एसआईटी के लिए चैलेंज बनी चश्मदीद
प्रयागराज (ब्यूरो)। अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों शूटरों के खिलाफ पुलिस साक्ष्य कलेक्शन में जुट गई है। एसआईटी घटना वाले दिन मौके के से वायरल वीडियों के कलेक्शन का काम शुरू कर चुकी है। जिस होटल में शूटर रुके थे वहां के सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर टीम पहले ही कब्जे में ले चुकी है। शूटरों के खिलाफ पुख्ता प्रमाण की तलाश में जुटी एसआईटी को घटना में चश्मदीद गवाह की दरकार है। जुटाए जाने वाले साक्ष्य में चश्मदीद गवाह को खोलना ही टीम के लिए चैलेंज भरा काम साबित हो रहा है। क्योंकि उस वक्त मौके पर तमाम फुटेज में दिखाई दे रहे लोग कुछ बोलने को तैयार नहीं हो रहे।
इलेक्ट्रानिक साक्ष्य पर फोकस
सुरक्षा में रहे पुलिस के जवानों का बयान टीम पहले ही दर्ज कर चुकी है। हालांकि केस में खुद धूमनगंज थाना प्रभारी वादी हैं, इसलिए चश्मदीद रहे पुलिस के जवानों की गवाही को कोर्ट बहुत तवज्जो नहीं देगा। फिर घटना में एवीडेंस और मजबूत करने के लिए टीम के अफसर दूसरे इलेक्ट्रानिक साक्ष्य भी जुटा रहे हैं। शूटरों के मोबाइल का सीडीआर भी टीम कलेक्ट कर चुकी है। शहर के काल्विन गेट पर 15 अप्रैल को अतीक व अशरफ की तीन शूटरों ने हत्या कर दी थी। तीनों शूटर प्रतापगढ़ जिले की जेल में बंद हैं। मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी तफ्तीश के एक-एक पार्ट को आगे बढ़ा रही है। घटना की छानबीन कर रही एसआईटी के द्वारा अब साक्ष्य संकलन का काम शुरू कर दिया है। इलेक्ट्रानिक साक्ष्य तो टीम के हाथ आसानी से लग गए हैं। कुछ दिन जिस होटल स्टे इन में शूटर रुके थे वहां का डीवीआर टीम कब्जे में ले चुकी है। सोशल मीडिया पर वायरल घटना के तमाम वीडियो व उसके फुटेज को भी टीम कलेक्ट कर चुकी है। टीम के पास घटना से जुड़े इलेक्ट्रानिक साक्ष्य काफी मजबूत हैं। इन साक्ष्यों के बूते कोर्ट में बहुत मजबूती से टीम गुनाह को साबित नहीं कर सकती। सूत्र कहते हैं कि यही वजह है कि अब एसआईटी घटना में चश्मदीद गवाह की तलाश कर ही है। हालांकि जुटाए गए वायरल व आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में कई लोग घटना के वक्त आसपास दिखाई दे रहे हैं। मगर, वह इस घटना के सम्बंध में टीम से कुछ भी बोलने को राजी नहीं है। सूत्र कहते हैं टीम के सामने इसी चश्मदीद के साक्ष्य की तलाश का सबसे बड़ा चैलेंज हैं। क्योंकि अतीक और अशरफ की शूटरों के द्वारा हत्या करते हुए देखने वाले तो बहुत रहे, पर पुलिस के सामने बोलने को कोई तैयार नहीं है।