फाफामऊ गंगा नदी पर बने ब्रिज के मेंटिनेंस का काम शुरू करने से पहले बनाए गए दोनों पांटून पुल की स्थिति डेंजर हो गई है. पांटून पुल से लेकर बनाई गई टेंप्रेरी रोड की चकर प्लेट यहां हादसे को दावत दे रही है. ट्रैफिक लोड के चलते चकर प्लेटें जगह-जगह जमीन में बंध गए हैं. इस प्लेट के धंसने से जगह-जगह गड्ढे जैसी स्थिति बन गई है. पांटून पुल पर कई स्थानों पर दो चकर प्लेट के बीच लंबा गैप हो गया गया है. कहीं-कहीं पर चार से आठ अंगल चकर प्लेंटें ऊपर नीचे हो गए हैं. इस पुल पर बीच-बीच इतने खतरनाक गड््ढे हैं कि यात्री व चालक सहम जाते हैं. इस पांटून पुल से गुजरने वाले चार पहिया वाहन सवार कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं. हर रोज हजारों लोगों के मौत को देवत दे रहे इस पांटून पुल व चकर प्लेट को देखने की फुर्सत किसी को नहीं है. ऐसे में यात्री व चालक कहते हैं कि कभी फुर्सत मिले तो डीएम साहब आप ही इधर आ जाइए...!

प्रयागराज (ब्‍यूरो)।
01 अप्रैल से शुरू हुआ था फाफामऊ ब्रिज के मेंटिनेंस का काम
30 अप्रैल है मेंटिनेंस की आखिरी डेट
25 दिन बीत चुके हैं मेंटिनेंस के लिए मिले समय से
04 दिन ही विभाग के पास शेष हैं काम पूरा कराने के लिए

तीस अप्रैल तो पूरा हो जाएगा काम?
एक अप्रैल से फाफामऊ गंगा नदी पर बने ब्रिज के मेंटिनेंस का काम शुरू हुआ। पीडब्लूडी के राष्ट्रीय राजमार्ग सेतु निगम विंग को यह वर्क सौंपा गया। इंजीनियरों ने काम पूरा करने के लिए एक महीने का वक्त मांगा था। लिहाजा उन्हें इस काम के लिए 30 अप्रैल तक की मोहलत दी गई। आज 26 अप्रैल है। काम को पूरा करने के लिए विभाग के पास 04 दिन ही शेष बचे हैं। हालांकि वर्क की स्थिति व स्पीड को देख रहे लोगों की मानें तो बचे हुए चार दिन में काम का पूरा होना मुश्किल है। तीस अप्रैल तक काम पूरा नहीं हुआ तो टाइम और बढ़ाना ही पड़ेगा। खैर यह काम कराने वाले विभाग की टेंशन है, वही जानें। पब्लिक को रियल खतरा व समस्या तो आवागमन के लिए बनाए गए पांटून पुल से है।

पांटूनपुल व चकर प्लेट की दयनीय दशा
गंगा पर बने ब्रिज से हर रोज हजारों लोग आवागमन करते हैं। चूंकि ब्रिज का मेंटिनेंस होना था लिहाजा चार वहिया छोटी गाडिय़ों के लिए बगल में दो पांटून पुल बनाए गए। पांटून पुल का निर्माण पीडब्लूडी सीडी-4 के द्वारा कराया गया। जिम्मेदार पांटून पुल का ठेका देकर विभाग ने बनवा तो दिया। मगर, उसके मेंटिनेंस पर ध्यान देना भूल गया। अफसर नींद में खो गए तो ठेकेदार भी चादर तान लिया।
पांटून पुल के मेंटिनेंस की उपेक्षा का खामियाजा पब्लिक भुगत रही है। हर रोज पांटून पुल से हजारों लोग चार पहिया वाहन से शहर आ और जा रहे हैं। ट्रैफिक प्रेशर से पांटून पुल पर बिछाए गए चकर प्लेट जगह-जगह धंस गए हैं। स्थिति यह है कि एक प्लेट दूसरी से करी आठ अंगुल ऊपर नीचे हो गई है। कई जगह चकर प्लेट के उठे हुए कार्नर गाडिय़ों टायर तक फाड़ दे रहे। गाडिय़ों के चालक कहते हैं कि चकर प्लेट की यह डेंजर स्थिति पांटून पुल से लेकर कछार में बनाई गई टेंप्रेरी रोड पर फाफामऊ पानी टंकी तक है। पांटुल पुल के बीच में कई जगह ऐसे गड्ढे हैं जिसमें किसी न किसी कार व तिपहिया वाहनों के पहिए रोज फंस ही जाते हैं। इससे पांटून पुल पर जाम की स्थिति बन जाती है। इस स्थिति में यदि गाडिय़ां पांटूनपुल पर थोड़ा सा डिसबैलेंस हो जायं तो बड़ा हादसा होने से कोई रोक नहीं सकता। हालात गवाह हैं कि हर रोज हजारों यात्री जान हथेली पर रखकर इस पांटूनपुल से सफर करने को मजबूर हैं। विभाग और जिम्मेदार हैं कि उन्हें इस तरफ देखने की तनिक भी फुर्सत नहीं है। इस जर्जर स्थिति के बीच धूल नहीं उड़े इस लिए लगाए गए कर्मचारी पानी डालकर रास्ते में और भी खतरा बढ़ा दे रहे हैं।

हम घर से शहर जा रहे हैं। थोड़ी दूर पर बिछाई गई चकर प्लेट उठी थी उसमें जिस तिपहिया वाहन में बैठा था वह फंस गया है। इसलिए उतर कर मैं पांटून पुल के पास आ गया। प्लेट की स्थिति काफी खराब है। हम तो रोज आवागमन करते हैं, सब देख रहे लेकिन हमारे देखने से क्या होगा।
रत्नेश त्रिपाठी, यात्री मऊआईमा

साहब हम चालक बहुत परेशान हैं। आए दिन तिपहिया वाहन चकर प्लेट की वजह से पलट जाते हैं। चकर प्लेट गाडिय़ों के टायर तक को फाड़ दे रहा। हम खुद जब से पांटून पुल से ट्रैफिक शुरू हुआ दो टायर बदलवा चुके। कितना भी संभल कर चलें हर जगह तो चकर प्लेट खतरा बने हैं। कहीं न कहीं टायर में धंस ही जाते हैं। क्या करें काम भी तो नहीं बंद कर सकते।
चंदे हरिजन, चालक नवाबगंज कौडि़हार

फाफामऊ ब्रिज के मेंटिनेंस का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। हमारी पूरी कोशिश है कि महीने की आखिरी तारीख के अंदर काम समाप्त कर लें। पुल के रोड से सम्बंधित काम कर लेंगे। बाकी के रेलिंग आदि के काम ट्रैफिक चालू होने पर भी कराते रहेंगे।
इं। जय प्रकाश दुबे, सहायक अभियंता रा.मा। से.नि। पीडब्लूडी

पांटून पुल पर ट्रैफिक लोड ओवर है। हम रात भर चकर प्लेट दुरुस्त कराते हैं और सुबह वह फिर खराब हो जाता है। कर्मचारी व लेबर भी पानी और मिट्टी आदि डालने के काम में लगे हैं। पूरी सावधानी और कोशिश है कि चकर प्लेट सही रहे। मगर ट्रैफिक लोग इतना है कि खराब ही समस्या आ ही जाती है।
सत्यार्थ नाथ, सहायक अभियंता सीडी-4 पीडब्लूडी

Posted By: Inextlive