195500भारतीय जाली मुद्रा शातिरों के पास से बरामद03मोबाइल और एक आधार कार्ड भी मिला02बाइक के साथ महज 330 रुपये ही बरामद हुए असली--डेढ़ लाख नकली नोट दो बार में खपा चुके हैं शातिर तीसरी कोशिश में हुए गिरफ्तार --- हेड क्रासरहत्या के केस में जमानत पर छूटने के बाद नकली नोटों का सौदागर बन गया ट्रक चालक पूर्व माध्यमिक विद्यालय में तैनात अनुदेशक भी निकला नकली नोट सप्लायर गैंग का गुर्गाभारतीय करेंसी की जाली नोटों की तस्करी करने वाले गैंग के दो गुर्गे सोमवार को एसटीएफ के हत्थे चढ़े. इनकी गिरफ्तारी माण्डा रोड तिराहे से थोड़ा आगे मीरजापुर मार्ग से की गई. गिरफ्तार किए गए अंतरराष्ट्रीय गैंग के दोनों गुर्गों में एक ट्रक चालक है. जबकि दूसरा प्राथमिक विद्यालय अनुदेशक के पद पर तैनात था. रिश्ते में ट्रक चालक शातिर अनुदेशक का फूफा लगता है. फूफा व भतीजे मिले कर अपने-अपने मार्केट में काफी नकली नोट खफा चुके हैं. आसानी से नकली नोट मार्केट में चलाने के बाद इनकी लालच बढ़ गई थी. इस बार दोनों करीब दो की नकली नोट खपाने के फिराक में थे. नकली नोट की पूरी खेप वह चला पाते इसके पहले दबोच लिए गए. इनके पास से एक लाख 95 हजार 500 नकली नोट एसटीएफ द्वारा बरामद की गई है.

प्रयागराज ब्यूरो । स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को नकली नोट के कारोबार की सटीक खबर मिली थी। बताया गया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में एक का नाम उमाशंकर बिन्द पुत्र स्व। राम अधार बिन्द है। माण्डा थाना क्षेत्र के हेमपुर गांव निवासी उमाशंकर इस धंधे में आने के पहले ट्रक चलाया करता था। जबकि राम बाबू बिन्दु पुत्र स्व। राम लाल मीरजापुर जिले के थाना जिगना स्थित गोगांव का रहने वाला है। अभियुक्त उमाशंकर पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि 1996 में वह ट्रक चलाने का काम करता था। वर्ष 2016 में गांव के ही मेवालाल बिन्द की हत्या हो गई थी। हत्या की इस घटना में उसका नाम आने के बाद पुलिस जेल भेज दी थी। नैनी कारागार में उसकी मुलाकात पहले से बंद अच्छे लाल चौरसिया, कपूर चंद जायसवाल व नकली नोट के माफिया दीपक मण्डल के रिश्तेदार सुभाष मण्डल व बहनोई विश्वजीत सरकार से हुई। जेल में ही उसे नकली नोट के कारोबार की सटीक जानकारी हुई। इसी वर्ष अप्रैल महीने में उमाशंकर जेल से जमानत पर रिहा हुआ।

लोकल मार्केट में खपाते थे नोट
जेल से छूटा तो वह सुभाष मण्डल से संपर्क किया। बुलावे पर वह सुभाष मण्डल से मिलने के लिए जुलाई में पश्चिम बंगाल गया।
वहां सुभाष मण्डल से वह पहली बार 50 हजार रुपये नकली नोट लेकर वापस लौटा। जिसे वह स्थानीय बाजार की दुकानों पर आसानी से चला दिया।
दूसरी बार अगस्त में फिर पश्चिम बंगाल कालिया चक गया और इस मर्तबा एक लाख रुपये नकली नोट लेकर लौटा।
इस बार नकली नोट में से 50 हजार भतीजे राम बाबू को चलाने के दिया। दोनों मिलकर कुछ ही दिनों एक लाख रुपये का यह नकली नोट अपने-अपने मार्केट में चला डाले।
लगातार मिली सफलता के और यह देखकर दोनों फूफा भतीजे लालच में आ गए। दो नवंबर को वह फिर और नकली नोट लाने के लिए पश्चिम बंगाल जा पहुंचा।
इस बार वहां से शातिर उमाशंकर दो लाख रुपये नकली नोट लेकर चार नवंबर को वापस आया। इसमें से 4500 नकली रुपयों को फिर वह स्थानीय बाजार में खपा दिया।
बताया कि रिश्तेदार रामबाबू बिन्द से 40 हजार रुपये सुभाष मण्डल निवासी जयनपुर जिला मालदा पश्चिम बंगाल के अकाउंट में डलवाया था।
इसके एवज में सोमवार को ही 80 हजार रुपये की नकली नोट रामबाबू को दिया था।
पूछताछ में रामबाबू ने टीम को बताया कि वह 2013 से गावं के ही पूर्व माध्यमिक विद्यालय अनुदेशक के पद पर तैनात है।
कहा कि उमाशंकर रिश्ते में उसके फूफा लगते हैं। जेल से छूटकर आए तो कुछ ही दिनों में बगैर कोई काम किए उसकी लिविंग स्टाइल चेंज दिखने लगी।
पूछने पर जब उन्होंने नकली नोट की जानकारी दी तो वह भी उसके साथ इस धंधे में शामिल हो गया।

यह दोनों तो गैंग के एक गुर्गे मात्र हैं। इनका नेटवर्क पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ था। अब उस नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने के लिए जाल बिछाया जा रहा है। जल्द ही टीम पश्चिम बंगाल भेजी जाएगी।
नावेन्दु कुमार, पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ

Posted By: Inextlive