पत्नी और दो बच्चों का रो रोकर बुरा हालझूंसी में अकेले रहते थे फार्मासिस्ट गोरखपुर में रहता है परिवार


प्रयागराज ब्यूरो ।फार्मासिस्ट की अचानक मौत से उसका परिवार टूट गया है। किसी को कुछ समझ ही नहीं आ रहा है कि हेल्थ के प्रति इतना सचेत रहने वाले फार्मासिस्ट की अचानक हार्टअटैक से मौत कैसे हो गई। गुरुवार को फार्मासिस्ट की बॉडी का डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम में कार्डियो अटैक की बात सामने आई है। घरवालों ने पोस्टमार्टम के बाद फार्मासिस्ट की बॉडी का अंतिम संस्कार रसूलाबाद घाट पर किया। इस दौरान फार्मासिस्ट के साथ काम करने वाले स्टॉफ भी मौजूद रहे। घटना से घरवालों का रो रोकर बुरा हाल है।

ड्यूटी जाते समय हुई मौत
झूंसी के पूरेसूरदास में फार्मासिस्ट प्रमोद यादव ने अपना मकान बनवाया था। प्रमोद की पत्नी अराधना एक कालेज में टीचर हैं। उनकी पोस्टिंग गोरखपुर में है। वह अपने दो बच्चों आद्विक और अराध्या के साथ वहीं रहती हैं। बीच बीच में छुट्टियों में परिवार फार्मासिस्ट के पास आता रहता था। बुधवार सुबह फार्मासिस्ट ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकले। वह कार से थे। घर से करीब एक किलोमीटर दूर बदरा सोनौटी रोड पर अचानक उन्होंने कार खड़ी कर दी। इसके बाद ड्राइविंग सीट पर बैठे बैठे ही उनकी मौत हो गई। वह किसी को अपने मोबाइल से सूचना भी नहीं दे पाए। जिम्मेदारी से करते थे ड्यूटी


हेल्थ सेंटर उपरदहा हंडिया में पोस्ट फार्मासिस्ट प्रमोद यादव अपनी ड्यूटी बेहद जिम्मेदारी से करते थे। उनके साथ काम करने वाले मेडिकल अफसर डा.चंद्रशेखर, दिलीप यादव, बनी हेल्थ सेंटर के मेडिकल अफसर डा.अवनीश पटेल पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे। मेडिकल अफसर डा.चंद्रशेखर ने बताया कि बुधवार सुबह आठ बजे से उनकी ड्यूटी थी। वह हमेशा पांच मिनट पहले अपनी ड्यूटी पर पहुंच जाते थे। साढ़े आठ बजे तक वह नहीं आए तो स्टॉफ ने उनकों फोन किया, मगर उनकी कॉल रिसीव नहीं हो रही थी। गांव से आया परिवारफार्मासिस्ट प्रमोद यादव मूल रूप से संतकबीर नगर के सरैया राजापुर गांव के रहने वाले थे। प्रमोद यादव दो भाइयों में छोटे थे। बड़े भाई विनोद यादव टीचर हैं। वह संत कबीर नगर में ही रहते हैं। गोरखपुर से आई पत्नी और बच्चों का रो रोकर बुरा हाल था। परिजनों ने प्रमोद यादव की बॉडी का रसूलाबाद घाट पर ही अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद लौट गए।

Posted By: Inextlive