गोली मारकर फर्जी लूट का पर्दाफाश
कारोबारी को फंसाने के लिए रची गई थी साजिश
घूरपुर थाना क्षेत्र में चार दिन पहले हुई थी वारदात घूरपुर में सर्राफ शिवकुमार सोनी को गोली मारकर लाखों के आभूषण व पैसा लूटने का मामला फर्जी पाया गया है। पुलिस ने शिव कुमार उर्फ कोखराज उसके भाई गिरधारी लाल, मंटू व सर्वेश मिश्रा उर्फ पप्पू और धनराज भारतीया को गिरफ्तार करते हुए वारदात का पर्दाफाश किया है। आरोपितों के कब्जे से आभूषण, तमंचा और कारतूस बरामद किया। अभियुक्त शिवकुमार ने एक कारोबारी को फंसाने के लिए फर्जी लूट की साजिश रची थी। मीडिया के सामने पेश कियाशनिवार शाम पुलिस लाइन सभागार में अभियुक्तों को मीडिया के सामने पेश किया गया। एसपी यमुनापार सौरभ दीक्षित ने बताया कि बारा जिले के छीड़ी गांव निवासी शिवकुमार ने अतरसुइया में रहने वाले एक सराफा कारोबारी से करीब 12 लाख रुपये उधार लिए थे। कुछ और भी व्यापारियों से लेनदेन का विवाद चल रहा था। पैसा मांगने से परेशान होकर शिवकुमार ने अपने बचपन के साथी छीड़ी गांव के ही सर्वेश मिश्रा उर्फ पप्पू से संपर्क किया। इसके बाद दोनों ने मड़ौका नैनी निवासी धनराज भारतीया समेत अन्य के साथ मिलकर कारोबारी को फर्जी मुकदमे में फंसाने के लिए प्लान तैयार किया। योजना के मुताबिक चार दिन पहले घूरपुर के इरादतगंज ओवरब्रिज के पास धनराज ने शिवकुमार के दाहिने हाथ में गोली मार दी और जेवरात को गिरधारी व मंटू के घर पर छिपा दिया। पीडि़त की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की और फिर कॉल डिटेल रिपोर्ट के आधार पर सर्वेश को पकड़ लिया। कड़ाई से पूछताछ में उसने सारी कहानी बयां कर दी। थानाध्यक्ष घूरपुर भुवनेश चौबे, एसआइ वीरेंद्र प्रताप और एसओजी प्रभारी संतोष सिंह ने शिवकुमार समेत अन्य को दबोच लिया। एसपी ने बताया कि तीन मार्च को शिवकुमार की दूसरे सराफा कारोबारी से फोन पर बात हुई थी, जिसमें उसने फर्जी मुकदमा में फंसाने की धमकी दी थी। धनराज और सर्वेश मिश्रा शातिर अपराधी हैं, पहले भी जेल जा चुके हैं।