लोकल पानी को लेकर यात्रियों ने ट्विटर व सोशल मीडिया पर उठाई आवाज - सबसे ज्यादा आवागमन वाले बस अड्डे व रेलवे स्टेशन के बाहर बिकता है लोकल बोतल बंद पानी शहर के प्रमुख जगहों पर अधिक मुनाफे के चक्कर में लोकल पानी की बोतल धड़ल्ले से बेची जा रही है. जिम्मेदार अधिकारियों ने भी आंखे बंद कर रखी है. अब इस परेशानी को यात्रियों ने ट्विटर व सोशल मीडिया के जरिए आवाज उठाई है. यात्रियों का कहना है कि सबसे ज्यादा आवागमन वाले बस अड्डे व रेलवे स्टेशन के बाहर लोकल पानी बिकता है. अक्सर जल्दीबाजी व बस व ट्रेन पकड़े के चलते यात्री बिना सोचे समझें लोकल पानी की बोतल खरीद लेते हैं. जिसके बाद दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट रिपोर्टर ने गुरुवार को सिविल लाइंस बस अड्डे के अंदर स्टॉल व दुकानों का रियलिटी चेक किया. तो यहां मुनाफे का 'खेलÓ समझ में आया. जहां लोकल पानी की बोतल बेचने पर एक स्टाफ का कहना था कि मुनाफा ज्यादा है इसलिए धड़ल्ले से बिक रहा है. यही नहीं अधिकारी खुद भी चाहते हैं बिके. आइए आपको समझाते है इस मुनाफे का क्या है पूरा खेल.

प्रयागराज (ब्यूरो)। जिले के अंदर ब्रांडेड से ज्यादा लोकल पानी की बोतल, पाउच और केन का बिजनेस है। सिविल लाइंस, प्रयाग, जीरो रोड और रेलवे स्टेशन के बाहर पानी की गुमटी हर जहां लोकल ब्रांड के पानी की बोतल और पाउच बिकते मिल जाएंगे। इन बोतल में भरा पानी कितना शुद्ध है, इसका कोई मानक तक नहीं है। हां दाम जरूर ब्रांडेड कंपनियों जैसे है। लोग प्यास बुझाने के लिए मजबूरी में लोकल पानी खरीदते है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के रियलिटी चेक में पता चला क लोकल पानी का कारोबार हर दिन करोड़ों रुपये का है। करीब सवा लाख बोतल की बिक्री हर रोज है। पब्लिक से पंद्रह रुपये से बीस रुपये पानी की बोतल का वसूला जाता है। दो करोड़ रुपये केवल लोकल ब्रांड पानी से कारोबार होता है, जबकि पाउच और पानी के केन का भी लाखों का कारोबार है। लोकल ब्रांड पानी की बोतल की कीमत तीन से चार रुपये आती है। ठंडे पानी के नाम पर बीस रुपये तक वसूले जाते है।

अधिकतर लोकल ब्रांड तक नहीं देते टैक्स
रियलिटी चेक में यह भी निकल कर सामने आया है कि इस तरह का कारोबार करने वाले सरकार को कोई टैक्स तक नहीं देते हैं। अधिकतर लोकल ब्रांड पानी के बोतल वाले टैक्स चोरी करते हैं। तभी इतने सस्ते में बिकते हैं। कार्रवाई के नाम पर एक-दो लोगों को पकड़ा जरूर जाता है। लेकिन ये कारोबार धड़ल्ले से जारी है। दुकानदार को इन बोतलों की बिक्री में भी कमीशन मिलता है। लिहाजा, वो भी खुलेआम इन्हें बेचने से गुरेज नहीं करते है।

बड़े पैमाने पर ब्रांडेड मिनरल वाटर से मिलते-जुलते नाम की पानी की बोतलें महंगे दाम में बिक रही है। इससे दुकानदार से लेकर प्लांट संचालक तक मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है।
प्रियंक पांडेय, यात्री

फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट को सब पता होता है। इसी मुनाफे का फायदा सब मिलकर उठा रहे हैं। सिर्फ जनता इसका शिकार हो रही है। पैसा पूरा देने के बाद भी शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है। यात्री जल्दीबाजी में कितना ध्यान दें।
धनंजय सिंह, यात्री

स्टेशन पर ट्रेन के आने पर धड़ल्ले से लोकल ब्रांड का पानी बिकता है। यह बात किसी से छिपी नहीं है। यात्रियों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है। अगर आप पूरा पैसा ले रहे है तो ब्रांडेड पानी की बोतल देने में क्या दिक्कत है।
अंशु श्रीवास्ताव, यात्री

यात्रियों की शिकायत आई है तो उसे चेक कराया जाएगा। अगर कोई बस अड्डे के अंदर लोकल पानी की बोतल को बेच रहा है तो एक्शन लिया जाएगा।
एमके त्रिवेदी आरएम प्रयागराज


जवाब देने से बचते रहे अधिकारी
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट के जिम्मेदार लोगों से वर्जन लेना चाहा तो हर कोई पल्ला झाड़ते नजर आए। अपने से उच अधिकारियों से संपर्क कर वर्जन लेने की बात कही। उच अधिकारियों का फोन ही नहीं उठा। इससे साफ है कि हर कोई मुनाफे के खेल को जनता है।


यह बात आई सामने
- ब्रांडेड कंपनी की पैकिंग में पानी में लिमिटेड फिक्स रहता है प्रॉफिट
- बिना फिल्टरेशन के खुलेआम बेची जाती है लोकल ब्रांड पानी की बोतल
- न शुद्धता की जांच होती है न स्वास्थ्य मानकों का ख्याल रखा जाता है
- सिविल लाइंस बस अड्डे, रेलवे स्टेशन के बाहर, मॉडल शॉप, गुमटियां व अस्पतालों के बाहर सबसे ज्यादा बिक्री

Posted By: Inextlive