प्रयागराज- बाढ़ का पानी लौटा तो महामारी का खतरा बढ़ जाता है। जिससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। विभाग ने कुल 26 टीमों का गठन किया है और इसमें डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ बाढ़ पीडि़तों को इलाज उपलब्ध कराने का काम करेंगे। अधिकारियों का कहना है कि जरूरत पड़ी तो अलग से भी टीमें बनाई जाएंगी।

फिलहाल शेल्टर में हैं टीमें

शहर में बाढ़ पीडि़तों के लिए कुल दस शेल्टर बनाए गए हैं। इनमें इस समय बीस टीमों को तैनात किया गया है जो सुबह शाम अपनी सेवाएं दे रही हैं। इसी क्रम में तीन टीमों को कंट्रोल रूम में रखा गया है और तीन टीमें सीएमओ आफिस में मौजूद हैं। जिला संक्रामक रोग अधिकारी डॉ। एसएन बरनवाल ने बताया कि जरूरत पड़ने पर नई टीमों को लगाया जाएगा। गुरुवार को टीमों को गौसनगर मक्का मस्जिद के पास के इलाकों में नाव से भेजा गया था। वहां पर बीमार लोगों को टीम ने दवा और क्लोरीन की गोली उपलब्ध कराई है।

इन बीमारियों से बचना जरूरी

जिन एरिया में बाढ़ आई है वहां पर सबसे ज्यादा खतरा जल जनित बीमारियों से होता है। इनमें उल्टी, दस्त, पेट में कीड़े, जाइंडिस मेन हैं। इसके अलावा स्किन की बीमारियों में खुजली और दाने का संक्रमण भी तेजी से होता है। इनकी दवाएं टीमों को उपलब्ध करा दी गई हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि पानी का उबाल कर पिएं। इनमें क्लोरीन की गोली मिलाएं। गंदी चीजों को मत छुएं। नगर निगम द्वारा सफाई व्यवस्था किए जाने के बाद ही घरों में प्रवेश करें। क्योंकि नदियों का पानी वापस जाता है तो तमाम कीचड़ और गंदगी छोड़ जाता है जो वाकई बीमारियों का कारण बन जाता है।

हमारे पास टीमें तैयार हैं और जरूरत पड़ने पर उनको लगाया जाएगा। दवाओं की कमी हमारे पास नहीं है। बाढ़ ग्रस्त एरिया के शेल्टर्स में हमारी टीमें रोजाना जाकर लोगों को इलाज कर रही हैं।

डॉ। नानक सरन, सीएमओ प्रयागराज

Posted By: Inextlive