मॉर्निंग वॉक पर निकलने वालों के लिए भी बज रही है खतरे की घंटी

प्रयागराज (ब्यूरो)। करीब एक सप्ताह से अधिक बीत चुके हैं। शहर के पॉश इलाकों की हवा साफ होने का नाम नहीं ले रही है। तेलियरगंज के आसपास का इलाका सर्वाधिक खराब स्थिति में है। यहां का एक्यूआई लेवल सबसे ज्यादा है। हार्ट ऑफ द सिटी कहे जाने वाले सिविल लाइंस एरिया में भी प्रदूषण खतरे की घंटी बजा रहा है। यहां भी हवा खतरनाक स्तर तक पहुंच गयी है। दोनो इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के आंकड़े को पार कर चुका है। यह स्थिति दमा के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है तो मार्निंग वॉक पर निकलने वालों के लिए भी खतरे की घंटी बजा रही है।

प्रदूषण के प्रमुख कारक
पार्टिकुलेट मैटर यानी पीएम-2.5 की मात्रा गुणवत्ता मानक से दो गुना और पीएम-10 की मात्रा ढाई गुना अधिक है।
तेलियरगंज में एक्यूआइ 316 और सिविल लाइंस में 314 दर्ज किया गया है।
सर्दियां शुरू होने पर बढ़े हवा के घनत्व और हवा नहीं बहने की वजह से वायु प्रदूषण 300 से कम नहीं हो रहा है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार हवा चलने या फिर बारिश होने की स्थिति में ही प्रदूषण से राहत मिल सकेगी।
एक तरफ तेलियरगंज और सिविल लाइंस सर्वाधिक प्रदूषित रहे पर झूंसी में इन दोनों क्षेत्रों की अपेक्षा कुछ राहत रही।
झूंसी में एक्यूआइ 240 दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानियों के अनुसार वाहनों से निकले प्रदूषण और पराली जलाने की घटनाओं ने भी शहर की आबोहवा को खराब किया है।
10 दिनों से न्यूनतम तापमान 16 से 17 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है
अधिकतम तापमान में कमी आई है और यह 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास मंडरा रहा है।

तापमान में एक डिग्री की गिरावट
सुबह बादलों की मौजूदगी के बीच तापमान में एक डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहा। आर्द्रता में भी मामूली कमी दर्ज की गई है। यह 94 से घटकर 90 रह गई। विज्ञानियों की मानें तो मौसम का चक्र 20 से 25 दिन आगे शिफ्ट हो गया है। ऐसे में सर्दियों का मौसम देरी से शुरू होकर देर तक चलेगा। इस स्थिति में नवंबर के अंतिम सप्ताह से ठंड और बढ़ेगी तथा कोहरे की शुरुआत हो जाएगी और तापमान में भी कमी आएगी।

पराली जलाने का प्रयागराज में एक भी मामला नहीं
प्रयागराज की हवा खराब करने में पंजाब और हरियाणा के साथ पश्चिम के जिलों का बड़ा रोल है। माना जा रहा है कि वहां से आने वाली हवा ही प्रयागराज में प्रदूषण का बड़ा कारण है। प्रयागराज में प्रशासन पहले से ही एलर्ट मोड में है। प्रशासन की तरफ से पराली जलाना प्रतिबंधित किया जा चुका है। पराली जलाया जाना पुष्ट होने पर एफआईआर तक कराने का प्रावधान है। पिछले साल इस संबंध में कुछ मुकदमे दर्ज किये भी गये थे लेकिन इस साल अभी तक किसी भी थाने में मुकदमा दर्ज होने की कोई सूचना फिलहाल तक नहीं है। प्रयागराज में प्रदूषण का स्तर बढ़ाने में बड़ा रोल दिवाली पर हुई आतिशबाजी को बताया जा रहा है। कारण चाहे जो भी हो लेकिन शहरवासी इससे जूझ रहे हैं। तीन एरियाज का ही डाटा हम इसलिए इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि इन्हीं तीन इलाकों में एक्यूआई मापने का सिस्टम लगा हुआ है।

प्रदूषण बड़े पैमाने पर बढ़ जाने का कारण पराली जलाया जाना है। दिवाली के मौके पर छोड़े गये पटाखों से इसे और मजबूती मिली है। बारिश की प्रदूषण से मुक्ति दिला सकती है। रविवार तक प्रदूषण से राहत नहीं मिलेगी।
प्रोफेसर एआर सिद्दीकी
मौसम विज्ञानी, एचओडी, भूगोल विभाग इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

316
दर्ज किया गया तेलियरगंज में गुरुवार को एक्यूआई लेवल
314
एक्यूआई लेवल के साथ सिविल लाइंस की भी हवा खराब
240
एक्यूआई लेवल होने से झूंसी एरिया में है थोड़ी राहत

Posted By: Inextlive