फितरत में गुनाह दाखिल हुआ तो शातिर के जेहन से कानून का खौफ दफा हो गया. इसके बाद उसने जो गुनाह किया वह काफी चौंकाने वाला रहा. हत्या के आरोपित विवेक सिंह उर्फ कट्टा को फतेहगढ़ कारागार में भेजने का आदेश नैनी सेंट्रल जेल में मेल कर दिया. एक न्यायाधीश के नाम से भेजा गया मेल कारागार के अफसरों को खटक गया. प्राप्त मेल को लेकर पड़ताल शुरू की गई तो मेल पर प्राप्त वह आदेश फेक पाया गया. यह बात साबित होने के बाद जेल अधीक्षक नैनी द्वारा साइबर थाने में मामले की तहरीर दी गई. साइबर एक्ट के तहत मामले को दर्ज करके टीम छानबीन में जुट गई. तफ्तीश में साइबर थाने की टीम द्वारा अभियुक्त सुजीत बिन्द नामक शख्स को गिरफ्तार करके बुधवार को जेल भेजा गया. फर्जी आदेश को मेल करने के लिए जिस सिम का प्रयोग किया गया था वह सुजीत के नाम पर ही था.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। नैनी सेंट्रल जेल में विवेक सिंह को कुछ माह पूर्व प्रशासनिक आधार पर भेजा गया था। बताते हैं कि शातिर किस्म के अपराधी विवेक पर हत्या का आरोप है। नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया गया कि फरवरी के अंतिम सप्ताह में एक आदेश मेल के जरिए नैनी सेंट्रल जेल के अफसरों को मिला। यह आदेश एक न्यायिक अधिकारी के नाम से था। मेल पर मिले आदेश में पत्र में लिखा था कि विवेक सिंह को नैनी से फतेहगढ़ जेल में शिफ्ट कर दिया जाय। बताते हैं कि इस तरह के आदेशों को जरिए डाक अदान प्रदान होता है। यही वजह कारण था कि प्राप्त मेल पर जेल के अफसरों को संदेह हो गया। इसी शक की बिना पर जेल अधिकारियों ने मेल पर आए आदेश की छानबीन शुरू कर दी। तफ्तीश कीि गई तो चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। मालूम चला कि किसी भी न्यायाधीश के जरिए ऐसा कोई आदेश भेजा ही नहीं गया। इसके बाद तो बात जिले से लेकर लखनऊ तक जा पहुंची। जेल अधीक्षक ने लिखवायी रिपोर्ट
शातिर के इस कारनामें से प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मच गया। आदेश फर्जी साबित होने पर जेल अधीक्षक द्वारा साइबर थाने में तहरीर दी गई। तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज करके साइबर थाने की पुलिस मामले की जांच में जुट गई। जांच कर रही थाने की टीम द्वारा गाजीपुर के सुजीत को गिरफ्तार किया गया। कहा यह जा रहा कि अभी क्लियर रूप से यह बात स्पष्ट नहीं हुई कि फर्जी आदेश भेजा किसने था। इस लिए प्रकरण की छानबीन अभी जारी है। हालांकि साइबर थाने के इंस्पेक्टर यह कहा है कि गिरफ्तार आरोपित को जेल भेज दिया गया है।

मामले की रिपोर्ट साइबर एक्ट के तहत साइबर थाने में दर्ज कराई गई है। जांच पूरी होने के बाद ही आगे कुछ बता पाएंगे।एसपी पांडेय, जेल अधीक्षक

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