 से 8 रुपए किलो में टमाटर मंडी में खरीदा जा रहा है। जबकि ठेले वाले मुहल्लों में घूम-घूमकर ग्राहकों को यही सब्जियां दो से तीन गुने में अधिक बेच रहे हैं।
अब नहीं होगी मनमानी, किसानों को भी मिलेगा लाभ मंडी के गेट पर लगेगी सब्जियों की रेट लिस्ट, सोशल मीडिया पर भी होगी शेयरक्कक्त्रन्ङ्घन्द्दक्त्रन्छ्व: एक तरफ आम आदमी कोरोना जैसी महामारी को लेकर परेशान हैं वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे लोग भी हैं जो इस महामारी को अवसर देखकर अधिक से अधिक पैसे कमाने में लगे हैं। ऐसा ही मामला थोक सब्जी मंडी में आया तो इसको गंभीरता से लेते मंडी प्रशासन ने नकेल कसने को लेकर चर्चा की। किसानों से मनमानी दाम पर सब्जी खरीदकर उसको महंगे दाम पर बेचने को गंभीरता से लिया। मंडी सचिव की ओर से कहा गया गया है कि जल्द ही मुंडेरा थोक मंडी परिसर में सभी सब्जियों का रेट लिस्ट लगाया जायेगा,
मनमाना नहीं कर सकेंगे थोक विक्रेता मंडी के अधिकारी ने बताया कि रोजाना बिकने वाले सब्जियों की रेट की डिस्प्ले मंडी के गेट पर लगाया जाएगा। ताकि लोगों को पता चल सके कि मंडी के अंदर किस सब्जी का क्या भाव चल रहे हैं। यह रेट रोजाना के आवक पर निर्भर करेगा। इस रेट लिस्ट में किसान से किस भाव में इससे आम जनता के साथ किसानों को भी फायदा पहुंचेगा। माना जा रहा है कि रोजाना के रेट डिस्प्ले से किसानों को भी पता चल सकेगा कि आखिर मंडी में उनके सामानों का क्या भाव रेट से बेचा जा रहा है। उनको अपनी लागत की सही कीमत भी मिल पाएगी और ऐसे में लोगों को मनमाना रेट पर सब्जियों को नहीं खरीदना पड़ेगा। मंगलवार से रेट लिस्ट होगा डिस्प्ले