बार एसोसिएशन में आने के बाद सुखद अनुभव हो रहा है. वकालत के दौरान की यादें ताजा हो गईं. यह बात इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल ने हाई कोर्ट बार के लाइब्रेरी हाल में गुरुवार को कहीं. वह हाई कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित अपने अभिनंदन समारोह में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट व जिला न्यायालयों में लंबित मुकदमों का निस्तारण जल्द हो उस दिशा में विशेष प्रयास किया जा रहा है. इसमें बार का सहयोग भी लिया जाएगा. कहा कि वकालत के दौरान बार एसोसिएशन जैसी संस्था से ही अत्यधिक चीजें सीखने को मिली हैं जो आज भी उनकी कार्य समता को बढ़ाने का कार्य कर रही हैं.


प्रयागराज (ब्यूरो) अध्यक्षता कर रहे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने हाई कोर्ट में रिवाइज सिस्टम व कार्य में समयबद्धता लागू करने पर जोर दिया। कहा कि ऐसा होने से केसों की बेहतर सुनवाई हो सकेगी। न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने कहा कि बीते दो वर्षों में कोविड-19 के कारण अधिवक्ता समाज को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। इसके बावजूद अधिवक्ता विषम परिस्थितियों में वादकारियों के हित में कार्य करते रहे। न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने कहा कि वर्तमान विषम परिस्थितियों में हाई कोर्ट ने न्याय प्रक्रिया को रुकने नहीं दिया। स्वागत एसोसिएशन के महासचिव सत्यधीर सिंह जादौन व संचालन संयुक्त सचिव प्रशासन संजय सिंह सोमवंशी ने किया, जबकि आभार वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम में न्यायमूर्ति डा। केजे ठाकर, न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी, न्यायमूर्ति सुनील कुमार, न्यायमूर्ति जेजे मुनीर, न्यायमूर्ति डा। वाईके श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति उमेश कुमार, न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार, न्यायमूर्ति वीसी दीक्षित, न्यायमूर्ति गौतम चौधरी, न्यायमूर्ति समित गोपाल, न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी, न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी, न्यायमूर्ति विकास बुधवार का भी अभिनंदन हुआ।

Posted By: Inextlive