तीस सितंबर से शहर में दौड़ने लगेगी ई-बस
पीएम मोदी एक साथ आठ शहरों के लिए दो सौ बस को दिखा सकते हैं हरी झंडी
रूट फाइनल करने पर चल रहा मंथन, चार्जिग स्टेशन का तेजी से हो रहा निर्माणवह दिन दूर नहीं जब शहर के पॉल्यूशन लेवल पर लगाम लग जाएगा। इसके लिए सिटी में इलेक्ट्रिक बस चलाने की तैयारी है। एक तरफ जहां बस के लिए चार्जिग प्वाइंट के निर्माण का कार्य जोरशोर से चल रहा है तो दूसरी ओर इन बसों के लिए रूट निर्धारण पर भी मंथन चल रहा है। फिलहाल रूट निर्धारण में शहर के उन जगहों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां पैसेंजर्स की अवेबिलिटी सबसे अधिक होती है। शुरुआत में जिन रूट पर पैसेंजर्स की पर्याप्त संख्या रहेगी। उन रूट पर ही इन बसों का संचालन किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर रूट के साथ बसों की संख्या भी बढ़ा दी जाएगी। सूत्रों की माने नैनी से झूंसी तक व सिविल लाइंस एयरपोर्ट तक को ई-बस से जोड़ने की तैयारी है। यानी हर रूट के लोग एयरपोर्ट से सीधे जुड़ जाएंगे। जिसको जल्दी ही देश के प्रधानमंत्री हरी झंडी दिखा सकते है।
ट्रांसफार्मर की हो रही फिटिंगनैनी एरिया में बन रहे चार्जिग प्वाइंट स्टेशन में नोएडा व गाजियाबाद से 1600-1600 केवीए के विद्युत ट्रांसफार्मर आए हैं। इन ट्रांसफार्मरों को चार्जिग स्टेशन पर लगाने का कार्य अंतिम दौर में है। इनके प्लेटफार्म पर स्थापित होते ही इनको बिजली से जोड़कर चार्ज करने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। सितंबर के पहले हफ्ते तक इसे पूरा करने का टारगेट इंजीनियर मान कर चल रहे हैं। इसलिए माना जा रहा है कि तीस सितंबर तक शहर की सड़कों पर दौड़ने लगेगी।
पहले फेस में आठ जिलों में दो सौ बसों का संचालन इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगे इंजीनियरों की माने तो प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, झांसी, कानपुर, गाजियाबाद, मेरठ में पहले फेस में संचालित किया जाएगा। इन आठ जिलों में टोटल दो सौ बसें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। हर एक जिले में शुरुआती दौर में 25 बसें मिलेंगी। इसके लिए ड्राइवर व कंडक्टर अलग होंगे। शासन के निर्देश परआउटसोर्सिग पर कंडक्टर व ड्राइवर नियुक्त किए जाएंगे। जिसके के लिए बकायदा हेड क्वार्टर से जल्द ही टेंडर जारी हो जाएगा। नेट बेकिंग के जरिये पेमेंट करने तक ही सुविधा की बात कही जा रही है। हाई लाइट - सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज के तहत नैनी में इलेक्ट्रिक बस चार्जिग स्टेशन कार्य तेजी से चल रहा- कोरोना के चलते लगभग छह महीने तक कार्य बंद हो गया था
- लेकिन स्थिति सामान्य होते ही एक बार फिर कार्य न तेजी पकड़ ली है - यहां प्लेटफार्म तैयार करने के साथ ही बाउंड्रीवाल लगभग तैयार हो गया है - स्टेशन में एक साथ पचास इलेक्ट्रिक बसों का चार्ज किया जा सकता है - उनका मेंटनेंस करने की भी सुविधा वहीं पर होगी ताकि कहींदूर न जाना पड़ा - लखनऊ में इलेक्ट्रिक बस सर्विस का ट्रायल पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों ने कार्यो की प्रोग्रेस रिपार्ट मांगी है - बस में अंदर और बाहर डिजिटल डिस्प्ले स्क्रीन लगी होगी - जिससे लोग आने वाले स्टापेज को पल-पल देख सकेंगे इन खर्च के आंकड़ों पर गौर करें - 12 करोड़ से अधिक की लागत से तैयार हो रहा चार्जिग स्टेशन - एक साथ 50 बस चार्जिग प्लेटफार्म हो सकेंगी खड़ा - पूरे बाउंड्री वाल से घिरा होगा कैंपस - मेंटेनेंस वर्क के लिए 40 के करीब होंगे टेक्निकल इंजीनियर और स्टाफ फर्स्ट फेस में प्रयागराज सहित वाराणसी गोरखपुर, लखनऊ, झांसी, कानपुर, गाजियाबाद, मेरठ में चलेगी बसचार्जिग प्वाइंट स्टेशन का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। लेकिन बीच में बारिश के चलते काफी दिनों तक बंद पड़ा था। कुछ कार्य शेष है जिन्हें निर्धारित समय में पूरा कर लिया जाएगा।
डीके यादव, इंजीनियर,राजकीय निर्माण निगम (सीएनडीएस)