हर गर्भवती को पता होगा अपना एचआईवी स्टेटस
प्रयागराज ब्यूरो । अब प्रत्येक गर्भवती महिला को अपने एचआईवी स्टेटस की जानकारी होगी। जिससे वह एचआईवी और सिफलिस को अपने शिशु में जाने से रोकने में स्वासथ्य विभाग की मदद कर सके। इसके लिए जिले में नाको द्वारा पायलेट परियोजना के रूप में 'एलिमिनेशन ऑफ़ वर्टीकल ट्रांसमिशन ऑफ़ एचआईवी/सिफलिसÓ चलाया जा रहा है। प्रदेश में इसकी पायलेट प्राजेक्ट में रूप में गुरुवार से शुरुआत की गई है। इस अवसर पर कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रयागराज में गर्भवती
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपर परियोजना निदेशक उ प्र राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी डॉ। हीरालाल ने बताया लगभग 95 प्रतिशत गर्भवती का नामांकन एचआईएमएस पर होता है। लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक नामांकित गर्भवतियों में से सभी को अपना एचआईवी का स्टेटस पता होना चाहिए। इसके लिए सभी की एचआईवी और सिफलिस की जांच होनी चाहिए। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सबसे पहले ज्यादा एचआईवी/सिफलिस प्रसार, घनी आबादी और सबसे ज्यादा संख्या में गर्भवती होने की वजह से प्रयागराज में पायलेट प्रोजेक्ट की शुरुआत गुरुवार को कर दी गयी है। यहां पर मिले निष्कर्ष को पूरे प्रदेश में अमल लाया जायेगा। एक्ट के तहत होगा नामांकन
उन्होंने बताया कि चार स्तर पर यह प्रोजेक्ट चलाया जायेगा, सबसे पहले एचआईवी संक्रमण की प्राथमिक रोकथाम, एचआईवी संक्रमित महिलाओं में अनपेक्षित गर्भधारण की रोकथाम, एचआईवी संक्रमित महिलाओं से उनके शिशुओं में एचआईवी संचरण की रोकथाम, एचआईवी संक्रमित को देखभाल और सहायता का प्रावधान आदि। उन्होंने बताया कि लगभग 25 प्रतिशत गर्भवती प्राइवेट अस्पताल में अपनी जांच कराती हैं, ऐसे में उनका नामांकन क्लिनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के तहत होना चाहिए। उनको गर्भावस्था के दौरान जो भी समस्या आ रही हैं, उनका समाधान मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्तर पर होना चाहिए और उनको पूरा सहयोग करना चाहिए। कार्यक्रम में प्रोजेक्ट सम्बन्धी सभी जानकारी की बुकलेट का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कमिश्नर विजय विश्वास पंत, सीएमओ डॉ। आशू पांडेय, जिला क्षय रोग अधिकारी एके तिवारी, डॉ। गीता अग्रवाल, डॉ। माया बाजपेई, अजय शुक्ला, नीरज श्रीवास्तव, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ। एसपी सिंह आदि उपस्थित रहे।