ई रिक्शा के बाद सड़क पर धमाल मचाएंगे ई-आटो
प्रयागराज (ब्यूरो)।- सड़कों पर ई रिक्शा से लगने वाले जाम से परेशान लोगों के लिए एक और सिरदर्द भरी खबर है। शहर की सड़कों पर जल्द ही ई रिक्शा की तर्ज पर ई आटो का संचालन होने जा रहा है। अगर आरटीओ और टै्रफिक विभाग ने इनके रूट का निर्धारण नहीं किया तो जाम की समस्या कई गुना बढ़ सकती है। वैसे भी वर्तमान में लोग ई रिक्शा वालों की मनमानी का शिकार हो रहे हैं। तीन शहरों में चलाए जाने की योजना
शुरुआती दौर में ई आटो यूपी के तीन शहरों में चलाए जाने की योजना है। जिसमें प्रयागराज, वाराणसी और लखनऊ शामिल है। शुरुआत में इनकी संख्या 400 के आसपास होगी और बाद में इनकी संख्या में इजाफा होगा। एक बार चार्ज करने पर यह दो सौ किमी के आसपास की दूरी तय करेंगे। फिलहाल अभी आरटीओ विभाग की माने तो इन्हे शहर के बाहर ही चलाया जाएगा। यह भी बताया जा रहा है कि इन्हे बंद हुई जेएनएनयूआरएम की बसों का विकल्प बनाया जाएगा। इनका रजिस्ट्रेशन भी ई रिक्शा की तरह आरटीओ विभाग करेगा। अधिकारियों की माने तो सरकार की मंशा बैटरी और सीएनजी चालित वाहनों को प्रमोट करने की है। ई आटो का संचालन इसी कड़ी में शामिल है।
बिना रूट निर्धारण चलाना घातक
देखा जाए तो शुरुआत में ई रिक्शा को लेकर भी आरटीओ व ट्रैफिक विभाग ने यही बयान दिए थे लेकिन बाद में यह यातायात व्यवस्था के लिए सिरदर्द बन गए हैं। वर्तमान में 25 हजार के लगभग ई रिक्शा चल रहे हैं और इनमें से 5 हजार बिना रजिस्ट्रेशन बताए जा रहे हैं। इनकी बढ़ती संख्या और रूट निर्धारण नही होने से चौक, सिविल लाइंस, अल्लापुर, मुट््ठीगंज, लूकरगंज, तेलियरगंज, यूनिवर्सिर्टी, कर्नलगंज, नैनी, झूंसी, फाफामऊ सहित तमाम एरिया में जाम की स्थिति बनी रहती है। कई साल बाद भी इनके संचालन की कोई रूपरेखा तैयार नही की जा सकी है। यही हाल रहा तो ई आटो भी शहर के लिए सिरदर्द बन सकते हैं।एक नजर में ई आटो- एक बार चार्ज करने पर 175 किमी की तय करेगे दूरी- बैटरी संचालित ई आटो बिजली से होंगे चार्ज- डेढ़ से चार लाख रुपए तक तय की गई कीमत- जल्द ही शहर में खोल दिए जाएंगे इनके शोरूम- इ आटो के मॉरूल में कॉम्पैक्ट आरई, अल्फ मिनी, ट्रेओ, अल्फा, अल्फा डीलक्स आदि शामिल हैं।- एक बार में चार लोग ई-ऑटो में सफर कर सकेंगे।
ई-ऑटो के चलने से एयर पाल्यूशन पर लगाम लग सकेगी। ऑलरेडी डीजल चालित वाहनो ंको बैन कर दिया गया है। इसी कड़ी में सीएनजी और बैटरी चालित वाहनों को प्राथमिकता दी जा रही है। राजीव चतुर्वेदी, एआरटीओ (प्रशासन)