सड़क सुरक्षा को लेकर कमिश्नर और एडीजी जोन ने ली बैठक टैंपो और ई रिक्शा संचालन को व्यवस्थित बनाने पर जोरसड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने की कवायद तेज हो गई है. इसके लिए अब मंडल के सभी जिलों के पिछले तीन सालों की दुर्घटना स्थलों यानी ब्लैक स्पाट्स का ब्यौरा तैयार किया जाएगा. शनिवार को सभी जिलों की बैठक को संबंधित करते हुए कमिश्नर संजय गोयल एवं एडीजी जोन प्रेम प्रकाश ने कहा सभी ब्लैक स्पाट्स की जानकारी इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस आईरैड पर दर्ज कराई जाए. आईरैड पर अपलोड की गई जानकारी की मदद से अधिक दुर्घटना वाले ब्लैक स्पॉट्स को चिन्हित करना और आसान होगा. साथ ही जिन स्थानों को पहले से ही ब्लैक स्पॉट्स घोषित किया जा चुका है वहां पर अभी तक क्या कार्य किया गया है उसकी जानकारी क् हफ्ते के भीतर उनके समक्ष प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए हैं.

प्रयागराज (ब्यूरो)। तय रूटों पर चलेंगे टैंपो और ई रिक्शा
टेंपो चालकों को टेंपो की कलर कोडिंग एवं नंबरिंग करने को कहा गया है
जिससे सिर्फ उसी नंबर एवं कलर कोड के टेंपो को एक एरिया में चलाया जा सके।
उदाहरण के तौर पर यदि ब्लू कलर के टैग वाले 100 टेंपो को सिविल लाइन एरिया में चलाने की अनुमति दी जाती है तो सिर्फ 1 से 100 नंबर वाले ब्लू टैग टेंपो ही वहां चलाए जाएंगे।
इस तरह का विभाजन करने से सड़कों को डीकन्जेस्ट करना आसान होगा।
इसी क्रम में जनपद के सभी ई-रिक्शा का भी शत-प्रतिशत रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं
नॉन रजिस्टर्ड ई रिक्शा के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करते हुए उन्हें सड़कों से हटाने को कहा गया है।
ट्रैफिक जंक्शन के 50 मीटर के भीतर उन्हें ई-रिक्शा रोकने की अनुमति नहीं है।

हटाए जाएंगे अवैध आटो स्टैंड
स्टेक होल्डर्स को निर्देशित किया गया है कि वह अपने स्तर पर कार्यवाही कर अवैध रूप से बनाए गए स्टैंड्स को चिन्हित करें।
वहां से टेंपो/ई रिक्शा तुरंत हटाना सुनिश्चित करें। ऑटो स्टैंड के लिए पार्किंग प्लेस चिन्हित किया जाय
स्कूलों में चल रहे अवैध वाहनों (जो स्कूली वाहनों के रूप में रजिस्टर्ड नहीं है) को रोकने हेतु कार्यवाही पर चर्चा हुई
कमिश्नर ने मंडल में रजिस्टर्ड स्कूल बसों के सापेक्ष कितनी बसों का अब तक फिटनेस टेस्ट नहीं हो पाया है इस की एक सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही कितने प्राइवेट वाहन स्कूलों में चलाए जा रहे हैं पर रजिस्टर्ड नहीं है इसकी भी एक सूची तैयार करने को कहा है।
इन सभी कार्यों हेतु संबंधित विभागों के अधिकारियों को एक माह का समय दिया गया है
जिसके भीतर उन्हें आख्या प्रस्तुत करनी होगी।
इसके अतिरिक्त कैरेक्टर वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट भी सभी वाहन मालिकों से अनिवार्य रूप से लेने को कहा गया है।

प्रशिक्षित होंगे ट्रामा सेंटर के स्टाफ
सड़क दुर्घटना में लोगों को मरने से रोकने हेतु प्राइवेट हॉस्पिटल एवं नर्सिंग होम एसोसिएशन से बात कर उनके यहां उपलब्ध ट्रॉमा सेंटरों को और सुव्यवस्थित करने एवं उस में कार्यरत एक्सपर्ट्स का आवश्यकता अनुसार प्रशिक्षण कराने का भी सुझाव दिया गया है। इसके दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को उन सभी के साथ एक संबंध में बैठक करने को कहा गया है। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक डॉ। राकेश सिंह सहित सभी जिलों के एसपी, नगर आयुक्त रवि रंजन समेत अन्य अधिकारीगण भी मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive