शादी अनुदान में पकड़ा गया फर्जीवाड़ा, बैठायी गयी जांच
करछना तहसील के कौंधियारा ब्लाक से सबसे अधिक आवेदन
जांच के लिए कमेटी गठित, घर-घर किया जा रहा है सत्यापन शादी अनुदान में फर्जीवाड़ा का मामला प्रकाश में आया है। इसका पैसा जारी होने से पहले मामला पकड़ में आ गया। इसलिए समाज कल्याण अधिकारी ने जांच शुरू करवा दी है। अब सभी लाभार्थियों के घर-घर जाकर सत्यापन किया जा रहा है। सत्यापन के बाद जो पात्र होंगे, उन्हें ही योजना का लाभ दिया जाएगा। प्रदेश सरकार देती है 20 हजार रुपयेप्रदेश सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को बेटी की शादी के लिए 20 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है। यह अनुदान मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से अलग है। इसमें शादी से 90 दिन पहले या 90 बाद तक आवेदन किया जा सकता है। यह प्रक्रिया सालभर चलती रहती है। फिर सत्यापन करके आवेदक के खाते में समाज कल्याण विभाग से धनराशि जारी कर दी जाती है। इस सत्र में शादी अनुदान के लिए करीब दो हजार आवेदन आए थे। इनमें से सबसे अधिक करछना तहसील से करीब सात सौ आवेदन आए। उसमें भी कौंधियारा ब्लाक के ज्यादा आवेदन थे। इन सभी के आवेदन ब्लाकों से स्वीकृत होकर समाज कल्याण अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह के पास पहुंचे। एक ही तहसील के ज्यादा आवेदन होने पर उनमें गड़बड़ी की आशंका हुई। इस दौरान उन्होंने कुछ आवेदन पत्रों की जांच करवाई तो पता चला कि कई अपात्र भी योजना लाभ पाने के लिए आवेदन किए हैं। चूंकि ऐसी गड़बड़ी कानपुर में भी पकड़ी जा चुकी थी। इसलिए उन्होंने भुगतान रोक दिया और सभी आवेदन पत्रों की जांच के लिए कमेटी बना दी।
एक ही तहसील क्षेत्र से ज्यादा आवेदन आने और उसमें फर्जीवाड़ा की आशंका को देखते हुए जांच शुरू करवा दी है। सप्ताह भर में उसकी रिपोर्ट मांगी है। जांच के बाद जो पात्र मिलेंगे, केवल उन्हीं को शादी अनुदान का लाभ दिया जाएगा। प्रवीण कुमार सिंह, समाज कल्याण अधिकारी