50 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध ट्रांजेक्शन के भी सूबूत लगे हाथकरीब सौ प्रॉपर्टी फर्म में बिल्डर व कारोबारी संग अतीक अहमद का नामइंडियन और विदेशी कंपनी के कागजात एवं विदेशी करेंसी भी लगी हाथ

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शहर में बिल्डर्स व कारोबारियों सहित कई प्रॉपर्टी डीलर्स सहित कुल 15 जगह की गई छापेमारी में ईडी को कई सम्पत्तियों के दस्तावेज व लाखों रुपये मिले हैं। दस्तावेजों में कई वेशकीमती प्रॉपर्टियां अतीक के नाम दर्ज हैं। कई फर्मों के ऐसे कागजात मिले हैं जिसमें अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन व उसका बेटा उमर का नाम बतौर डायरेक्टर है। ईडी के हाथ कुछ विदेशी कंपनियों के भी कागजात मिले हैं। हालांकि इनमें अतीक या उसी फेमिली के किसी मेंबर का नाम फिलहाल सामने नहीं आया है। इस कार्रवाई में मिले रुपयों को ईडी सीज कर दिया है। विदेशी करेंसियां भी बरामद की गई हैं। नोट गिनने की मशीनें भी मिली हैं। छापेमारी में मिले में मिले कैस व दस्तावेज एवं रुपयों के लेनदेन से ईडी ने शक जाहिर किया है कि जिनके यहां भी छापेमारी की गई उन सभी के काम में अतीक का इनवाल्वमेंट है। ईडी की टीम देर शाम तक छापेमारी करके छानबीन में जुटी रही।

75 लाख कैश किया जब्त
ईडी की ओर से देर रात दी गई जानकारी में कहा गया कि कुल 15 स्थानों पर की गई छापेमारी के दौरान 75 लाख इंडियन करेंसी बरामद की गई है। इन रुपयों को सीज कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त फारेन करेंसी भी बरामद की गई है। करीब एक दर्जन से अधिक विदेशी कंपिनयों के कागजात भी ईडी के हाथ लगे हैं। हालांकि इसमें अतीक फेमिली के किसी मेंबर का नाम सामने नहीं आया है। ईडी का मानना है कि अतीक अहमद इन विदेशी कंपनियों का संचालन दूसरों के नाम से कर रहा होगा। इस बात की गहन पड़ताल की जाएगी। इंडिया के दिल्ली व मुंबई एवं गुजरात जैसे प्रदेशों वं उत्तर प्रदेश में कई ऐसे फर्म के कागजात मिले हैं जिसमें अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और उसके बड़े बेटे उमर का नाम बतौर डायरेक्टर है।

100 प्रापर्टी के कागज अतीक के नाम
बरामद करीब 100 प्रॉपर्टी के कागजात अतीक के नाम ही हैं। जमीन से जुड़े काम करने वाली कुछ फर्म के कागजात भी अतीक के नाम से हैं। अवैध तरीके से किए गए 50 करोड़ से भी अधिक रुपयों के ट्रांजेक्शन के भी सुबूत ईडी को मिले हैं। ऐसे भी प्रॉपर्टी के कागजात मिले हैं जो किसानों से विवाद से जुड़े हैं। अतीक अहमद के नाम बेनामी सम्पत्तियों के भी सुबूत ईडी के हाथ लग गए हैं। ईडी से जुड़े सूत्र कहते हैं कि लगभग 200 बैंक अकाउंट ऐसे मिले हैं जिसमें लाखों व करोड़ों रुपयों की लेनदेन अलग-अलग लोगों के नाम से की किया गया है। कहा गया है कि यह सारे कागजात अतीक अहमद के अकाउंटेंट सीताराम शुक्ला व अमित दीप मोटर के मालिक दीपक भार्गव और बिल्डर संजीव अग्रवाल व अतीक अहमद के अधिवक्ता खालिद जफर, गुलफुल प्रधान, पूर्व विधायक आशिफ जाफरी व मोसिम एवं काली आदि के घर एवं उनके दफ्तरों से बरामद किए गए हैं। इन कागजातों व साक्ष्यों के आधार पर अब ईडी प्रथम दृष्टया इस निष्कर्ष पर पहुंची यह सभी अतीक की ब्लैक मनी को बिजनेस व्यापार के नाम सफेद में कनवर्ट किया करते थे। इन दस्तावेजों के बरामद होने के बाद ईडी पीडीए यानी प्रयागराज विकास प्राधिकरण भी पहुंची। वहां से भी अतीक व उसकी फेमिली और बिल्डर्स के नाम मौजूद कई प्रॉपर्टी के दस्तावेजों को कब्जे में ली है।

