हद है, यहां दरोगा से भी नहीं डरते हैं दबंग
प्रयागराज (ब्यूरो)। थरवई इलाके में तो दबंगों ने हद ही कर दी। पहचान बताने के बाद भी पहले उप निरीक्षक संजीव कुमार सिंह को पीट दिया और फिर उनका मोबाइल व पैसा ही नहीं सोने की चैन तक छीन ले गए। सुबूत मिटाने के लिए दबंग जब जान से मारने की बात करने लगे उनके रोंगटे खड़े हो गए। मौका पाते ही उन्होंने पैदल भागकर अपनी जान बचायी। किसी तरह वह थाने पहुंचे और आरोपितों के खिलाफ तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज करायी। थरवई पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। आरोपित को पकडऩे के लिए पुलिस ने दबिश देना शुरू कर दिया है।
इंस्पेक्टर का सीयूजी बंद
बलिया जनपद के कथरिया नरही निवासी अशोक सिंह का बेटा संजीव कुमार सिंह पुलिस विभाग में उप निरीक्षक हैं। इन दिनों उनकी तैनाती कमिश्नरेट प्रयागराज स्थित गंगानगर के थरवई थाने पर है। थाने पर दी गई तहरीर में संजीव ने बताया कि शुक्रवार की शाम करीब छह बजे वह एक मुकदमे के वांछित की लाश के लिए सिविल ड्रेस में निकले थे। वांछित का पता लगाते हुए वे 40 नंबर गोमती जा पहुंचे। थोड़ी देर बाद वहां पर जाम लग गया। जाम में फंसे लोगों को देखकर वह ट्रैफिक स्मूथ कराने के लिए जा पहुंचे। यह जाम रास्ते में एक सफेद स्विफ्ट कार नंबर यूपी 70 जीएक्स 1713 खड़ी थी। व सामने से बस भी खड़ी थी। कार में दो लोग बैठे हुए थे। उप निरीक्षक अपना परिचय देते हुए कार को आगे साइड से निकालने के लिए कहने लगे। इस पर वे दोनों कार से उतरे और राहगीरों से विवाद करने लगे।
विवाद शांत कराने की कोशिश में जब उन्होंने समझाने का प्रयास किया तो बात मानने के बजाय एक ने अपने साथियों व पिता को बुला लिया। जब वह गाड़ी में बैठे एक दूसरे व्यक्ति से नाम पूछे वे खुद को अनुराग यादव बताया। दरोगा ने कहा कि उनकी गाड़ी में बैठते हुए थाने चले के लिए कहा। आरोपित गाड़ी 40 नंबर गोमती से सीधे थाने नहीं ले जाकर हाटमनगंज की ओर मोड़ दिए। आगे एक खाली प्लाट में गाड़ी खड़ी करके वे उप निरीक्षक की पिटाई शुरू कर दिए। दरोगा की पिटाई के बाद दबंगों ने उनके पास मौजूद पांच हजार रुपये, मोबाइल व सोने की एक चैन छीन लिए।
पैदल भागना पड़ा
तहरीर में दरोगा ने कहा कि सुबूत मिटाने के लिए वे जान से मारने की बात करने लगे। इतने में वे मौका पाकर पैदल भाग कर अपनी जान बचाए। मामले में पुलिस ने आरोपित अनुराग यादव व उसके पिता एवं कार चालक सहित कुछ अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले में जानकारी के लिए थरवई इंस्पेक्टर अरविंद कुमार गौतम के सीयूजी नंबर पर कई बार कॉल की गई। जितनी बार फोन लगाया गया कि उनका मोबाइल स्विच ऑफ ही बताता रहा।