कमाई के साथ छिन गया रोजगार
वेटर को एक रात का 350 से 400 मिलता है मेहनताना
लगन में 15 से 20 हजार तक हो जाती थी कमाईप्रयागराज- शादियों के सीजन में सिर्फ बैंड, बाजा, फ्लावर डेकोरेटर, वीडियो व स्टिल फोटोग्राफर ही नहीं, बल्कि छोटे-छोटे कई रोजगार पाने वालों पर इस भी इस बार आफत आ गई है। क्योंकि शादियां कैंसिल होने से इनके साल भर की कमाई का रोजगार छिन गया। बात कर रहे हैं शादियों में लोगों की सेवा करने वाले वेटर्स की। जो डिनर के टेबल से लेकर लोगों तक पानी सर्व करते हैं। ऐसे में इनको समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वे क्या करें। क्योंकि इसके अलावा कोई दूसरा रोजगार नहीं है। साल भर की लगन की होने वाली कमाई के बाद पूरे साल अगर कोई काम मिला तो ठीक, नहीं तो पूरा साल ऐसे ही बीतता है। पिछले एक साल से लगन में कोरोना महामारी के कारण शादियां कैंसिल होने के कारण इनका रोजगार भी पूरी तरह से बंद हो गया है।
एक सीजन में 15 से 20 हजार की होती है कमाईशादियों के सीजन में वेटर का काम करने वाले लोगों ने बताया कि एक लगन में 15 से 20 हजार तक की कमाई हो जाती है। एक रात का 350 से 400 रुपए मिल जाते है। कई बार तो 400 से 500 रुपए भी मिल जाते हैं। अगर किस्मत अच्छी रही तो टिप भी मिल जाता है। जिससे लगन में कोई-कोई दिन तो 500 से 1000 रुपए तक कमाई हो जाती है। लेकिन लास्ट इयर अप्रैल, मई और जून की लगन में कोई शादि का फंक्शन नहीं हुआ। इसके बाद ठंड के मौसम में भी कोई खास लगन नहीं होने से उतनी कमाई नहीं हो सकी। उम्मीद थी कि इस बार अप्रैल से लेकर जून तक की लगन में अच्छा काम मिलेगा तो थोड़ी कमाई दूर होगी। लेकिन कोरोना महामारी के कारण गेस्ट हाउस से होने वाली ज्यादातर शादियां कैंसिल हो गई। जिसके बाद कोई कमाई का दूसरा आप्शन नहीं मिला। अगर यही हाल रहा तो भूखों मरने की नौबत आनी तय है। लॉक डाउन के कारण मजदूरी का काम भी इस समय नहीं मिल रहा है। जिससे दो पैसे की कमाई हो सके।
नहीं है दूसरा कोई रोजगारवेटर का काम करने वाले जय प्रकाश ने बताया कि उनके पिता नहीं है। घर पर कमाने वाले वो और उनका छोटा भाई है। साल भर लगन से थोड़े पैसे मिल जाते हैं। इसके अलावा कोई स्थाई दूसरा रोजगार नहीं है। हालांकि होली और राखी पर छोटी दुकान लगा लेते हैं। जिससे थोड़े पैसे मिल जाते हैं। छोटा भाई राम प्रकाश फूल की दुकान में काम करता है। पूरे परिवार का खर्च इन्हीं पैसों से चलता है। ऐसे में इस बार भी शादियां कैंसिल होने के कारण कोई आप्शन नहीं मिला है। लॉक डाउन के कारण भी दिक्कत हो रही है। क्योकि सारे रास्ते इस समय बंद है। समझ नहीं आ रहा है कि आखिर साल भर घर का खर्च कैसे चलेगा।
- कोई दूसरा स्थाई काम नहीं है। लगन के सीजन में रात भर काम करने पर थोड़े पैसे मिल जाते थे। इससे घर का खर्च चलता था। लेकिन इस बार तो उसका भी रास्ता बंद हो गया। आगे कैसे होगा, ये भगवान भरोसे छोड़ दिया है। जय प्रकाश - लगन के सीजन में एक महीने में 10 से 15काम मिल जाता है। लेकिन पिछले साल से लेकर अब तक कोई बुकिंग नहीं है। कोई दूसरा काम भी नहीं है कि उसी से कमाई हो सके। मोनू कुमार