जान लें कौन हैं जिनके यहां हुई छापेमारी
संजीव अग्रवाल
सिविल लाइंस के एल्गिन रोड पर आलीशान बंगला। यहां शानदार स्वीमिंग पूल, टेनिस कोर्ट सहित अन्य लग्जरी सुविधाएं हैं। विनायक सिटी सेंटर माल और विनायक ग्रुप का मालिक है। इसी माल में पीवीआर भी है। सिविल लाइंस, अशोक नगर, जार्जटाउन, चौक, सुलेम सराय, कटरा में आवासीय एवं व्यावसायिक भवन। शेरवानी लीगेसी के भीतर सेंट्रल पार्क के नाम से टाउनसिप संजीव अग्रवाल की ओर से बसाई जा रही है। शहर के बड़े बिल्डरों में नाम शुमार है और प्रभावशाली व सफेदपोश लोगों से गहरे संबंध हैं। इन्वेस्टर्स समिट में विनायक ग्रुप की तरफ से 595 करोड़ रुपये के निवेश करने प्रस्ताव दिया गया था। बताया जाता है कि संजीव अग्रवाल कभी कटरा में करीब डेढ़ दशक पहले कंप्यूटर इंस्टीट्यूट संचालित करता था और बाद में पुश्तैनी जमीन पर बिल्डिंग बनाने का काम शुरू किया और आज अरबों रुपये का मालिक है।
दीपक भार्गव
राजस्थान के बड़े व्यवसायी निरंजन लाल भार्गव प्रयागराज (तब इलाहाबाद) आए तो यहीं पर बस गए। उन्होंने अपने नाम से टाकीज बनवाया और इसी तरह उनके भाई विश्वंभर नाथ भार्गव के नाम से सिनेमा हाल बना। निरंजन लाल ने अपने बहनोई के बेटे को गोद लिया, उन्हीं के बेटे दीपक भार्गव हैं। दीपक की धूमनगंज के सुलेम सराय में जानकी वाटिका के भीतर शानदार कोठी है। सुलेम सराय में ही अमितदीप मोटर्स के नाम से कार का शोरूम है। सिविल लाइंस में अंसल अपार्टमेंट के पास से नेक्सा कार का शोरूम भी है। बाद में परिवार के सदस्य आटोमोबाइल के कारोबार में उतर आए। बुधवार को अतीक अहमद से इनका नाम जुडऩे की जानकारी होने पर लोग दंग रह गए।
आसिफ जाफरी
करेली के सी ब्लाक असगरी मार्केट के पास मकान। प्रापर्टी से लेकर कई तरह का कारोबार। वर्ष 2012 में कौशांबी के चायल विधानसभा से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज की। इसके बाद पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज जब सपा में शामिल हुए तो आसिफ जाफरी ने भी सपा का दामन थाम लिया। अतीक गैंग से पहले भी नाम जुड़ता रहा है। बताया जाता है कि अतीक के जुड़े लोगों की मदद भी आसिफ जाफरी की ओर से की जाती रही है।

खान शौलत हनीफ
माफिया अतीक का अधिवक्ता। धूमनगंज में कबीरमठ रोड पर बंगला। अतीक, उसके बेटे और करीबियों के मुकदमों की पैरवी पिछले 30 साल से कर रहा था। करोड़ों रुपये के चल और अचल संपत्ति अर्जित की। उमेश पाल अपहरण कांड में अतीक के साथ खान शौलत हनीफ को भी सश्रम आजीवन कारावास की सजा मिली। वह नैनी जेल में बंद है।

सीताराम शुक्ला
माफिया अतीक का लेखाकार। खुल्दाबाद के लूकरगंज में शानदार मकान। माफिया अतीक की नामी और बेनामी संपत्ति व लेखा-जोखा का पूरा हिसाब इसके पास ही रहता है। अतीक के साथ ही उसके कई सहयोगियों की कंपनियों के लेनदेन का रिकार्ड इसके पास मौजूद है। माफिया के लिए लंबे समय से सीताराम बतौर लेखाकार काम करता आ रहा है।

खालिद जफर
धूमनगंज थाना क्षेत्र के कालिंदीपुरम 120 फीट रोड पर आलीशान मकान। हिमालयन बिल्डर के नाम से अलग-अलग प्रोजेक्ट चला रहा है। माफिया अतीक का रिश्तेदार और फायनेंसर। खालिद के बेटे का दोस्त पांच लाख का इनामी असद है। उमेश पाल की हत्या के बाद खालिद जफर की कार के साथ असद की फोटो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुई थी।

काली और मोहसिन
दोनों भाई हैं और अतीक के बेहद खास हैं। करेली के 16 मार्केट दुल्हन पैलेस के पास मकान है। करेली के बी ब्लाक में दोनों भाईयों ने महमूद अपार्टमेंट बनवाया और गौसनगर तरफ भी कई प्रोजेक्ट हैं। लंबे समय प्रापर्टी डीलिंग का काम कर रहे हैं। बताया जाता है कि मोहसिन और काली पहले डिटर्जेंट पाउडर की कंपनी खोली थी, जो बाद में बंद हो गई।

मो। वदूद और असद
माफिया अतीक गैंग से जुड़ा है। बजहा गांव का रहने वाला है। इसका अब्बा गुलफुल गांव का प्रधान और हिस्ट्रीशीटर था। वर्ष 2021 में कोरोना काल के दौरान गुलफुल की मौत हो गई थी। इसके बाद वदूद अतीक गिरोह से जुड़ गया और प्रापर्टी का काम करने लगा। इसी तहर असद भी अतीक गैंग का सदस्य है और प्रापर्टी का काम करता है। वह राजरूपपुर इलाके का रहने वाला है।

सबीह अहमद
अतीक का बेहद करीबी है। चार्टेड एकाउंटेंट है। नुरुल्लाह रोड पर स्थित मुस्तफा कांप्लेक्स में दफ्तर बनाया हुआ है। बताया जाता है कि सबीह भी अतीक के पैसों का हिसाब-किताब रखने में मदद करता है। वह करेली इलाके का रहने वाला है और अतीक गैंग से जुड़े लोगों के साथ उठता-बैठता है।

Posted By: Inextlive